भीलवाड़ा: रिटायरमेंट को बनाया यादगार, ड्यूटी वाले गांव से हेलीकॉप्टर में बैठकर घर आयी महिला स्वास्थ्य कर्मी
Bhilwara: स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने अपनी राजकीय सेवा से रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से भीलवाड़ा पहुंची. जिले के माण्डलगढ़ क्षेत्र में ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला स्वास्थ्य दर्शिका (Lady Health Visitor) शान्ता जीनगर हेलीकॉप्टर में बैठ माण्डलगढ़ उपखंड के श्यामपुरा गांव से भीलवाड़ा पहुंची. हेलीकॉप्टर देखने के […]
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Bhilwara: स्वास्थ्य विभाग की एक महिलाकर्मी ने अपनी राजकीय सेवा से रिटायरमेंट को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से भीलवाड़ा पहुंची. जिले के माण्डलगढ़ क्षेत्र में ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत महिला स्वास्थ्य दर्शिका (Lady Health Visitor) शान्ता जीनगर हेलीकॉप्टर में बैठ माण्डलगढ़ उपखंड के श्यामपुरा गांव से भीलवाड़ा पहुंची.
हेलीकॉप्टर देखने के लिए बड़ी शंख्या में ग्रामीण श्यामपुरा गांव में बनाए गए हैलीपैड पर पहुंचे थे. हेलीकॉप्टर से उड़ान भरने से पहले एलएचवी शान्ता के परिजनों और स्टाफकर्मियो ने राजकीय प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से हैलीपैड तक गांव के मुख्य मार्गो से होते हुए गाजे बाजे के साथ जुलूस निकाल कर उसे विदाई दी.
शांता देवी के परिजनों ने बताया की जब आसमान में हेलीकॉप्टर उड़ता था तो शांता देवी की इच्छा भी उसमें बैठ उड़ान भरने की होती थी उनकी इसी इच्छा पूर्ति के लिए उनकी राजकीय सेवा से रिटायरमेंट के दिन को यादगार बनाने के लिए उदयपुर से 5.50 लाख रुपए खर्च कर हेलीकॉप्टर मंगवाया गया. शांता देवी के साथ हेलीकॉप्टर में बेटी आशा पुत्रवधु संतोष और पौत्र निखिल और शुभम साथ आए.
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शांता देवी के भतीजे शुभम जीनगर ने यह भी बताया की मेरी बुआ की हेलीकॉप्टर में बैठने की इच्छा लंबे समय से थी. जिसे हमने उनकी राजकीय सेवा से रिटायरमेंट के दिन को यादगार बनाया. मेरी बुआ भीलवाड़ा ज़िले के सुदूर श्यामपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 6 साल कार्यरत रही. जो भीलवाड़ा से 100 किलोमीटर दूर था. श्यामपुरा जाने के लिए दो बसे चेंज करनी पड़ती थी.
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ये बस भी दिन दो बार ही चलती थी, जिससे कभी कभी बस छूट जाने पर श्यामपुरा जाने के लिए 15 किलोमीटर किसी से लिफ्ट लेना पड़ता था और लिफ्ट नहीं मिलती तो पैदल भी जाना पड़ा. यह पूरा सफर चार घंटे से भी अधिक समय में पूरा होता था. हेलीकॉप्टर केवल 25 मिनट में वे श्यायपुरा से भीलवाड़ा पहुंच गई और अब उन्हें फिर जाना भी नहीं नौकरी से रिटायर हो गई है.