राजस्थान में पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषदों के चुनाव कब होंगे? सामने आया नया अपडेट

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राजस्थान में इस साल ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ने जा रही है. प्रदेश की कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2024 को पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था.

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राजस्थान में इस साल ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ने जा रही है. प्रदेश की कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2024 को पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया था, अब इस फैसले के बाद, पंचायती राज विभाग ने पुनर्गठन की तैयारी शुरू कर दी है.

बता दें कैबिनेट बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में बने नौ जिलों को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद अब प्रदेश में कुल 41 जिले रह गए हैं. इन जिलों में पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी. पुनर्गठन के अंतर्गत नई जिला परिषदों की स्थापना का कार्य भी शामिल होगा.

अब तक प्रदेश में कुल 33 जिला परिषदें थीं, लेकिन पुनर्गठन के पश्चात 8 नए जिलों में भी जिला परिषदें स्थापित की जाएंगी. ये नए जिले हैं- बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलोदी, और सलूंबर इन सभी जिलों में पहली बार जिला परिषद का गठन होगा.

3,000 की जनसंख्या पर बनेगी पंचायत

ग्राम पंचायत और पंचायत समितियों के गठन के लिए मापदंडों में छूट दी गई है. अब सामान्य इलाकों में जहां पहले 4000-6500 की जनसंख्या पर एक ग्राम पंचायत बनती थी, वहीं अब 3000-5500 की जनसंख्या पर पंचायत बनाई जाएगी. रेगिस्तानी और आदिवासी इलाकों में यह सीमा 2000 की जनसंख्या तक घटा दी गई है.  

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पंचायत समितियों के गठन में भी बदलाव किए गए हैं. जहां पहले 40 ग्राम पंचायतों पर एक पंचायत समिति बनती थी, अब यह संख्या घटाकर 25 ग्राम पंचायत कर दी गई है.  

सरपंचों और प्रधानों को मिलेगा अधिक मौका  

नई पंचायतों और पंचायत समितियों के गठन से सरपंच, प्रधान और जिला प्रमुखों की संख्या में वृद्धि होगी. इसका सीधा फायदा उन नेताओं को मिलेगा, जो इस प्रक्रिया के तहत नए पदों के लिए चुने जा सकेंगे.  

एक राज्य-एक चुनाव की राह आसान  

पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के फैसले से एक राज्य-एक चुनाव की प्रक्रिया सुगम हो गई है. पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव एक साथ करवाने के लिए अब सरकार के पास पर्याप्त कानूनी आधार होगा.  

पंचायत चुनाव जनवरी में होने थे, अब हो सकते हैं स्थगित  

राज्य की 6789 पंचायतों के चुनाव जनवरी में होने थे, लेकिन पुनर्गठन की प्रक्रिया के चलते इन्हें 6-8 महीने तक टाला जा सकता है. पुनर्गठन के कारण नए सिरे से वोटर लिस्ट तैयार की जाएगी. कोर्ट भी अब तक इस तर्क को स्वीकार करता आया है.  

 

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