Vastu Tips : घर के मुख्य द्वार पर रखें बस ये एक चीज, खूब बरसेगी लक्ष्मीजी की कृपा, हो जाएंगे मालामाल!

संदीप कुमार

Vastu Tips For Main Door: कमल नंदलाल के अनुसार, मुख्य द्वार पर भगवान विष्णु, नारायण या श्रीकृष्ण की पारद मूर्ति स्थापित कर और 12 जिरकॉन पत्थर लगाकर घर में लक्ष्मीजी का वास सुनिश्चित किया जा सकता है. जानिए मुख्य द्वार के लिए अन्य जरूरी वास्तु टिप्स.

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राजू अपने घर के दरवाजे के पास खड़ा सोच रहा था, "क्यों घर में इतनी नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही है? सब कुछ ठीक चलना चाहिए था, पर कुछ तो गड़बड़ है." तभी उसके पड़ोसी मोहित उसके घर के बाहर आ गए. 

मोहित ने मुस्कुराते हुए पूछा, "राजू, कुछ परेशान लग रहा है, बताओ क्या हुआ?"

राजू ने धीरे से कहा, "यही तो बात है, मुझे लगता है जैसे मेरा घर खुशहाल नहीं है. घर में सुख-शांति कहां खो गई? 

ये सुनकर मोहित, राजू के घर के अंदर गया. इस दौरान उसके घर में अव्यवस्थित सामान और मूर्ति देखी, तो चौंककर उससे पूछा ये सब सामान और मूर्ति कैसे रही हुई है. ये सुनकर राजू की जिज्ञासा और बढ़ गई, "उसने पूछा क्या खास तरीका? बताओ ना, मैं इंतजार नहीं कर सकता."

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इस पर मोहित ने राजू को वास्तु ज्योतिष के बारे में बताया. अगले दिन राजू वास्तुशास्त्री के पास गया और जो उन्होंने उपाय बताया वैसा ही किया. कुछ दिन बाद उसे फर्क महसूस होने लग गया.

वहीं, इसे लेकर फेमस वास्तु शास्त्री कमल नंदलाल ने 'एस्ट्रो तक' पर एक खास वास्तु उपाय साझा किया, जो आपके घर में लक्ष्मी जी के स्थायी वास को सुनिश्चित कर सकता है. चलिए जानते हैं क्या है वो उपाय.

कमल नंदलाल के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने भगवान विष्णु, नारायण या श्रीकृष्ण की पारद (पारा) से बनी सवा इंच की मूर्ति लगाना अत्यंत शुभ होता है. इस मूर्ति को इस तरह स्थापित करें कि यह मुख्य द्वार से दिखाई दे और इसकी पीठ बाहर की ओर हो. मूर्ति को एक कटोरे में रखें, जिसमें 12 जिरकॉन (zircon) पत्थर सूखे रूप में मूर्ति के चारों ओर व्यवस्थित हों. यह उपाय लक्ष्मी को आपके घर में आकर्षित करने और उन्हें बांधे रखने में चुम्बक की तरह काम करता है.

मुख्य द्वार के लिए अन्य वास्तु टिप्स

मुख्य द्वार का आकार: मुख्य द्वार घर के अन्य सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा और लक्ष्मी का प्रवेश आसानी से हो सके.

  • दिशा का महत्व: मकान की दिशा मालिक की जन्म कुंडली के आधार पर शुभ होनी चाहिए. वास्तु और ज्योतिष का गहरा संबंध है, इसलिए यह जरूरी नहीं कि दक्षिण दिशा अशुभ या उत्तर दिशा हमेशा शुभ हो.
     
  • सीधे दरवाजों से बचें: मुख्य द्वार और अंतिम द्वार एक सीध में नहीं होने चाहिए, अन्यथा सकारात्मक ऊर्जा तेजी से बाहर निकल सकती है. यदि ऐसा हो, तो क्रिस्टल बॉल या परदे का उपयोग करें.
     
  • शौचालय से दूरी: मुख्य द्वार के सामने शौचालय नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है. यदि ऐसा है, तो क्रिस्टल बॉल लगाएं या शौचालय का दरवाजा बदलें.
     
  • शुभ चित्र और प्रतीक: मुख्य द्वार के सामने शुभ चित्र, स्वास्तिक, या समृद्धि दायक चिन्ह लगाएं. झरने या एक्वेरियम जैसे चित्र भी शुभ होते हैं, बशर्ते उनकी दिशा घर के अंदर की ओर हो.
     
  • सीढ़ियों से सावधानी: यदि मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां हैं, तो भाग्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है. इसके लिए फेंगशुई का बैकवर्ड मिरर लगाएं.

कमल नंदलाल का संदेश

कमल नंदलाल के अनुसार वास्तु के इन सरल उपायों को अपनाकर अपने घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकते हैं. उन्होंने कहा, वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का मुख्य द्वार न केवल प्रवेश का मार्ग है, बल्कि यह समृद्धि और सुख-शांति का प्रवेश द्वार भी है.ऐसे में इसका विशेष ध्यान देना चाहिए.

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