भतीजे से बेइंतहा इश्क में चाची ने दिया ऑर्डर...साथ रहना है तो करो ये सब, फिर आधी रात हो गई अनहोनी

गुलाम नबी

पुलिस जो नजारा देखती है वो रुह कपां देने वाला होता है. खैर पुलिस पहले शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट के लिए भेजती है. फोरेंसिक कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस जांच में जुट जाती है.

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तस्वीर: राजस्थान तक.
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हनुमानगढ़ में एक हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी. आधी रात में युवक की गर्दन पर लकड़ी काटने वाली कुल्हाड़ी से वार किया गया था. वार ऐसा था कि सिर धड़ से अलग हो गया था. इधर पुलिस थाना तलवाड़ा में फोन की घंटी बजती है. उधर की आवाज सुन पुलिस तुरंत खिनानिया गांव के लिए रवाना हो जाती है. 

पुलिस जो नजारा देखती है वो रुह कपां देने वाला होता है. खैर पुलिस पहले शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट के लिए भेजती है. फोरेंसिक कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस जांच में जुट जाती है. कहतें हैं चोर की दाढ़ी में तिनका. अपराधी कितना भी शातिर हो पर अपराध के बाद कुछ न कुछ क्लू ऐसा छोड़ जाता है जिसकी कड़ी से कड़ी मिलाकर पुलिस उसतक पहुंच ही जाती है. ऐसा ही हुआ  हत्यारे के साथ. 

पत्नी की बेवफाई की खबर पति को लग गई 

मृतक के भाई भीमसेन की रिपोर्ट पर पुलिस ने पूरे मामले को महज 3 घंटे में ही सुलझाने का दावा किया है. जांच में सामने आया कि आरोपी राजेश कुमार जो रिश्ते में उग्रसेन का भतीजा लगता है उसने ही उसकी हत्या की है. फिर सामने आई मृतक उग्रसेन की पत्नी एकता रानी और भतीजे राजेश कुमार की प्रेम कहानी. 

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ठिठुरती रात में राजेश के आंखों में नींद नहीं थी 

आरोप है........ 19-20 जनवरी की दरम्यानी रात में राजेश अपनी चाची के साथ प्यार से लबरेज आनंदमयी जीवन के सपने बुन रहा था. इन सपनों के बीच चाची एकता रानी की एक बात उसके कानों में कौंध रही थी. आज नहीं तो फिर कभी नहीं... आज सही वक्त है. निपटा दो चाचा को. फिर हम एक हो जाएंगे. रात में उग्रसेन गहरी नींद में सोया हुआ था. उधर राजेश की आंखें में नींद नहीं थी. उसने कुल्हाड़ी उठाई और प्रेमिका (चाची) की बात पर अमल कर लिया. चाचा की निर्मम हत्या कर दी. हत्या कर राजेश अपने घर लौट गया. 

ऐसे करीब आए चाची और भतीजा  

दरअसल एकता रानी हरियाणा के घोलपालिया की रहने वाली है. 8 साल पहले उसकी शादी खिनानिया गांव के उग्रसेन से हुई थी. उग्रसेन के पड़ोस में ही राजेश कुमार अपने परिवार के साथ रहता था और रिश्ते में भतीजा लगता था. इधर एकता रानी और राजेश दोनों हरियाणा के अलग-अलग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे. दोनों का सब्जेक्ट एक ही था. ऐसे में पढ़ाई के नाम पर पहले मुलाकातें होने लगीं. घर में आना-जाना शुरू हुआ. बातचीत करते करते दोनों को एक दूजे से प्यार भी हो गया. प्यार भी इतना गहरा हो गया कि अब एक साथ रहने की कसमें खाने लगे. 

मायके से पति के पास नहीं आना चाहती थी महिला 

बताया जा रहा है कि एकता 1 जनवरी को अपने मायके चली गई थी. इस बार वो अपने पति उग्रसेन के पास नहीं बल्कि प्रेमी राजेश के पास आना चाहती थी. इधर उग्रसेन को दोनों के प्यार की खबर लग चुकी थी. वो दोनों के प्यार के बीच रोड़ा बन रहा था. ऐसे में एकता रानी ने राजेश को उकसाया कि वो उग्रसेन को रास्ते से हटा दे. राजेश योजनाएं बनाता रहा. इधर 21 जनवरी को उग्रसेन एकता को लाने के लिए उसके मायके जाने वाला था. एकता ने राजेश से कहा कि यदि वो आया तो फिर ससुराल जाकर उसके पास ही रहना पड़ेगा. ऐसे में एकता और राजेश ने 20 जनवरी का दिन हत्या के लिए चुना.

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