वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल है जयपुर का जंतर मंतर, जरूर जाएं घूमने
अगर आप जयपुर के जंतर मंतर को देखने के लिए जाना चाहते हैं या फिर इसके बारे में और कुछ खास बातें जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें. इसमें हमने जंतर मंतर से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग जानकारियां...
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जंतर मंतर जयपुर में सिटी पैलेस के पास स्थित दुनिया में सबसे बड़ी पत्थर से बनी खगोलीय वेधशाला है, जिसका निर्माण राजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 1724-34 में करवाया था. आपको बता दें, इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष और समय के बारे में जानकारी इकट्ठा करना और उसका अध्ययन करना था. पुराने समय में जब घड़ियां और कंपास नहीं होते थे उस समय पर जंतर मंतर में बने यह यंत्र बहुत ज्यादा उपयोग में लाए जाते थे. खास बात ये है कि इस जगह को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया गया है.
अगर आप जयपुर के जंतर मंतर को देखने के लिए जाना चाहते हैं या फिर इसके बारे में और कुछ खास बातें जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें. इसमें हमने जंतर मंतर से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग जानकारियां, यहां घूमने जाने का बेहतरीन समय, यहां की टाइमिंग व एंट्री फीस, यहां आयोजित होने वाली लाइट एंड साउंड शो और यहां तक पहुंचने के बारे में पूरी जानकारी दी है.
जंतर मंतर से जुड़ी कुछ इंटरेस्टिंग जानकारियां
- आपको बता दें, जंतर मंतर करीब 18,700 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे बनाने में तकरीबन 10 साल लगे थे.
- महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा बनवाई गई इस स्थल को ज्योतिषीय व खगोलीय घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए बनाया गया था. यहां मौजूद प्राचीन उपकरणों से समय, दिशा, ग्रहण आदि का पता लगाया जाता है.
- इस वेधशाला का निर्माण अच्छी किस्म के संगमरमर और पत्थरों से किया गया है.
- इस जंतर मंतर में विश्व की सबसे बड़ी पत्थर की सूर्य घड़ी है, जिसका नाम सम्राट यंत्र है.
- इस जंतर मंतर में कुल 19 यंत्र हैं. जंतर मंतर के कुछ प्रमुख यंत्र हैं- सम्राट यंत्र, दिशा यंत्र, चक्र यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, राशिवाले यंत्र, उत्तांश यंत्र और दिंगाश यंत्र.
- यहां लगे उपकरणों की सबसे खास बात यह है कि सैकड़ों साल बाद आज भी यह उपकरण सही तरीके से काम कर रहे हैं, पर्यवेक्षक आज भी गणना के लिए इस यंत्र का इस्तेमाल सभी मौसम संबंधी जानकारियां हासिल करने के लिए करते हैं.
- जंतर मंतर को 1 अगस्त 2010 को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया गया था.
जंतर मंतर घूमने जाने का सबसे बेहतरीन समय
आपको बता दें कि राजस्थान एक रेगिस्तानी इलाका है, जिसके कारण यहां बहुत तेज गर्मी पड़ती है. यहां गर्मी अप्रैल से जुलाई तक पड़ती है और इस समय मौसम काफी गर्म होता है. ऐसे में जंतर मंतर जाने का सबसे बेहतरीन समय सर्दियों के महीनों के दौरान यानी अक्टूबर से मार्च तक माना गया है क्योंकि इस समय तापमान कम रहता है और मौसम ठंडा रहता है.
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जानिए जंतर मंतर की टाइमिंग व एंट्री फीस
जानकारी के मुताबिक, जंतर मंतर की टाइमिंग्स सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक है. यह हफ्ते के सातों दिन खुला रहता है तो आप किसी भी दिन यहां आकर घूम सकते हैं.
वहीं अगर जंतर मंतर की एंट्री फीस की बात करें तो भारतीय नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 50 रुपए और भारतीय स्टूडेंट्स के लिए 15 रुपए रखी गई है. जबकि विदेशी नागरिकों के लिए टिकट की कीमत 200 रुपए और विदेशी स्टूडेंट्स के लिए 100 रुपए निर्धारित की गई है.
जंतर मंतर में आयोजित होता है लाइट एंड साउंड शो
जंतर मंतर पर हर रोज शाम के वक्त लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है, जिसका लुत्फ उठाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. बता दें, इस शो के द्वारा जंतर मंतर के इतिहास और इससे जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से के बारे में बताया जाता है.
शो का समय:-
- अक्टूबर से फरवरी- शाम 6:30 बजे से
- मार्च से अप्रैल- शाम 7 बजे से
- मई से सितंबर- शाम 7:30 बजे से
जंतर मंतर तक कैसे पहुंचें?
आपको बता दें, जंतर मंतर राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित है. यहां देश के लगभग हर कोने से हवाई, रेल और सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है.
- हवाई जहाज- अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो बता दें कि सांगानेर हवाई अड्डा जंतर मंतर के सबसे नजदीक है. सांगानेर हवाई अड्डा से जंतर मंतर की दूरी करीब 17 किलोमीटर है, जहां पहुंचने के लिए आप टैक्सी या कैब बुक कर सकते हैं.
- रेल द्वारा- अगर आप जंतर मंतर की यात्रा ट्रेन से करना चाहते हैं तो बता दें कि यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन है. यह रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. जयपुर रेलवे स्टेशन से आप कैब या टैक्सी की मदद से जंतर मंतर तक पहुंच सकते हैं.
- सड़क द्वारा- अगर आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो आप अपने निजी वाहन या बसों के माध्यम से भी जा सकते हैं. बता दें, यह जगह सड़क मार्ग के द्वारा सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है.