पीएम मोदी की चेतावनी से पाकिस्तान में बौखलाहट, दुश्मन देश ने फिर दी गीदड़ भभकी

ऋषि सिंह

भारत ने साफ संकेत दिए हैं कि जब तक आतंकवाद और PoK जैसे मुद्दों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक कोई रियायत नहीं दी जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी का यह स्पष्ट संदेश पाकिस्तान के लिए चेतावनी है कि भारत अब सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहेगा, ज़रूरत पड़ी तो निर्णायक कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा. पाकिस्तान को यह समझना होगा कि 21वीं सदी का भारत अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया गुजरात दौरे में दिए गए भाषण से पड़ोसी देश पाकिस्तान की नींद उड़ गई है. पीएम मोदी ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और आतंकवाद को लेकर सीधे शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और कहा था, "जब एक कांटा चुभता है तो पूरे शरीर में दर्द होता है, और हमने तय कर लिया है कि यह कांटा निकाल कर रहेंगे. पाकिस्तान अपनी रोटी खाए, गोली तो मेरे पास है".

इस स्पष्ट और सख्त बयान के बाद पाकिस्तान की बेचैनी सामने आ गई. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी की, जिसमें भारत पर गंभीर आरोप लगाए गए और पीएम मोदी के भाषण को "भड़काऊ" बताया गया.

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: भड़काऊ भाषण, संधियों का उल्लंघन का आरोप

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पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा:

यह दुख की बात है, लेकिन हैरानी की नहीं, कि भारत के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों और इतिहास को अपने तरीके से बदलने की कोशिशों को नजरअंदाज कर, एक भड़काऊ भाषण दिया है. उनका यह कहना कि "पानी को हथियार बनाया जाएगा" जो कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक संधि के तहत बंटा हुआ साझा संसाधन है, अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है. इससे साफ होता है कि भारत के शब्द और काम उसके बड़े-बड़े दावों से मेल नहीं खाते. अगर भारत सच में दुनिया में इज्जत चाहता है, तो उसे पहले अपने देश के हालात सुधारने चाहिए.

बयान में भारत पर अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन, खासकर जल संधियों को हथियार बनाने की बात कही गई. पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है” और जम्मू-कश्मीर को लेकर दबाव और दमन की नीति अपनाए हुए है. आज भारत की सरकार से जुड़े कुछ लोग नफरत फैलाने, भीड़ हिंसा को बढ़ावा देने और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का काम कर रहे हैं. इससे भले ही कुछ लोगों को चुनाव में फायदा हो जाए, लेकिन दुनिया में भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है. पाकिस्तान ने यह भी कहा कि भारत को एक जिम्मेदार पड़ोसी और शक्ति बनने के लिए संयम और समझदारी दिखानी चाहिए.

भारत की दो टूक: शांति चाहिए, लेकिन आत्म-सम्मान की कीमत पर नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में साफ कर दिया था कि भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मसम्मान की हो, तो भारत पीछे हटने वाला नहीं है. उन्होंने कहा था, "हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोसी भी चैन से जिएं और हमें भी जीने दें। लेकिन अगर कोई हमें ललकारेगा, तो यह भूमि वीरों की है". यह बयान न केवल भारत की दृढ़ विदेश नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ करता है कि भारत आतंकवाद और PoK जैसे मुद्दों पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा.

पाकिस्तान की कूटनीतिक हड़बड़ाहट

पीएम मोदी के "गोली और कांटे" वाले बयान के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया न केवल अपेक्षित थी, बल्कि उसमें बौखलाहट भी झलक रही थी. भारत की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान पहले ही दबाव में है. हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरान में भारत से बातचीत की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन भारत ने साफ संकेत दिए हैं कि जब तक आतंकवाद और PoK जैसे मुद्दों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक कोई रियायत नहीं दी जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी का यह स्पष्ट संदेश पाकिस्तान के लिए चेतावनी है कि भारत अब सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहेगा, ज़रूरत पड़ी तो निर्णायक कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेगा. पाकिस्तान को यह समझना होगा कि 21वीं सदी का भारत अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं करेगा.

 

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