छत्तीसगढ़ में 14 जून से फिर मानसून एक्टिव होने की आशंका, आज रायपुर-दुर्ग समेत 14 जिलों में आंधी-बारिश और बिजली का अलर्ट

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Chhattisgarh Weather Report: छत्तीसगढ़ में फिर बदला मौसम का मिजाज, रायपुर-दुर्ग समेत 14 जिलों में आंधी, बारिश और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के अनुसार 14 जून से मानसून फिर से एक्टिव हो सकता है.

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छत्तीसगढ़ में तेज हवाएं और बारिश का अलर्ट, मानसून 14 जून से एक्टिव
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Chhattisgarh Weather Report: छत्तीसगढ़ में मौसम का मूड फिर बदल रहा है. आज आसमान में बादल छाए रहेंगे, कहीं-कहीं बिजली की गड़गड़ाहट और हल्की बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने रायपुर, दुर्ग समेत 14 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें तेज हवाएं और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है. लेकिन अच्छी खबर यह है कि कल यानी 14 जून से मानसून फिर से एक्टिव हो सकता है, जो बारिश का इंतजार कर रहे लोगों के लिए राहत की बात है.

14 जिलों में यलो अलर्ट, तेज हवाएं और बौछारें

मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में आज 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. रायपुर, दुर्ग, धमतरी, महासमुंद, बीजापुर और बस्तर जैसे जिलों में बिजली गिरने और हल्की बौछारों की संभावना है. उत्तर छत्तीसगढ़ में मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत है.

बस्तर में अटका मानसून

पिछले कुछ दिनों से बस्तर में रुका हुआ मानसून अब आगे बढ़ने के लिए तैयार है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले दो दिनों में अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा तो 16 या 17 जून तक मानसून रायपुर पहुंच सकता है. हाल की बारिश स्थानीय मौसम प्रणाली की वजह से हुई थी, लेकिन अब मानसून की सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है.

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दुर्ग में सबसे ज्यादा गर्मी

मंगलवार को रायपुर में आधे घंटे की बारिश ने कई इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा कर दी. विधानसभा क्षेत्र में बिजली गुल होने से ब्लैकआउट जैसी स्थिति बन गई. बुधवार को 10 जिलों में औसतन 25 मिमी बारिश दर्ज की गई. गुरुवार को मौसम शुष्क रहा. तापमान की बात करें तो दुर्ग में अधिकतम 38.6 डिग्री सेल्सियस और जगदलपुर में न्यूनतम 24.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

खरीफ फसलों पर खतरा

जून में अब तक 33 में से 27 जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई है. पूरे राज्य में औसतन 51% बारिश की कमी दर्ज की गई है. अगर मानसून की रफ्तार ऐसी ही रही तो खरीफ फसलों पर असर पड़ सकता है. हालांकि, पिछले साल की तुलना में स्थिति बेहतर है. 2024 में जून में तापमान 45.7 डिग्री तक पहुंच गया था, जबकि इस साल यह 42-43 डिग्री के आसपास रहा.

बिजली और ओलावृष्टि के दौरान क्या करें?

मौसम विभाग ने वज्रपात और तेज हवाओं के दौरान लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. विभाग ने सलाह दी है कि जैसे ही गड़गड़ाहट सुनाई दे, तुरंत घर के अंदर या किसी सुरक्षित पक्के आश्रय में चले जाएं. अगर आसपास कोई सुरक्षित आश्रय न हो तो खुले में खड़े रहने के बजाय उकड़ू बैठना ज्यादा सुरक्षित होता है. इसके अलावा, पेड़ों के नीचे रुकने से बचें और बिजली की लाइनों या किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाए रखें, ताकि बिजली गिरने की स्थिति में जान-माल की हानि से बचा जा सके.

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