कौन हैं IPS अधिकारी पंकज चौधरी, जिन्होंने ठोका दावा ‘तीन महीने में कर दूंगा RPSC की गंदगी साफ’

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कौन है IPS अधिकारी पंकज चौधरी, जिन्होंने ठोका दावा 'तीन महीने में कर दूंगा RPSC की गंदगी साफ'
कौन है IPS अधिकारी पंकज चौधरी, जिन्होंने ठोका दावा 'तीन महीने में कर दूंगा RPSC की गंदगी साफ'
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IPS Pankaj Chowdhary on RPSC: पंकज चौधरी, राजस्थान कैडर (Rajasthan Cadre) के आईपीएस अधिकारी (IPS Officer) हैं. शनिवार को एकदम से चर्चाओं में आ गए. चर्चाओं में आने की वजह उनका एक ट्वीट है. जिसमें वह सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) को चैलेंज भी देते दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने 3 महीने में आरपीएससी (RPSC) से गंदगी बाहर कर देने की बात कही है.

दरअसल, शनिवार को आईपीएस अधिकारी पंकज चौधरी के एक ट्वीट ने सीएम गहलोत के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी. पंकज चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि “ज़ख़्मी जादूगर जी, RPSC के सदस्य जेल जाने से लेकर प्रायः हर कार्य में लिप्त व शरीक है. प्रदेश के लाखों युवा दिग्भ्रमित हैं. एक सुझाव है मात्र तीन माह RPSC का दायित्व सौंपे प्रदेश के समस्त युवा संतुष्ट होंगे RPSC के अंदर की तमाम गंदगी साफ़ हो जाएगी, मात्र 3 माह RPSC सौंपे”.

इसके अलावा उन्होंने लिखा कि ” ज़ख़्मी जादूगर जी, आपके प्रिय तथाकथित रजिस्टर्ड राजनीतिक दलाल नेता व एक ✍🏻पक्षीय मीडिया बंधु की टांग हाल चोटिल हुई पर ऐसे हज़ारों परजीवी दलाल व स्वार्थी पूर्ण संरक्षण में प्रदेशभर में हर विभाग, विंग में सक्रिय हैं, इनकी भी टांग जल्द टूटने का राजस्थान के यूथ को बेसब्री से इंतज़ार है.

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यह भी पढ़ें: ‘3 महीने में RPSC की गंदगी साफ कर दूंगा’ IPS पंकज चौधरी ने बढ़ाई CM गहलोत की टेंशन!

कौन है बैखोफ अधिकारी पंकज चौधरी

पंकज चौधरी की पहचान दबंग और बेखौफ आईपीएस अफसरों में की जाती है. मूल रूप से यूपी के वाराणसी के रहने वाले हैं. 2009 में यूपीएससी परीक्षा पास कर राजस्थान कैडर के IPS अधिकारी बनें. इन्हें इंटरव्यू में सबसे ज्यादा 230 अंक मिले थे. इससे पहले पर UPPCS में भी सिलेक्ट हो चुके हैं. राजस्थान में आने के बाद वह जैसलमेर, बूंदी, जयपुर, कोटा, बांसवाड़ा जिलों में एसपी रहे. इसके अलावा इनकी पोस्टिंग दिल्ली में भी रही.

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राजनीति में रखते हैं खासा रूचि

पंकज चौधरी भले ही आईपीएस अधिकारी बन गए हों. लेकिन चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी इनकी कभी किसी के साथ बनती नहीं दिखाई दी. इनके वर्क स्टाइल से कांग्रेस-बीजेपी दोनों परेशान रहे. चौधरी कानून की सीमा का लांघकर काम करना पसंद नहीं करते हैं. किसी नेता कि सिफारिश ना मानने के चलते इनका ट्रांसफर होता रहता है.

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पहले बर्खास्त फिर बहाल हुए पंकज

एक मामले में 2019 में सरकार ने इन्हें बर्खास्त कर दिया लेकिन 2021 में फिर से इनकी सेवाएं बहाल कर दी गई. दरअसल, इन पर आरोप लगा कि इन्होंने अपनी पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी कर ली. लेकिन जांच में ये सारे आरोप निराधार निकले और पंकज चौधरी फिर से बहाल हो गए.

कैबिनेट मंत्री के पिता की कुंडली खोल दी

अपने वर्क स्टाइल के जाने जाने वाले अधिकारी पंकज चौधरी ने 2013 में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान एसपी रहते हुए मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता की हिस्ट्रीशीट खोल दी थी. दरअसल, मंत्री सालेह मोहम्मद के पिता गाजी फकीर धर्मगुरू थे. हालांकि 2021 में इनका इंतकाल हो चुका है. लेकिन इस केस को खोलने के बाद उन्हें एसपी पद हटा दिया था. सड़कों पर मुस्लिम समाज ने जबरदस्त विरोध किया था.

बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव

पंकज चौधरी राजनीति में आने का मन बना चुके हैं, इसलिए तो उन्होंने 2019 में बीएसपी की टिकट पर बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था. हालांकि इनका नामांकन रद्द हो गया था. चुनाव आयोग को बर्खास्त होने के कागज पेश नहीं करने के चलते इनका नामांकन रद्द हो गया था. फिर कोर्ट ने इनकी सेवाएं बहाल कर दी. हालांकि खुद चुनाव नहीं लड़ सके लेकिन पंकज चौधरी की पत्नी मुकुल चौधरी ने जोधपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा.

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