हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना पर संकट, इलाज बिना लौट रहे मरीज, निजी अस्पतालों ने रोकी सेवाएं
Ayushman Bharat Scheme Haryana: हरियाणा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) गंभीर संकट में फंस गई है. राज्य के 650 प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने इस योजना के जरिए इलाज करना बंद कर दिया है.
ADVERTISEMENT

Ayushman Bharat Scheme Haryana: हरियाणा में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) गंभीर संकट में फंस गई है. राज्य के 650 प्राइवेट हॉस्पिटल्स ने इस योजना के जरिए इलाज करना बंद कर दिया है. जिसके कारण, प्रदेश के 1.8 करोड़ से अधिक गरीब और मीडियम क्लास के परिवारों को प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवाने में परेशानी उठानी पड़ रही है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) हरियाणा ने सरकार पर 490 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान न करने का आरोप लगाया है.
निजी अस्पतालों का भुगतान रुका, IMA ने उठाया कड़ा कदम
IMA हरियाणा के सचिव डॉ. धीरेंद्र सोनी के मुताबिक, सरकार ने लंबे समय से प्राइवेट अस्पतालों के पेडिंग बिल का भुगतान नहीं किया और उसे नजरअंदाज किया है. उन्होंने कहा, “सरकार खुद मान रही है कि 490 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है. ऐसे में जब तक यह पेमेंट नहीं मिलती तब तक और बकाया बढ़ जाएगा. ऐसे में निजी अस्पताल अपनी सेवाएं कैसे चालू रख सकते हैं?” इससे पहले IMA ने चेतावनी दी थी कि अगर भुगतान समय पर नहीं हुआ तो 7 अगस्त 2025 से योजना के तहत सेवाएं निलंबित कर दी जाएंगी.
सरकार और IMA के बीच बातचीत बेनतीजा
इससे पहले इस संबंध में बुधवार को IMA प्रतिनिधियों की ACS (स्वास्थ्य) सुधीर राजपाल के साथ हुई बैठक भी बेनतीजा रही. वहीं सरकार ने दावा किया कि मई 2025 तक के जमा दावों का भुगतान कर दिया गया है. साथ ही, वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 240.63 करोड़ रुपये का फंड प्राप्त हुआ है, जिसका उपयोग बकाया निपटाने में किया गया है.
यह भी पढ़ें...
रोहतक से ग्राउंड रिपोर्ट देखिए
रोहतक के एक निजी हॉस्पिटल में हरियाणा तक ने पहुंचकर आयुष्यान योजना के बंद होने की पड़ताल की और मरीजों की स्थिति जानी. जिसमें साफ तौर पर देखा गया कि हॉस्पिटल में मरीज परेशान है, मरीज इलाज करवाए बिना घर लौट रहे हैं.
एक मरीज ने कहा, इलाज के लिए आए थे लेकिन मना कर दिया. हॉस्पिटल प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई कि सरकार ने हमारे पैसा नहीं दिए. इसलिए इलाज नहीं करेंगे.