पानीपत के सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कृत टीचर 'महजीब अंसारी' ने छात्रों को पढ़ाया कलमा, हंगामा हुआ तो गजब राज पता चला
Saraswati Vidya Mandir, Panipat: सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की छुट्टी के बाद जब बच्चे घर पहुंचे, तो उन्होंने कलमा गुनगुनाना शुरू कर दिया. यह सुनकर पेरेंट्स हैरान रह गए. जब उन्होंने बच्चों से पूछा, तो उन्होंने बताया कि स्कूल में मैडम ने उन्हें यह सिखाया है.
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पानीपत के एक स्कूल में छात्रों से कलमा पढ़वाने का मामला सामने आया है, घटना की जानकारी के बाद हंगामा मच गया, यह घटना सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में हुई. जब बच्चों ने घर जाकर कलमा गुनगुनाया, तो पेरेंट्स को इसकी जानकारी हुई और वे भड़क गए.
पेरेंट्स ने की टीचर को हटाने की मांग
गुस्साए पेरेंट्स तुरंत स्कूल पहुंचे और टीचर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने स्कूल प्रशासन से कहा कि ऐसी चीजें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और टीचर को तुरंत बर्खास्त किया जाए. पेरेंट्स के गुस्से को देखते हुए स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया और टीचर को नौकरी से निकाल दिया. प्रिंसिपल ने इस घटना के लिए माफी भी मांगी.
मॉर्निंग असेंबली के बाद क्लास में पढ़ाया कलमा
जानकारी के मुताबिक, यह स्कूल साल 2002 से चल रहा है. दो दिन पहले स्कूल में मॉर्निंग असेंबली के बाद क्लास लगी थी. आठवीं कक्षा की संस्कृत टीचर महजीब अंसारी, जिन्हें माही के नाम से भी जाना जाता है, ने बच्चों को लेक्चर दिया. इसी दौरान टीचर ने बच्चों को कलमा पढ़ाया.
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घर जाकर बच्चों ने गुनगुनाया कलमा
स्कूल की छुट्टी के बाद जब बच्चे घर पहुंचे, तो उन्होंने कलमा गुनगुनाना शुरू कर दिया. यह सुनकर पेरेंट्स हैरान रह गए. जब उन्होंने बच्चों से पूछा, तो उन्होंने बताया कि स्कूल में मैडम ने उन्हें यह सिखाया है. इसके बाद आसपास के पेरेंट्स ने आपस में बातचीत की और स्कूल पहुंचने का फैसला किया.
हिंदू महासभा भी पहुंची स्कूल
शनिवार को आठवीं कक्षा के बच्चों के पेरेंट्स हिंदू महासभा के सदस्यों के साथ स्कूल पहुंचे. मामले की जानकारी पुलिस को भी दी गई. स्कूल प्रशासन, पेरेंट्स और टीचर के बीच काफी देर तक बातचीत चली. आखिरकार, पेरेंट्स की मांग पर स्कूल ने टीचर को बर्खास्त कर दिया.
एक साल से पढ़ा रही थी टीचर
स्कूल की प्रिंसिपल इंदु ने बताया कि टीचर पिछले एक साल से स्कूल में पढ़ा रही थी और वह संस्कृत की टीचर थी. प्रिंसिपल ने कहा कि टीचर को अपनी गलती का एहसास था और उसने माफी भी मांगी थी. पेरेंट्स की मांग को मानते हुए टीचर को रिलीव कर दिया गया है.
निकनेम से बुलाने पर प्रिंसिपल का स्पष्टीकरण
जब प्रिंसिपल से यह पूछा गया कि टीचर को स्कूल में माही नाम से क्यों बुलाया जाता था, तो उन्होंने बताया कि टीचर का असली नाम थोड़ा बड़ा और भ्रमित करने वाला था. इसलिए, उन्हें उनके निकनेम माही से बुलाया जाता था. प्रिंसिपल ने यह भी स्पष्ट किया कि स्कूल के रजिस्टर में टीचर का असली नाम ही दर्ज है और इसमें नाम छिपाने की कोई साजिश नहीं थी.