फूल मोहम्मद हत्याकांड: डीएसपी समेत सभी 30 दोषियों को आजीवन कारावास

ललित यादव

Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर के सूरवाल गांव में 17 मार्च 2011 को स्थानीय लोग एक बुजुर्ग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उनके परिजनों को मुआवजे देने की मांग कर रहे थे. इसी दौरान दो युवक राजेश मीणा और बनवारी लाल मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ […]

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तस्वीर: सुनील जोशी
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Sawai Madhopur News: सवाई माधोपुर के सूरवाल गांव में 17 मार्च 2011 को स्थानीय लोग एक बुजुर्ग दाखा देवी के हत्यारों को गिरफ्तार करने और उनके परिजनों को मुआवजे देने की मांग कर रहे थे. इसी दौरान दो युवक राजेश मीणा और बनवारी लाल मीणा पेट्रोल से भरी बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ जाते हैं और सुसाइड की धमकी देने लगते हैं. बनवारीलाल को लोगों ने समझाकर टंकी से नीचे उतार लिया, लेकिन राजेश मीणा ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली और टंकी से नीचे कूद गया. इसके बाद गुस्साएं लोगों ने सूरवाल गांव में तैनात मानटाउन थाने के थानाधिकारी फूल मोहम्मद और पुलिस जवानों पर पथराव शुरू कर दिया.

सीआई फूल मोहम्मद की जीप पर पेट्रोल फेंककर आग लगा दी गई. जिससे फूल मोहम्मद की दर्दनाक मौत हो गई. इस घटना के बाद राजस्थान सरकार ने CI फूल मोहम्मद को शहीद का दर्जा तो दे दिया, लेकिन इस भयानक घटना के बाद फूल मोहम्मद और उसके परिवार को जो अब तक नहीं मिला था वो था इंसाफ.लेकिन बीते दिन सवाई माधोपुर की विशेष अदालत ने फूल मोहम्मद के परिवार के 11 साल के लंबे इंतेजार को खत्म करते हुए देर ही सही लेकिन इंसाफ दे दिया. और राजस्थान के बहुचर्चित फूल हत्याकाण्ड के सभी 30 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सवाई माधोपुर की स्पेशल कोर्ट ने सभी 30 आरोपियों को धारा 302 में 50-50 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी दिया है.

हालांकि सजा सुनाए जाने के बाद डीएसपी महेंद्र सिंह का आरोप है कि इस जजमेंट के लिए पीएफआई से पैसा आया है. इस फैसले से पीएफआई की जीत हुई है. आपको बता दें कि 11 साल पहले जब सवाई माधोपुर के सूरवाल गांव में दाखा देवी के हत्यारों के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा था तभी उग्र भीड़ ने सीआई फूल मोहम्मद पर हमला कर दिया था. वो जान बचाने के प्रयास में जीप चलाकर भागने लगे तो भीड़ ने उन पर पथराव कर दिया. बाद में भीड़ ने जीप पर पेट्रोल छिडकऱ आग के हवाले कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.

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इस घटना के वक्त मौके पर तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया मौजूद थे और पूरी कार्रवाई उनकी निगरानी में ही हो रही थी. और इसीलिए घटना की पूरी जिम्मेदारी डीएसपी कालबेलिया पर आई. जांच के दौरान भी सीबीआई ने महेंद्र सिंह को इस हत्याकांड के लिए दोषी माना था.

सवाई माधोपुर स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में 79 आरोपियों के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला दिया है. जिसमें तत्कालीन डीएसपी महेंद्र सिंह कालबेलिया सहित 30 आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. और बाकी के 49 आरोपियों को दोष मुक्त करते देते हुए बरी कर दिया है.

कंटेंट: सुनील जोशी

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