Kota: राइट टू हेल्थ बिल का निजी अस्पताल एसोसिएशन ने किया विरोध, सरकार को दे डाली ये चेतावनी!
Kota news: कोटा हॉस्पिटल्स एसोसिएशन आफॅ राजस्थान (उपचार) एवं आईएमए कोटा के आह्वान पर रविवार को राउट टू हेल्थ विधेयक का कोटा समेत पूरे संभाग में बिल का विरोध किया गया. आज निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सुबह 8 से रात 8 बजे तक सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान ओपीडी में रोगियों […]
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Kota news: कोटा हॉस्पिटल्स एसोसिएशन आफॅ राजस्थान (उपचार) एवं आईएमए कोटा के आह्वान पर रविवार को राउट टू हेल्थ विधेयक का कोटा समेत पूरे संभाग में बिल का विरोध किया गया. आज निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सुबह 8 से रात 8 बजे तक सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया है. इस दौरान ओपीडी में रोगियों को नहीं देखा. आईएल चौराहे पर सभी निजी अस्पतालों के डॉक्टर जमा हुए. इस दौरान बिल का विरोध कर बिल की प्रतियों को जलाया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. डॉक्टरों ने हाथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार को चेतावनी देते हुए कि यदि ये लागू हुआ तो उसके परिणाम भुगतने होंगे.
हॉस्पिटल्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (उपचार) के अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि इस बिल को किसी भी सूरत में लागू होने देंगे. ये तो केवल सांकेतिक हड़ताल है, यदि विधानसभा में इसे लागू किया गया तो राजस्थान का समस्त चिकित्सक सड़कों पर आएगा. अपने संस्थानों को अनिश्चित कालीन बंद कर देगा और किसी सूरत में इसे लागू नहीं होने देंगे. सरकार अपनी हठधर्मिता के कारणराइट टू हेल्थ बिल को राय लिए बगैर ही चिकित्सकों पर थोपना चाहती है.
सरकार नहीं मानी तो सड़कों पर आएंगे चिकित्सक
हमारा स्पष्ट मत है कि राज्य की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार (राइट टू हेल्थ) मिलना चाहिए. राज्य सरकार का ये कर्तव्य है कि वह अपने संसाधनों से राज्य की जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाकर उनके स्वास्थ्य के अधिकार को सुनिश्चित करें. उपचार के सचिव डॉ. अमित व्यास ने कहा कि प्रस्तावित राइट टू हेल्थ बिल के माध्यम से सरकार यह जिम्मेदारी पूर्णत: स्ववित्त पोषित निजी अस्पतालों पर थोपना चाहती है जो पहले ही भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम सरकार से इस बिल में संशोधन कर चिकित्सकों के सुझावों को प्राथमिकता देने की मांग कर रहे हैं.