बाड़मेर: पैंथर के खौफ में जी रहे थे लोग, फिर ग्रामीणों ने उठाया ऐसा कदम, गांव में छा गई खुशियां
Barmer: राजस्थान के बाड़मेर में पिछले सप्ताह भर से पैंथर के मूवमेंट के चलते आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव दहशत में थे. पैंथर ने 7 दिन में 50 के करीब भेड़ बकरियों को अपना शिकार बनाया था. आखिरकार वन विभाग और रेस्क्यू टीम ने पिंजरे में श्वान को कैद कर पैंथर के मूवमेंट […]
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Barmer: राजस्थान के बाड़मेर में पिछले सप्ताह भर से पैंथर के मूवमेंट के चलते आसपास के आधा दर्जन से अधिक गांव दहशत में थे. पैंथर ने 7 दिन में 50 के करीब भेड़ बकरियों को अपना शिकार बनाया था. आखिरकार वन विभाग और रेस्क्यू टीम ने पिंजरे में श्वान को कैद कर पैंथर के मूवमेंट में नजर रखी. इसके बाद पदचिन्हों के आधार पर टीम ने गुरुवार दोपहर बाद पैंथर को लीलसर गांव में ट्रेंकुलाइज गन से बेहोश कर पकड़ ही लिया. इसके बाद ग्रामीणों और वन विभाग ने राहत की सांस ली.
दरसअल, बाड़मेर जिले के तारातरा गांव में करीब पैंथर के मूवमेंट की सूचना पर वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया था. लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. हालांकि, रात के अंधेरे में पैंथर भेड़-बकरियों का अपना शिकार बनाता रहा. इसके बाद जोधपुर से पहुंची रेस्क्यू टीम को लीलसर गांव में पैंथर के मूवमेंट की भनक लगी. इसके बाद टीम ने ट्रेंकुलाइज गन से पैंथर को बेहोश कर पकड़ लिया और पिंजरे में कैद कर पैंथर को बाड़मेर वन विभाग लाया गया. अब पैंथर को कुंभलगढ़ स्थित आबादी रहित खुले जंगल में छोड़ा जाएगा.
किसान के खेत से पकड़ा गया पैंथर
जोधपुर रेस्क्यू टीम के सदस्य बंशीलाल सांखला ने बताया कि पहाड़ियों में मूवमेंट के चलते टीम को काफी दिक्कते पेश आई. रात को पिंजरे में एक डॉग छोड़ा गया था. पैंथर का पिंजरे के पास मूवमेंट देखा गया. पदचिन्हों के आधार पर पहाड़ी क्षेत्र से 15 किलोमीटर दूर लीलसर गांव में किसान के खेत के टेंकुलाइज गन से पैंथर को बेहोश कर पकड़ लिया गया है. बाड़मेर वन विभाग लाया गया है. डीएफओ संजय भादू के मुताबिक पैंथर को कुंभलगढ़ के आबादी राइट वन क्षेत्र में छोड़ा जाना है.
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ग्रामीणों ने जताया टीम का आभार
तारातरा गांव के निवासी प्रकाश कुमार देवासी ने बताया कि पिछले सप्ताह भर में पैंथर आसपास के गांव के 50-60 भेड़ बकरियों को अपना शिकार बना चुका था. वन विभाग की टीम सहित जोधपुर से आई टीम पेंटर की तलाश में लगी हुई थी. आखिरकार जब पैंथर पकड़ा गया तो ग्रामीणों और वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली. ग्रामीणों ने वन विभाग और जोधपुर की टीम का आभार जताया.
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