भीलवाड़ाः एक ही पैंथर बार-बार कुएं में गिरकर हुआ घायल, अब वन विभाग ने पता लगाई सच्चाई
Panther fell in the well: भीलवाड़ा के बिजोलिया वन क्षेत्र में एक ही पैंथर के दो बार कुएं से लगातार हादसे का शिकार होने का मामला सामने आया था. अब उसकी वजह भी सामने आ गई है. दरअसल, पिछले सप्ताह बिजोलिया वन क्षेत्र दो अलग-अलग घटनाओं में एक ही पैंथर दो बार कुएं में गिर […]
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Panther fell in the well: भीलवाड़ा के बिजोलिया वन क्षेत्र में एक ही पैंथर के दो बार कुएं से लगातार हादसे का शिकार होने का मामला सामने आया था. अब उसकी वजह भी सामने आ गई है. दरअसल, पिछले सप्ताह बिजोलिया वन क्षेत्र दो अलग-अलग घटनाओं में एक ही पैंथर दो बार कुएं में गिर गया था. बिजोलिया वन विभाग के फॉरेस्टर विमल रैगर ने बताया कि पिछले दिनों क्षेत्र अमृतपुरिया और जोलास गांव में यह मामला सामने आया.
दरअसल, पहली बार उसे रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, लेकिन 4 दिन बाद वह फिर कुएं में गिर गया था. दूसरी बार इसको रेस्क्यू करने के बाद उपचार के लिए कोटा के बायोलॉजिकल पार्क में भेजा गया. उपचार के दौरान पता चला कि उसकी एक आंख में जन्म से देखने की परेशानी है.
जानकारी के मुताबिक इस पैंथर की उम्र 3 साल की है. आँख की परेशानी से यह बार-बार हादसे का शिकार हो रहा था. कोटा बायलॉजिकल पार्क फॉरेस्ट गार्ड सुरेंद्र कुमार सैनी ने बताया कि जब इस घायल पेंथर को यहां लाया गया था तो उसके दाईं आंख में कोई मूवमेंट दिखाई नहीं दिया. पैंथर का उपचार कर रहे हैं. उसकी दाईं आंख में जन्म से ही विजिबिलिटी कम है. कुएं में गिरने से उसे चेहरे पर भी चोट लगी है.
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वहीं, मांडलगढ़ वन क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अधिकारी द्वितीय सुरेश चौधरी ने बताया कि कोरोना काल में बिजोलिया खनन क्षेत्र में सेंड स्टोन की खदाने बंद हो गई थी. काम नहीं होने से यह क्षेत्र शांत हो गया था. जिसके चलते पैंथरों ने इन खदानों को अपना आवास बना लिया था और साल 2020 से ही इस क्षेत्र में पैंथर की साइटिंग होने की सूचनाएं लगातार मिल रही थी. एक अनुमान के मुताबिक 25 से 30 पैंथर होंगे. इससे पहले भी वन विभाग की टीम ने 3 पैंथर को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा था और इस वन क्षेत्र से कोटा-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने से 3 पैंथर सड़क दुर्घटनाओं के शिकार भी हो चुके हैं.