18 साल पहले पूर्व PM मनमोहन सिंह ने इग्जैक्टली क्या कहा था जिसे लेकर वायरल है पीएम मोदी का बयान?
साल 2006 की राष्ट्रीय विकास परिषद की 52वीं बैठक में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने अपना सम्बोधन दिया था. उस सम्बोधन में उन्होंने कमजोर वर्गों SC/ST, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को लेकर बात की थी.
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Muslim Controversy: पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के एक कथित पुराने बयान का हवाला देकर ऐसी बात कही है, जिसपर बवाल मचा हुआ है. असल में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर 2006 को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित किया था. इसी भाषण के एक अंश को लेकर 18 साल बाद अब बवाल मचा हुआ है. पूर्व पीएम के इसी भाषण को कोट करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को मुस्लिमों का हितैषी करार दिया है. उन्होंने ये तक कहा है कि, कांग्रेस की सरकार वाले तो ये कहते थे कि, देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.' इसी बात को लेकर जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. आइए आपको बताते हैं उस भाषण में मनमोहन सिंह ने आखिर कहा क्या था?
पहले जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने बीते दिन राजस्थान के बांसवाड़ा में एक चुनावी रैली की. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. पीएम ने कहा कि, 'अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में बांट देगी'. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि वे माताओं और बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसके बारे में जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को अल्पसंख्यकों को बांट देंगे. इसके साथ ही उन्होंने इस बात की पुष्टि इस बात से की कि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि, देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.' इसका मतलब है कि ये संपत्ति एकत्र कर किसे बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, ये संपत्ति उनको बांटेंगे. ये संपत्ति घुसपैठियों को बांटेंगे.
मनमोहन सिंह ने तब क्या कहा था?
साल 2006 की राष्ट्रीय विकास परिषद की 52वीं बैठक में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने अपना सम्बोधन दिया था. उस सम्बोधन में उन्होंने कमजोर वर्गों SC/ST, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को लेकर बात की थी. पीएम ने कहा था कि, 'मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं. हमें कृषि, सिंचाई और जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण निवेश और सामान्य बुनियादी ढांचे के लिए जरूरी सार्वजनिक निवेश की आवश्यक्ता है. साथ ही, SC/ST, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों के उत्थान के लिए कार्यक्रमों की जरूत है. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास की योजनाओं को फिर से शुरू करने की जरूरत है. हमें यह सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनानी होंगी जिनसे अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों को विकास से हुए लाभों में समान हिस्सेदारी मिले. संसाधनों पर पहला दावा 'उनका'(They) होना चाहिए.'मनमोहन सिंह के इसी बयान कि, 'संसाधनों पर पहला दावा 'उनका'(They) होना चाहिए.' पर पूरा बवाल छिड़ा हुआ है. पीएम मोदी और बीजेपी के लोग ये दावा कर रहे हैं कि, ऐसा उन्होंने मुसलमानों के लिए कहा था. इसी बयान को लेकर पीएम ने बीते दिन की सभा में भी वो बात कही कि, देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है.'
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मनमोहन सिंह के बयान पर पहले ही स्थिति साफ कर चुका है प्रधानमंत्री कार्यालय
कोई पहली बार नहीं है जब मनमोहन सिंह के बयान को लेकर विवाद हुआ हो, या पीएम मोदी ने पहली बार इसका जिक्र किया हो. कांग्रेस की सरकार के समय भी बीजेपी ने इस मामले पर हल्ला मचाया था. तब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने 10 दिसंबर 2006 को बकायदे एक प्रेस रिलीज जारी कर इस मामले को स्पष्ट किया हुआ था. इसमें लिखा था कि जैसा कि तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के भाषण में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बात की गई थी. और जब उन्होंने कहा कि संसाधनों पर पहला दावा उनका है, तो उसका मतलब इन सारे तबके के विकास से था.
इस प्रेस रिलीज को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है.
https://archivepmo.nic.in/drmanmohansingh/press-details.php?nodeid=516
पर शायद सियासत इसी को कहते हैं कि आज इस बयान के 18 साल पूरे हो चुके हैं और अभी भी इसका इस्तेमाल सियासी भाषणों में किया जा रहा है.