हनुमान बेनीवाल की एक मुलाकात ने कांग्रेस नेत्री की BJP में करवा दी वापसी! पढ़ें आखिर कैसे हुआ ये सब
Congress leader Mridurekha Chowdhary Joins BJP: राजस्थान में 2013 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) के दौरान बीजेपी (BJP) से बगावत कर मृदुरेखा चौधरी (Mridurekha Chowdhary) निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं. इसके बाद वह कांग्रेस (congress) में शामिल हो गई. हालिया दिनों मृदुरेखा चौधरी बीजेपी में शामिल होना चाहती थी लेकिन, जब बीजेपी नेताओं ने मृदुरेखा को […]
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Congress leader Mridurekha Chowdhary Joins BJP: राजस्थान में 2013 के विधानसभा चुनाव (assembly elections) के दौरान बीजेपी (BJP) से बगावत कर मृदुरेखा चौधरी (Mridurekha Chowdhary) निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं. इसके बाद वह कांग्रेस (congress) में शामिल हो गई. हालिया दिनों मृदुरेखा चौधरी बीजेपी में शामिल होना चाहती थी लेकिन, जब बीजेपी नेताओं ने मृदुरेखा को तवज्जो नहीं दी तो उन्होंने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) से नागौर में मुलाकात की. इसी एक मुलाकात ने मृदुरेखा चौधरी की बीजेपी में वापसी करवा दी.
शनिवार को जयपुर में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में आखिरकार मृदुरेखा चौधरी ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली. उनके बीजेपी में शामिल होने की खबर मिलते ही पार्टी के स्थानीय नेताओं में खलबली मच चुकी है. क्योंकि आधा दर्जन से अधिक बीजेपी नेता बाड़मेर विधानसभा सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं. उन्हें इस बात का अंदेशा है कि उनकी टिकट काटकर मृदुरेखा चौधरी को कहीं दावेदार ना बना दिया जाए.
हनुमान बेनीवाल से मुलाकात लाई रंग
बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद जब बात नहीं बनी तो मृदुरेखा चौधरी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल से नागौर में मुलाकात की. इससे बीजेपी के नेताओं को लगने लगा कि कहीं मृदुरेखा चौधरी आरएलपी से टिकट लाकर बाड़मेर विधानसभा में बीजेपी को नुकसान ना पहुंचा दें. इसी कशमकश में बीजेपी नेताओं ने मृदुरेखा चौधरी को जयपुर बुलाकर बीजेपी जॉइन करवा दी.
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2013 में बीजेपी से बगावत कर लड़ा था विधानसभा चुनाव
साल 2008 में बीजेपी के टिकट से बाड़मेर का विधानसभा चुनाव हारने के बाद 2013 में बीजेपी ने मृदुरेखा चौधरी का टिकट काट दिया था. इसी से नाराज मृदुरेखा चौधरी ने बीजेपी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्हें जीत तो नहीं मिली लेकिन, बीजेपी का नुकसान करते हुए उन्हें करीब 20 हजार वोट मिले. इससे कांग्रेस उम्मीदवार मेवाराम जैन आसानी से जीत गए.
मेवाराम जैन ने करवाई कांग्रेस जॉइन
इसके बाद बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने मृदुरेखा चौधरी को कांग्रेस जॉइन करवाई थी. मृदुरेखा ने जिला परिषद का चुनाव लड़कर जीता भी. वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में मृदुरेखा चौधरी ने कांग्रेस का साथ दिया था. एक कार्यक्रम के दौरान मृदुरेखा चौधरी ने बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन को राखी भी बांधी थी. वह पिछले पंचायती राज चुनाव में चुनाव लड़कर जिला प्रमुख बनना चाहती थी. हालांकि, पंचायती राज चुनाव के दौरान जिला परिषद का टिकट नहीं मिलने से मृदुरेखा नाराज चल रही थी. आखिरकार उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन वापस थाम ही लिया.
बीजेपी में वापसी के लिए सतीश पूनिया से भी मिली
मृदुरेखा चौधरी को बीजेपी छोड़े हुए करीब 10 वर्ष का समय बीत चुका था. इसके बाद कांग्रेस में तवज्जो नहीं मिलने के कारण मृदुरेखा बीजेपी में घर वापसी करना चाहती थी. इसके लिए उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया से भी मुलाकात की थी. लेकिन, ऐसा बताया जाता है कि स्थानीय नेता नहीं चाहते थे कि मृदुरेखा चौधरी को बीजेपी में शामिल किया जाए.
2018 विधानसभा चुनाव में बिगाड़ा था बीजेपी का गणित
2008 में बीजेपी ने दिग्गज नेता गंगाराम चौधरी का टिकट काटकर मृदुरेखा चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, वह हार गई थी. वहीं 2013 में मृदुरेखा का टिकट काटकर बीजेपी ने स्वर्गीय गंगाराम चौधरी की पोती प्रियंका चौधरी को टिकट दिया था. इसी से नाराज मृदुरेखा चौधरी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर बीजेपी का गणित बिगाड़ दिया था. इससे कांग्रेस के मेवाराम जैन आसानी से जीत गए थे. मृदुरेखा चौधरी के पास इन दिनों कांग्रेस महिला इंटक प्रदेश उपाध्यक्ष का पद था. बावजूद इसके मृदुरेखा ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया.
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