तेलंगाना चुनाव 2023: साल के अंत में हिन्दी पट्टी के राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ दक्षिण के राज्य तेलंगाना में भी चुनाव होने वाला है. सभी दलों ने अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते मंगलवार को निजामाबाद में एक सभा को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने प्रदेश की वर्तमान केसीआर सरकार पर खूब निशाना साधा. पिछले दिनों राहुल गांधी ने भी एक रैली की थी, जिसमे भारी भीड़ देखने को मिली थी. अब सवाल ये उठता है कि, BJP अपने पूर्ववर्ती खराब प्रदर्शन से उबरकर, इस बार कोई बड़ा चमत्कार दिखा पाएगी? पीएम मोदी यहां का चुनावी समीकरण बदल पाएंगे या राहुल गांधी की भारत जोड़ो से तेलंगाना में कांग्रेस का परचम लहराएगा? जानें यहां का सियासी समीकरण.
केसीआर की BRS(TRS) का रहा है वर्चस्व
जबसे आंध्र प्रदेश का विघटन होकर तेलंगाना बना है, तभी से के चंद्रशेखर राव (KCR) की भारत राष्ट्र समिति ने सरकार में अपना दबदबा बनाए रखा है. 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की 119 सीटों में से 88 सीटों पर जीत दर्ज कर मुख्यमंत्री बने थे. कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही वहीं बीजेपी को केवल 1 सीट मिली. BRS का प्रदर्शन लोकसभा चुनावों में भी बरकरार है. प्रदेश की 17 सीटों में से 9 पर उनका कब्जा है.
भारत जोड़ों यात्रा का पड़ेगा असर?
चुनावों में पार्टियां अपनी चुनावी बिसात बिछाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है. माना ये जा रहा है कि, केसीआर पर एंटी-इनकंबेंसी का दबाब है. वहीं दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स ये मान रहे है कि, प्रदेश में राहुल गांधी की कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है. जिसके पीछे की वजह राहुल की भारत जोड़ों यात्रा और हाल के दिनों में बनी उनकी छवि है.
एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा कि हम शायद तेलंगाना जीत रहे हैं. हम निश्चित रूप से मध्य प्रदेश जीत रहे हैं. छत्तीसगढ़ भी निश्चित रूप से जीत रहे हैं. राजस्थान में हम जीत के बहुत करीब हैं.
राजनैतिक विश्लेष्कों का मानना है कि, राहुल गांधी दिल से बात करते हैं. क्योंकि राजस्थान के दो ताजा सर्वे रिपोर्ट में भी कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर बताई गई है. वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर आधारित सर्वे रिपोर्ट में कांग्रेस को लीड करते हुए बताया जा रहा है.
गौरतलब है कि, बीजेपी की दक्षिण भारत में स्थिति दिन- प्रतिदिन खराब ही हो रही है. पार्टी तेलंगाना के पिछले चुनाव में बमुश्किल 1 सीट जीत पाई थी. 2023 का चुनाव पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला. अगर पार्टी को अपना अस्तित्व बनाए रखना है तो, उसे अपने प्रदर्शन में सुधार करना ही होगा. इसीलिए मोदी ‘मिशन तेलंगाना’ में लग गए हैं.