Rajasthan Politics: ओम बिरला ही लोकसभा अध्यक्ष रहेंगे या बनेंगे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष?

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Rajasthan Politics: राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला को मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं करने के बाद उनके भविष्य को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला को जगह नहीं दी गई है.
Rajasthan Politics: राजस्थान के कोटा से सांसद ओम बिरला को मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं करने के बाद उनके भविष्य को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं. प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में पिछले कार्यकाल में लोकसभा अध्यक्ष रहे ओम बिरला को जगह नहीं दी गई है. माना जा रहा था कि स्पीकर का कार्यकाल पूरा करने के बाद ओम बिरला को मोदी के कैबिनेट में जगह दी जाएगी. इतना ही नहीं बल्कि यह भी माना जा रहा है कि ओम बिरला फिर से लोकसभा अध्यक्ष बन सकते हैं. ऐसा नहीं होता है तो पार्टी उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.
इतना ही नहीं, सियासी जानकारों की मानें तो बीजेपी सांसद ओम बिरला को एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी मिल सकती हैं, क्योंकि उन्हें नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. हालांकि पहले चर्चाएं थी कि ओम बिरला को कैबिनेट में जगह मिल सकती हैं, पर ऐसा नहीं हो सका और उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली.
बता दें की अभी भी कुछ नए नामों पर चर्चाएं की जा रही है. इस बार भाजपा को टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार के साथ भी चर्चा करनी पड़ी हैं. इतना ही नहीं बल्कि अब भाजपा की नजर लोकसभा के अध्यक्ष की सीट पर भी है, भाजपा अध्यक्ष की सीट अपने पास ही रखना चाहती है. इसकी वजह यह है कि पिछले कुछ वर्षों से ही सत्तारूढ़ दलों के भीतर विद्रोह के कई मामले सामने आये है, जिसके कारण विभाजन हुआ और सरकार भी गिरीं. इतना ही नहीं बल्कि ओम बिरला नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं. ओम बिरला ने अबकी बार जीतकर हैट्रिक लगाई है.
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मोदी के कार्यकाल में ओम बिरला जब दूसरी बार जीतकर सांसद बने तब मोदी सरकार में उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बना दिया गया था. यदि बिरला को एक बार फिर अध्यक्ष नियुक्त किया जाता हैं और उन्हें पूरा कार्यकाल करने दिया जाता हैं तो वह बलराम जाखड़ के बाद दूसरे व्यक्ति होंगे जो लगातार दो बार अपना कार्यकाल पूरा करेंगे. हालांकि चर्चा यह भी है कि उन्हें संगठन में बड़ी ज़िम्मेदारी भी मिल सकती है.