8th pay commission: 8वें वेतन आयोग में कम्युटेड पेंशन को लेकर भी मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
8वां वेतन आयोग बन रहा है, लेकिन सिफारिशें कब लागू होंगी इस पर सस्पेंस है. कर्मचारियों ने कम्युटेड पेंशन 12 साल में बहाल करने की मांग की है.
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आठवें वेतन आयोग बन रहा है, ये तो कन्फर्म है लेकिन होगा क्या, इसको लेकर कन्फर्मेंशन नहीं है. ऐसा इसलिए कि वेतन आयोग बनाने में देरी हो रही है. अब जो वक्त मिला है उससे कर्मचारी संगठनों को मौका मिला है अपनी मांगें सरकार तक पहुंचाने और जोर देने का.
सैलरी इंक्रीमेंट के फिटमेंट फैक्टर समेत वेतन आयोग के प्रपोजल को लेकर बहुत सारी चर्चाएं तेज हैं. ऐसी ही एक चर्चा शुरू हुई है केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले पेंशन बेनेफिट को लेकर.
कम्युटेड पेंशन क्या है?
कम्युटेड पेंशन (Commuted Pension) का मतलब है- रिटायरमेंट के समय अपनी मासिक पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त (lump sum) रकम के रूप में ले लेना. यह एक तरह की एडवांस पेंशन होती है, जो रिटायरमेंट के वक्त ही कर्मचारी को दे दी जाती है.
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भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी मूल पेंशन का अधिकतम 40% हिस्सा "कम्युट" कर सकते हैं, यानी उसे बेच सकते हैं. इसके बदले में सरकार उन्हें एक तय फॉर्मूले के हिसाब से एकमुश्त पैसा देती है, ताकि रिटायरमेंट के बाद कुछ जरूरी खर्चों को तुरंत निपटाया जा सके.
कम्युटेड पेंशन के फायदे क्या हैं?
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एकमुश्त बड़ी राशि मिलती है
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को एकमुश्त राशि मिलती है, जिससे वे घर, शादी, कर्ज चुकाने या किसी जरूरी खर्च में तुरंत इस्तेमाल कर सकते हैं.
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टैक्स से छूट
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(10A) के तहत कम्युटेड पेंशन पर टैक्स नहीं लगता, यानी पूरी रकम टैक्स-फ्री मिलती है.
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पेंशन पूरी तरह खत्म नहीं होती
कम्युटेड पेंशन केवल मूल पेंशन के 40% हिस्से पर लागू होती है. बाकी 60% पेंशन हर महीने मिलती रहती है.
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15 साल बाद पूरी पेंशन बहाल हो जाती है
वर्तमान नियमों के अनुसार, 15 साल बाद कम्युट किया गया हिस्सा वापस जोड़ दिया जाता है, यानी रिटायर्ड व्यक्ति को फिर से पूरी पेंशन मिलने लगती है.
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आर्थिक प्लानिंग आसान होती है
एकमुश्त पैसा मिलने से रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय योजना बेहतर बनती है, खासकर अगर रिटायर्ड व्यक्ति के पास कोई और इनकम का स्रोत नहीं है.
कम्युटेड पेंशन कैसे तय होती है? (Formula)
- मान लीजिए: मासिक पेंशन = ₹10,000
- कम्युट करने का प्रतिशत = 40%= ₹4,000
- कम्यूटेशन फैक्टर (उम्र के अनुसार) = 8
- तो फॉर्मूला होगा: ₹4,000 × 12 × 8 = ₹3,84,000 (एकमुश्त राशि)
पेंशन कम्यूटेशन नियम 1981 से चल रहा है. ये नियम सरकारी कर्मचारियों को इजाजत देता है कि रिटायर होने के बाद अपनी मूल पेंशन का 40% हिस्सा बेच सकते हैं. इसके बदले में एकमुश्त पैसा मिलेगा.
15 की बजाय 12 साल में ये फंड देने की मांग
जब वेतन आयोग बनने जा रहा है और सैलरी, पेंशन नए सिरे से रिवाइज होने वाली है तो कर्मचारी संगठनों ने मांग की है कि 15 साल में वापस मिलने वाला कम्युटेड पेंशन 12 साल में वापस किया जाना चाहिए. जेसीएम ने पिछले दिनों कैबिनेट सचिवों को कर्मचारियों, पेंशनर्स की ओर से मांगों की जो लिस्ट सौंपी थी इसमें एक मुद्दा कम्युटेड पेंशन भी शामिल था.
JCM ने दावा किया है कि इस मांग को लेकर सरकार पॉजिटिव है. अगर सरकार 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference में शामिल कर देगी तो ये सचमुच लागू हो सकता है. फाइनल तब होगा जब वेतन आयोग बनेगा. उसकी सिफारिशें सरकार के पास आने के बाद लागू होगी. अगर सरकार कम्युटेड पेंशन की बहाली 12 साल में करने का फैसला लागू करती है तो सीधे 67 लाख पेंशनर्स की झोली भर जाएगी.
8वें वेतन आयोग को लेकर ये है अपडेट
8वां वेतन आयोग बनेगा, सरकार ने जनवरी में ही इसका एलान कर दिया था. जून बीतने के बाद भी आगे बात नहीं बढ़ी तो इससे काफी सस्पेंस बना हुआ है. दिक्कत ये है कि सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा. वेतन आयोग बनने के बाद भी करीब 2 साल का समय लेता है रिपोर्ट बनाने में. एक जनवरी से वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होना तो मुश्किल लग रहा है. ये जरूर है कि एक जनवरी 2026 से एरियर की सुविधा मिल सकती है.
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