बिहार चुनाव से पहले CM नीतीश को बड़ा झटका, पार्टी के बड़े नेता ने छोड़ दिया साथ
JDU Leader Resignation: बिहार चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता नवीश कुमार नवेंदु ने पार्टी में "जमाई पॉलिटिक्स" और कोटा सिस्टम का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है.
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JDU Leader Resignation: बिहार में आगामी नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते है. मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को खत्म होने वाला है. बिहार की हर एक पार्टी चुनाव की तैयारियों में लगी हुई है और अपना वोट बैंक जुटाने का प्रयास अभी से ही कर रही है. इसी बीच CM नीतीश कुमार को एक जोरदार झटका मिला है. JDU के एक बड़े नेता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है. आइए जानते हैं कौन हैं वो नेता और क्यों हो रही है चर्चा?
"...पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं"
19 जून को दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर जनता दल यूनाइटेड के पटना साहिब विधानसभा के प्रभारी नवीश कुमार नवेंदु ने एक फेसबुक पोस्ट किया. इस पोस्ट में कैप्शन के साथ दो फोटो भी है. एक फोटो नवीश कुमार का इस्तीफा पत्र है जो कि उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भेजा है.
नवीश कुमार नवेंदु ने कैप्शन में इस्तीफा की जानकारी देते हुए लिखा,
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"बिहार प्रदेश जनता दल यूनाईटेड के मानननीय अधयक्ष श्री उमेश कुशवाहा जी से अनुरोध करता हूं कि मेरे जैसा जनता दल यूनाइटेड के समर्पित कार्यकर्ता पिछले 13 वर्षों से पार्टी के लिये ,बारिश अंधर पानी मे भी पार्टी के द्वारा दिये गये कार्यों को पूरी निष्ठा से करते आये है ,लेकिन आयोग बोर्ड निगम मे RSS कोटा , दामाद कोटा, विकास मित्र के कोटा, एवं माननीय मंत्री जी के कोटा के साथ साथ पत्नी कोटा से अधयक्ष एवं सदस्य बनाये गये हैं ,इसलिए मै पूरी जिम्मेवारी के साथ आज से जनता दल यूनाइटेड के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश प्रवक्ता एवं पटना साहिब विधानसभा प्रभारी (१८४) के पद सहित पार्टी के प्राथमिक सदस्य से त्यागपत्र देता हूं. एक महत्वपूर्ण बात और मैं जिस समाज अनुसूचित जाति और जिस जाति रविदास से आता हूं अगर मेरे जितना शिक्षा और राजनीतिक परिपक्वता के साथ पारिवारिक शिक्षित कोई कार्यकर्ता है तो मुझे बताने का कष्ट करेंगे. आप सभी का धन्यवाद."
यहां देखें नवीश कुमार नवेंदु का इस्तीफा
जमाई पॉलिटिक्स का मुद्दा
बिहार की सियासत में इन दिनों 'जमाई पॉलिटिक्स' का मुद्दा छाया हुआ है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि विभिन्न आयोगों में नियुक्तियों के दौरान बड़े नेताओं के रिश्तेदारों और खासतौर पर दामादों को तरजीह दी जा रही है. तेजस्वी के इन आरोपों के बाद राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है.