हुड्डा या सैलजा...कौन पड़ा भारी? 11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस में हुई जिलाध्यक्षों की नियुक्ति!

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Haryana Congress: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने 11 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार देर रात अपने 32 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है. पार्टी हाईकमान ने पानीपत शहरी जिले को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर नए अध्यक्षों को कमान सौंपी है.

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Haryana Congress: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी ने 11 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार देर रात अपने 32 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी है. पार्टी हाईकमान ने पानीपत शहरी जिले को छोड़कर बाकी सभी जगहों पर नए अध्यक्षों को कमान सौंपी है. इस नियुक्ति में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुट का दबदबा साफ दिखाई देता है.

गुटबाजी का समीकरण

कांग्रेस की 32 नामों की लिस्ट में से सबसे ज्यादा 15 नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे से हैं, जबकि 12 नेता कुमारी सैलजा गुट से आते हैं. इसके अलावा, दो न्यूट्रल और दो नेता सीधे राहुल गांधी के कोटे से चुने गए हैं. गुरुग्राम ग्रामीण के प्रधान वर्धन यादव को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है, वहीं रेवाड़ी ग्रामीण के सुभाष छाबड़ी को न्यूट्रल समझा जा रहा है. एक जिला अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला के करीबी भी हैं.

प्रमुख जिलों में हुड्डा खेमे का वर्चस्व

रोहतक, झज्जर और सोनीपत जैसे जिलों में जिन्हें देशवाल बेल्ट भी कहा जाता है, जिसमें हुड्डा खेमे का एकतरफा बोलबाला दिखाई दिया. झज्जर इकाई के अध्यक्ष संजय यादव, रोहतक शहरी के बलवान रंगा, रोहतक ग्रामीण के कुलदीप सिंह और सोनीपत की दोनों इकाइयों के अध्यक्ष हुड्डा गुट से हैं. इसी तरह, भिवानी के शहरी और ग्रामीण, दोनों ही जिला अध्यक्ष हुड्डा कैंप से नियुक्त किए गए हैं.

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संतुलन बनाने की कोशिश

नई सूची में पार्टी ने कुछ जगहों पर संतुलन बनाने की भी कोशिश की है. हिसार सिटी में बजरंग दास गर्ग को जिला प्रधान बनाया गया है. गर्ग वैसे तो हुड्डा खेमे से हैं, लेकिन उनके कुमारी सैलजा से भी अच्छे संबंध हैं.

अंबाला में तीन जिलाध्यक्षों में से दो सैलजा गुट से हैं. अंबाला कैंट के परविंदर परी और अंबाला सिटी के पवन अग्रवाल. जबकि अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान हुड्डा खेमे के हैं.

सैलजा गुट से चरखी-दादरी के सुशील धानक, हिसार रूरल से लाल बहादुर खोवाल, सिरसा से संतोष बेनीवाल और फतेहाबाद से अरविंद शर्मा को भी कमान सौंपी गई है.

जीटी बेल्ट में दिखी सामंजस्य की रणनीति:

पानीपत रूरल के अध्यक्ष रमेश मलिक हुड्डा खेमे से हैं, जबकि पानीपत शहरी इकाई के अध्यक्ष का नाम अभी तय नहीं किया गया है. जीटी बेल्ट (पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत) के छह जिलों में कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा और सैलजा गुटों के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश की है.

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