राजस्थान में फलोदी का सट्टा बाजार खेल रहा ये कैसा खेल! सीटों को लेकर पलट रहा सारे अनुमान

देवराज गौर

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राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार ने राज्य में चुनावों को लेकर अपने दावे किए हैं.
राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार ने राज्य में चुनावों को लेकर अपने दावे किए हैं.
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फलोदी सट्टा बाजारः राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर प्रचार जोरों पर है. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में वोटिंग हो गई है तो राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में वोट पड़ने बाकी हैं. राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग होगी. लोग चौक-चौराहों पर हार-जीत को लेकर अनुमान लगा रहे हैं. इसी बीच राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार भी रोज की सियासत के आधार पर आपने आंकड़ों में फेरबदल करता नजर आ रहा है. आइए बताते हैं कि क्या कह रहा है फलोदी का सट्टा बाजारः

राजस्थान में किसे जिता रहा फलोदी सट्टा बाजार

राजस्थान में सट्टा बाजार के अनुमान के मुताबिक विधानसभा की कुल 200 सीटों में से सत्ताधारी कांग्रेस को 62-65 सीटें तो बीजेपी को 122 से 124 सीटें मिलते हुए बताया जा रहा है. निर्दलीय भी सट्टा बाजार के मुताबिक 10-15 सीटें जीत सकते हैं. यानी सट्टा बाजार सीधा-सीधा राज्य में बीजेपी की सरकार बनाते हुए दिखा रहा है. फलोदी सट्टा बाजार में बीजेपी का रेट 20-22 पैसे प्रति सीट तो कांग्रेस का साढ़े तीन से चार रुपए प्रति सीट भाव चल रहा है. सट्टा बाजार में जिस पार्टी का रेट जितना कम होता है उसकी जीत की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है.

कांग्रेस का मैनिफेस्टो या मोदी की रैली, क्या है सट्टा बाजार का मूड

राजस्थान में चुनाव प्रचार 23 नवंबर यानी गुरुवार की शाम 5 बजे से थम जाएगा. उससे पहले दोनों ही पार्टियां अपना पूरा दम-खम झोंकने में लगी हैं. सत्ताधारी कांग्रेस ने अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया है. राज्य में प्रधानमंत्री मोदी अपनी रैलियों से वोटरों को अपने पाले में खींचने की कोशिश में लगे हैं. सवाल यह है कि कांग्रेस का मैनिफेस्टो भारी पड़ेगा या मोदी की रैली और रोड शो? सटोरियों का अनुमान है कि राज्य में कांग्रेस के मैनिफेस्टो का नहीं बल्कि मोदी के रोडशो का ज्यादा असर है.

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वसुंधरा को लेकर सट्टा बाजार ने किया बड़ा दावा

सट्टा बाजार के मुताबिक अगर बीजेपी सत्ता में आने के बाद वसुंधरा को सीएम नहीं बनाती है तो वह पाला बदल सकती हैं. वसुंधरा कांग्रेस के साथ मिलकर अशोक गहलोत की सरकार बनवा सकती हैं. वसुंधरा के साथ 40-50 विधायक टूटने की आशंका है.

क्या है फलोदी

फलोदी राजस्थान के नए बने 17 जिलों में से एक है. पहले यह जोधपुर जिले का हिस्सा था. यह जोधपुर से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. फलोदी का सट्टा बाजार सटोरियों का गढ़ माना जाता है. सट्टा बाजार के बारे में लोग कहते हैं कि टीवी चैनलों के सर्वे फेल हो जाते हैं लेकिर फलोदी का सट्टा बाजार कभी फेल नहीं होता है.

कैसे काम करता है सट्टा मार्केट

किसी को नहीं पता कि फलोदी का सट्टा बाजार कब से काम कर रहा है. एक अनुमान के मुताबिक फलोदी का सट्टा बाजार करीब 450 सालों से काम कर रहा है. फलोदी में हर तरह का सट्टा लगता है. छोटे से छोटे चुनाव से लेकर बड़े से बड़े चुनाव, क्रिकेट मैच में वनडे, टेस्ट, टी-20, आईपीएल और छोटे से छोटे मैच के लिए सट्टा लगता है. फलोदी में अजीबो-गरीब सट्टा भी लगाया जाता है. जैसे बारिश होने न होने को लेकर, बुल फाइटिंग, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव, कार रेसिंग और किसी भी संभावना को लेकर जो मायने रखती है उस पर फलोदी सट्टा बाजार में सट्टा लगाया जाता है. फलोदी सट्टा बाजार के लोग इसे उद्योग मानते हैं. फलोदी में 5-6 साल का बच्चा यह सीखते हुए बड़ा होता है और वह भी इसी प्रक्रिया में शामिल हो जाता है.

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(राजस्थान Tak के विमल भाटिया के इनपुट्स के आधार पर.)

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Disclaimer: इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे रुझानों को दिखाना है. न्यूज तक इन दावों का समर्थन नहीं करता है. नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं. सट्टा खेलना कानूनन अपराध है.

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