धौलपुर के इस कांग्रेसी नेता ने अपनी मां और भाई के साथ जॉइन की बसपा, प्रदेशाध्यक्ष ने कही ये बात
Congress Leader Joins BSP: चुनावी साल में नेताओं का दल बदलने का दौर शुरू हो गया है. धौलपुर जिले में मंगलवार को राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता (Congress Leader) एवं धौलपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति रितेश शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) जॉइन कर ली. रितेश के साथ उनकी मां मीनाक्षी […]
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Congress Leader Joins BSP: चुनावी साल में नेताओं का दल बदलने का दौर शुरू हो गया है. धौलपुर जिले में मंगलवार को राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेसी नेता (Congress Leader) एवं धौलपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति रितेश शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी (BSP) जॉइन कर ली. रितेश के साथ उनकी मां मीनाक्षी शर्मा और भाई उपेंद्र दत्त शर्मा ने भी बसपा प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा और राज्य सभा सांसद रामजी गौतम के नेतृत्व में पार्टी का दामन थाम लिया है. गौरतलब है कि पूर्व सभापति रितेश शर्मा धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
बता दें कि पूर्व सभापति रितेश शर्मा पूर्व मंत्री बनवारी लाल शर्मा के भतीजे हैं. रितेश के पिता स्वर्गीय मुरारी लाल शर्मा धौलपुर नगर पालिका के चैयरमेन और धौलपुर पंचायत समिति के प्रधान रह चुके हैं. मुरारी लाल ने दो बार बाड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था लेकिन सफलता नहीं मिली. रितेश शर्मा की मां मीनाक्षी शर्मा भी धौलपुर पंचायत समिति की कांग्रेस की प्रधान रह चुकी हैं.
बीजेपी के टिकट पर भी लड़ चुके हैं चुनाव
रितेश शर्मा ने साल 2010 में कांग्रेस छोड़ कर भाजपा के टिकट से सभापति का चुनाव लड़ा था और राजस्थान में सबसे ज्यादा मतों से जीते थे. बाद में वह साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. रितेश शर्मा राजनीतिक वजूद को स्थापित रखने के लिए बसपा में शामिल हुए हैं.
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इस बार हमारा लक्ष्य 60 सीटों का है: बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष
बसपा के प्रदेशाध्यक्ष भगवान सिंह बाबा ने कहा कि अबकी बार राजस्थान में बसपा दो-चार-छह की लड़ाई नहीं लड़ रही है. अबकी बार लक्ष्य है कि हमारे 60 विधायक जीत कर आएं और राजस्थान में सरकार बनाएं. धौलपुर जिले की चारों सीटें उत्तर प्रदेश से लगी हुई हैं उन्हें बसपा को जिताएं. उन्होंने कहा कि बहन मायावती ने उत्तर प्रदेश में गरीब तबके और सभी समाज के लोगों के लिए काम किया है. राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी पांच-पांच साल तक शासन करती रही हैं लेकिन तीस साल से जनता को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी.