India का पहला पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान AMCA, China और Pakistan के उड़ा देगा चिथड़े

ऋषि सिंह

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India’s fifth-gen Fighter Jet: भारत की सुरक्षा ताकत में जबरदस्त इजाफा होने वाला है क्योंकि भारत बहुत जल्द उन चुनिंदा देशों में शुमार हो जाएगा जिनके पास दुनिया के सबसे घातक लड़ाकू विमान हैं. हम बात कर रहे हैं उस विमान की जिसके उपर भारत सरकार 15,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. दरअसल Cabinet Committee on Security ने Advanced Medium Combat Aircraft  को डिजाइन और विकसित करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी  दी है. Aeronautical Development Agency, DRDO के अंतर्गत रहकर इस Aircraft को डिजाइन करने के लिए नोडल एजेंसी होगी. इसका निर्माण Hindustan Aeronautics Limited द्वारा किया जाएगा.

AMCA  क्यों खास है?

AMCA को विकसित करने के लिए चर्चा 2007 में शुरू हुई थी. प्रारंभिक योजना Fifth Generation Fighter Aircraft कार्यक्रम के तहत रूस के साथ संयुक्त रूप से विमान विकसित करने की थी. लेकिन भारत साल 2018 में FGFA परियोजना से हट गया था. हालांकि भारत ने अपनी तैयारी पूरी कर रखी थी और देखा जाए तो AMCA भारत का स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा और ऐसे में जो इसे चौथी पीढ़ी से अलग करेगी, वह मुख्य रूप से इसकी गुप्त विशेषताएं हैं. इस विमान में कम इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक सिग्नेचर होगा, जिससे दुश्मन के रडार के लिए इसका पता लगाना मुश्किल हो जाएगा और उन विमानों को आसानी से ये मात दे पाएगा.

AMCA की विशेषताएं

AMCA  की विशेषताओं की अगर बात की जाए तो ये एक 25 टन का twin-engine aircraft होगा. यह विमान स्टील्थ तकनीक से लैस होगा और दुश्मन के रडार को चकमा देकर हमले को अंजाम दे सकेगा. AMCA Mk1 वेरिएंट में 90 किलोन्यूटन (kN) क्लास का यूएस-निर्मित GE414 इंजन होगा जबकि AMCA Mk2 और अधिक शक्तिशाली होगा और 110kN इंजन पर उड़ान भरेगा, जिसे DRDO के गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा.

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अमेरिका के F-22 रैप्टर को देगा टक्कर

दुनिया में केवल कुछ चुनिंदा देशों जैसे रूस, अमेरिका और चीन के पास ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट हैं. इसमें रूस का सुखोई Su-57, अमेरिका का F-22 रैप्टर और F-35A लाइटनिंग II, चीन का J-20 माइटी ड्रैगन शामिल हैं. CCS की मंजूरी के बाद ADA को पांच साल में विमान की पहली उड़ान की उम्मीद है. इस विमान के निमार्ण में अब से लगभग 10 साल लग सकते हैं.

AMCA प्रोजेक्ट को क्यों दी मंजूरी

भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में लगभग 30 लड़ाकू स्क्वाड्रन हैं. यह संख्या कम होने की उम्मीद है क्योंकि मिग-21, मिग-29, मिराज 2000 और जगुआर के स्क्वाड्रन को अगले दशक तक हटा दिया जाएगा. भारतीय वायुसेना ने संकेत दिया है कि उसे AMCA के सात स्क्वाड्रन की जरुरत है. बड़ी बात ये है कि भारत सरकार लगातार इन सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में लगी हुई है. पिछले कुछ सालों में जिस तरह से MAKE IN INDIA पर जोर दिया गया है. ये एक बड़ी उपलब्धि है.

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