बिहार बन रहा ग्रीन एनर्जी का नया हब: 5,000 करोड़ के निवेश, टाटा-अदाणी जैसी कंपनियों की नजर पटना पर

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बिहार में 5,000 करोड़ का ग्रीन एनर्जी निवेश, टाटा-अदाणी जैसी कंपनियां आगे, नीति-2025 से बन रहा भारत का हरित ऊर्जा हब.

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बिहार में ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट का शुभारंभ
फोटो क्रेडिट- @EnergyBihar
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बिहार अब सिर्फ अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए ही नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा के क्षेत्र में भी देश का नया सितारा बनने की राह पर है. बीते शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में बिहार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की संवर्द्धन नीति–2025 और बिहार पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट प्रोमोशन पॉलिसी 2025 का भव्य लोकार्पण हुआ.

इस मौके पर टाटा पावर, अदाणी पावर, और लार्सन एंड टुब्रो जैसी देश की दिग्गज कंपनियों ने बिहार में 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश के लिए समझौते किए. ये नीतियां न केवल बिहार को ग्रीन एनर्जी का हब बनाएंगी, बल्कि हजारों नौकरियों और आर्थिक तरक्की का रास्ता भी खोलेंगी. आइए, जानते हैं कैसे बिहार निवेशकों का पसंदीदा ठिकाना बन रहा है.

5,000 करोड़ के निवेश, कई बड़े MoU पर हस्ताक्षर

इस ऐतिहासिक आयोजन में बिहार सरकार ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को हरी झंडी दी. कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें शामिल हैं:

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  • ब्रेडा और अवाडा: 1 गीगावाट ग्राउंड माउंटेड और फ्लोटिंग सोलर परियोजनाओं के लिए करार.
  • बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड और SECI: 3,000 करोड़ रुपये की साझेदारी.
  • लार्सन एंड टुब्रो: कजरा, लखीसराय में 837.66 करोड़ रुपये की लागत से 116 मेगावाट/241 मेगावाट घंटा की बैटरी एनर्जी स्टोरेज परियोजना.
  • एनटीपीसी ग्रीन और बीएसपीजीसीएल: 1,000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के लिए 1,500 करोड़ रुपये का समझौता.

ये निवेश बिहार को स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे.

देश की टॉप कंपनियों का बिहार में जमावड़ा

इस कार्यक्रम में देश की शीर्ष ऊर्जा कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (PSU) के प्रतिनिधि शामिल हुए. टाटा पावर, अदाणी पावर, लार्सन एंड टुब्रो, एनटीपीसी ग्रीन, विक्रम सोलर, गोदरेज, सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI), ग्रीनको, और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) जैसी कंपनियों ने बिहार की नीतियों की तारीफ की. सभी ने एक स्वर में कहा कि बिहार अब निवेश के लिए सबसे उपयुक्त राज्य बन गया है.

निवेशकों के लिए ढेर सारी सुविधाएं

ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह ने नई नीतियों की खासियतें बताते हुए कहा कि बिहार सरकार निवेशकों को हर संभव मदद देगी. इन नीतियों में शामिल हैं:

  • 100% स्टेट GST में छूट.
  • स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क में पूरी छूट.
  • STU (स्टेट ट्रांसमिशन यूटिलिटी) चार्ज में राहत.
  • 5 साल तक कस्टम ड्यूटी में 100% छूट.

उन्होंने निवेशकों से अपील की, “बिहार आएं, यहां नीतियों का समर्थन, नेतृत्व का अवसर, और भविष्य की ऊर्जा क्रांति की जमीन तैयार है.”

बिहार की नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी की झलक

उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि जल्द ही बिहार इंडस्ट्रियल पॉलिसी 2025 लॉन्च की जाएगी. गया में 1,700 एकड़ में एक विशाल इंडस्ट्रियल क्लस्टर विकसित किया जा रहा है, जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों में निवेश का बड़ा केंद्र बनेगा. यह क्लस्टर बिहार को औद्योगिक विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.

ग्रीन एनर्जी के साथ रोजगार और विकास

ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा, “ये नीतियां बिहार को देश की हरित ऊर्जा यात्रा में अग्रणी बनाएंगी. यह सिर्फ ऊर्जा उत्पादन का मसला नहीं, बल्कि रोजगार सृजन और औद्योगिक विस्तार का रास्ता है.” उन्होंने जोर देकर कहा कि बिहार अब नेट जीरो लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है.

बिहार की सोच: हरित से भविष्य तक

कार्यक्रम में बीइआरसी चेयरमैन आमिर सुबहानी, उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह, बीएसपीएचसीएल सीएमडी मनोज कुमार सिंह, और इन्वेस्टमेंट कमिश्नर कुंदन कुमार ने नीतियों के फायदों और व्यावहारिक पक्षों पर विस्तार से चर्चा की. उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इन नीतियों को दूरदर्शी और क्रांतिकारी बताया. कार्यक्रम का समापन बीएसपीजीसीएल एमडी महेंद्र कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ.

बिहार में शामिल कंपनियां

इस आयोजन में शामिल प्रमुख कंपनियों में टाटा पावर, अशोका बिल्डकॉन, अवाडा एनर्जी, लार्सन एंड टुब्रो, इंटेली स्मार्ट, एनटीपीसी ग्रीन, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, अदाणी पावर, सिक्योर मीटर्स, अर्न्स्ट एंड यंग, सतलज जल विद्युत निगम, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, गोदरेज एंटरप्राइजेज, विक्रम सोलर, ग्रीनको, एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड, वारी एनर्जी, और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड शामिल रहीं.

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