कौन हैं डेरेक ओ ब्रायन, जो आवाज उठाने पर बार-बार संसद से हो जाते हैं निलंबित?

रूपक प्रियदर्शी

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Derek O'brien
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Suspension from Rajyasabha: संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर गुरुवार को राज्यसभा में हंगामा करने की वजह से तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन सदन से निलंबित कर दिए गए हैं. आसन की अवमानना का उनका मामला विशेषाधिकार समिति को भी भेज दिया गया है. असल में लोकसभा में घुस आए दो युवकों और उनके हंगामे के मामले के बाद विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. इसी क्रम में लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ. इसके बाद 14 लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद (डेरेक) सदन की कार्यवाही निलंबित किए गए हैं.

कौन हैं डेरेक ओ ब्रायन, जो हर बार हो जाते हैं सस्पेंड

डेरेक ओ ब्रायन राज्यसभा में विपक्ष की जोरदार आवाज में से हैं. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सांसद भी हैं और मुख्य प्रवक्ता भी. लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते लेकिन राज्यसभा के रास्ते देश की राजनीति के मुख्य धारा में रहते हैं. डेरेक 2011 से राज्यसभा में हैं. इस साल ममता बनर्जी ने तीसरी बार बंगाल से राज्यसभा का सांसद बनाया है.

हालांकि सस्पेंशन जैसा एक्शन डेरेक के लिए नया नहीं है और शायद कोई सजा भी नहीं. 2020 में भी डेरेक सस्पेंड हुए थे. तब उन्होंने राज्यसभा में किसान बिल के खिलाफ राज्यसभा की रूल बुक फाड़ दी थी.

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एंग्री यंग मैन की इमेज रखते हैं डेरेक

राज्यसभा में डेरेक की एंग्री यंग मैन, अग्रेसिव, सरकार के खिलाफ बोलने वाले डेयरिंग सांसद की इमेज है. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से तो भिड़ते ही हैं, मोदी सरकार के खिलाफ भी तीखे तेवर रखते हैं. ड़ेरेक का सदन में होना सरकार को अखरता है और सस्पेंशन राहत देता है क्योंकि वही हैं जो पीएम से भी पूछ देते हैं कि Who the hell you think you are.

ममता बनर्जी खुद जमीनी कार्यकर्ता से बंगाल की सीएम तक पहुंची लेकिन उन्होंने पार्टी में हमेशा ऐसे लोगों को तरजीह दी जिनका प्रोफेशन पॉलिटिक्स नहीं रहा. महुआ मोइत्रा, नुसरत जहां, मिमी चक्रवर्ती, डेरेक ओ ब्रायन-ये वो चेहरे हैं जो पार्टी के फ्रंटलाइन में होते हैं. ऐसे चेहरों के कारण पार्टी और ममता बनर्जी अक्सर चर्चा और विवादों में रहती हैं.

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स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट, एडवर्टाइजिंग फिर क्विज शो कर जमाई धाक

डेरेक ओ ब्रायन अब तो फुल टाइम पॉलिटिशियन हैं. वैसे उनका करियर पॉलिटिशियन का रहा नहीं. करियर की शुरुआत स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट के तौर पर की. फिर एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में काम करने लगे. डेरेक के पिता नील ओ ब्रायन भारत में क्विज शुरू करने वाले माने जाते हैं जिन्होंने 1967 में इसकी शुरुआत की थी. डेरेक को जर्नलिज्म, एडवर्टाइजिंग से ज्यादा बढ़िया लगा क्विज वाला फैमिली प्रोफेशन. 1990 से उन्होंने फुलटाइम क्विज इवेंट करने शुरू कर दिए.

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वो टीवी के उस दौर में क्विज शो करते थे जब टीवी भी उतना पॉपुलर नहीं था. क्विज तो टीवी का कंटेट बिलकुल भी नहीं था. क्विज मास्टर के दौर पर उन्होंने इतनी शोहरत पाई कि भारत से बाहर पाकिस्तान, अमेरिका, गल्फ कंट्रीज तक शो करने गए. आईआईएम, आईआईटी से लेकर यूएन, हार्वर्ड, कोलंबिया यूनिवर्सिटी तक लेक्चर देने गए डेरेक.

डेरेक ने जब चुना राजनीति का रास्ता

पैशन और प्रोफेशन में सक्सेस हासिल करने के बाद डेरेक को पॉलिटिक्स ने खींचा. डेरेक ने जब राजनीति का रास्ता चुना जब उनके पास लेफ्ट के साथ जाने का विकल्प था. उनके पिता नील ओ ब्रायन और बंगाल की लेफ्ट सरकार एक दूसरे को पसंद करते थे. एंग्लो इंडियन नील को तीन बार लेफ्ट सरकार ने विधानसभा में नॉमिनेट किया. 1996 में यूनाइडेड फ्रंट सरकार ने उनको लोकसभा में नॉमिनेट किया. लेकिन डेरेक लेफ्ट नहीं गए. ममता बनर्जी को चुना जिनका तब कोई राजनीतिक भविष्य साफ नहीं था.

ममता बनर्जी के साथ ऐसे समय जुड़े जब ममता बनर्जी बंगाल में संघर्ष कर रही थीं. वो दौर था 2004 का जब डेरेक ममता बनर्जी के साथ पॉलिटिक्स और तृणमूल कांग्रेस में आए. डेरेक टीवी का बड़ा फेस थे और ममता को फेस बनकर अपना जनाधार बनाना था. इसमें डेरेक ने ममता की खूब मदद की. कम्युनिकेशन, कैंपेन, और इंग्लिश मीडिया तक ममता की पहुंच डेरेक ने कराई.

अच्छे-बुरे वक्त में हमेशा रहे ममता के साथ

इन सबसे बड़ा बनने में समय लगा. ममता को बंगाल की राजनीति में कुछ बनने के लिए 2011 तक संघर्ष करना पड़ा. तब तक डेरेक ने अच्छे-बुरे वक्त में भी ममता का साथ नहीं छोड़ा. 2011 में जब ममता ने 34 साल पुराने लेफ्ट के किले को ध्वस्त करके बंगाल में सरकार बनाई तो दिल्ली की पॉलिटिक्स में अपना फेस डेरेक ओ ब्रायन को बनाया.

डेरेक ओ ब्रायन को तृणमूल कैडर ने बड़ी मुश्किल से पचाया. हमेशा अलग नजरिए रहा डेरेक के लिए. अमेरिकी नागरिक पत्नी, एंग्लो इंडियन, आयरिश परिवार के होने के कारण इंग्लिश कल्चर वाले डेरेक को तृणमूल कांग्रेस वालों ने वॉइट कॉलर इंग्लिश स्पोक्सपर्सन के रूप में देखा.

61 साल के डेरेक ऱाज्यसभा के सबसे एक्टिव सांसदों में से एक हैं. राज्यसभा में हाजिरी 81 परसेंट है. राज्यसभा की 315 डिबेट में भाषण दिए. सरकार से एक हजार से ज्यादा सवाल पूछे हैं. सांसद के तौर पर 7 प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश किए. करीब 20 साल के पॉलिटिकल करियर के बाद भी डेरेक पर कोई केस नहीं है.

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