दिल्ली: पिता की परंपरा को बेटों ने थामा, मां को कांवड में बिठाकर कर रहे हैं रोजाना 15 किलोमीटर का सफर

न्यूज तक

Kanwar Yatra Viral Video: सावन में दिल्ली के दो भाइयों ने मां को कांवड़ में बिठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक पदयात्रा की, पिता की परंपरा को निभा रहे हैं बेटे.

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मां को कांवड़ में बिठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक पैदल यात्रा करते बेटे
सावन में मां को लेकर कांवड़ यात्रा पर निकले दिल्ली के बेटे
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Kanwar Yatra Viral Video: सावन के पवित्र महीने में शिव भक्ति का रंग हर तरफ छाया है. इस बीच, दिल्ली के नजफगढ़ से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो दिल को छू लेती है. दो भाई, आकाश ठाकुर और सुमित ठाकुर, अपनी मां किरण देवी को कांवड़ में बिठाकर हरिद्वार से दिल्ली तक पैदल कांवड़ यात्रा कर रहे हैं. यह परंपरा उनके पिता ने शुरू की थी, जो अपनी मां को कांवड़ में बिठाकर कई बार यह यात्रा कर चुके थे. आइए, जानतें है इस पूरी कहानी को.

पिता की सीख, बेटों का संकल्प

आकाश और सुमित ठाकुर अपने पिता के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं. उनके पिता ने वर्षों तक अपनी मां को कांवड़ में बिठाकर कांवड़ यात्रा की थी. उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए ये दोनों भाई पिछले दो साल से अपनी मां किरण देवी को कांवड़ में बिठाकर हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर दिल्ली तक पैदल आ रहे हैं. हर दिन ये भाई 15 किलोमीटर का सफर तय करते हैं, जिसमें मां को कंधों पर उठाकर चलने की भक्ति और समर्पण साफ झलकता है.

मां किरण देवी की भावुक बातें

कांवड़ में बैठकर यात्रा कर रहीं मां किरण देवी ने अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने आजतक से बातचीत में कहा, 

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“मेरे बेटे मुझे कांवड़ में लेकर चल रहे हैं, यह बहुत सुखद अहसास है. मैंने मन्नत मांगी है कि जब मेरे बेटों की शादी होगी, तो मैं अपनी बहू और पोते-पोतियों को भी कांवड़ यात्रा करवाऊंगी. भगवान सबको हमारे जैसे बेटे दे, जो मां-बाप की सेवा करें और कांवड़ यात्रा में हिस्सा लें.”

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आकाश ठाकुर का प्रेरणादायक संदेश

आकाश ठाकुर, जो 2012 से कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, ने अपनी कहानी साझा की. उन्होंने बताया, “मैं नजफगढ़, बापरोला का रहने वाला हूं. मेरे पिता 15-16 बार कांवड़ ला चुके हैं. मैंने उनके साथ 2012 में पहली कांवड़ यात्रा शुरू की थी. अब तक मेरी 14 कांवड़ हो चुकी हैं, लेकिन मां को कांवड़ में बिठाकर यह दूसरी यात्रा है.” आकाश ने युवाओं को संदेश दिया, “मां-बाप की सेवा करें और धूम्रपान से दूर रहें. वे और उनके भाई सुमित हर दिन 15 किलोमीटर पैदल चलते हैं और इस भक्ति को गर्व के साथ पूरा करते हैं.

कांवड़ यात्रा का जोश

सावन के महीने में हरिद्वार से गंगाजल लेकर लाखों शिव भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. ये भक्त हरिद्वार से मुजफ्फरनगर होते हुए दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों की ओर बढ़ते हैं. इस बीच, आकाश और सुमित की यह अनोखी कांवड़ यात्रा हर किसी के लिए प्रेरणा बन रही है.

पारिवारिक पृष्ठभूमि

आकाश ने बताया कि उनके परिवार में चार भाई और दो बहनें हैं. एक भाई सऊदी अरब में रहता है, जबकि आकाश और उनका एक भाई दिल्ली जल बोर्ड में वाटर टैंकर चलाते हैं. उनकी शादी अभी नहीं हुई है, लेकिन वे अपनी मां की सेवा और इस परंपरा को पूरी शिद्दत से निभा रहे हैं.

यहां देखें वीडियो

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