MP के इस एक्सप्रेस-वे के सामने दुनिया की बड़ी-बड़ी सड़कें हो जाएंगी फेल, जानें क्या है खास?
Delhi-Mumbai Expressway: देश का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मध्यप्रदेश में तैयार 244 किमी में से 210 किलोमीटर हिस्से पर यातायात आज (20 सितंबर) सुबह 8 बजे से आम लोगों के लिए खोल दिया गया. इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से NHAI ने औपचारिक उद्घाटन के लिए समय देने का अनुरोध किया था, लेकिन […]
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Delhi-Mumbai Expressway: देश का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के मध्यप्रदेश में तैयार 244 किमी में से 210 किलोमीटर हिस्से पर यातायात आज (20 सितंबर) सुबह 8 बजे से आम लोगों के लिए खोल दिया गया. इसके पहले प्रधानमंत्री कार्यालय से NHAI ने औपचारिक उद्घाटन के लिए समय देने का अनुरोध किया था, लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तताओ के लिए समय नहीं मिला. पीएमओ से आम जनता के लिए मध्यप्रदेश के तैयार हिस्से को खोलने का संदेश मिलने के बाद इसे आज NHAI ने आम जनता के लिए खोल दिया गया.
बता दें कि 8 लेन के दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के सामने दुनिया की बड़ी-बड़ी सड़कें फेल हो जाएंगी. पहले दिन जब लोगों ने एक्सप्रेसवे पर सफर कर अनुभव शेयर करते हुए बताया कि ये शानदार है. लोगों ने बताया कि उनके पेट का पानी तक नहीं हिला.
जितना सफर-उतना टोल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर टोल दरें अलग-अलग पैकेज एरिया की दर से निर्धारित हैं. जैसै कहीं पहाड़ काटकर बनाना पड़ा. उस इलाके से गुजरने की टोल दरे थोड़ी अधिक होगी और जहां फ्लेट एरिया में निर्माण हुआ वह थोड़ी कम होगी. NHAI की ओर से टोल के लिए अधिकृत की गयी कंपनी पाथ इंडिया लिमिटेड के टिंमरवानी टोल पाइंट के इंचार्ज सरफराज खान कहते हैं कि औसतन 2 से ढाई रूपये प्रति किलोमीटर का टोल इस जोन में लगेगा. खान कहते हैं कि जैसे ही इंटरचेंज पाइंट पर वाहन इंट्री करेगा वैसी ही गाड़ी का फास्टटेक स्कैन कर अगले सभी 7 पाइंट पर गाड़ी की डिटेल्स भेज देगा.
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एक्सप्रेस-वे में ये वाहन प्रतिबंधित
एक्सप्रेसवे पर जैसे ही 8 लेन से एग्जिट होने के लिए एग्जिट टोल पाइंट पर पहुंचेंगे. वहां आटोमेटिक आपकी गाड़ी की तय दूरी का तय टोल से गुणा कर उतनी राशि आपके फास्ट टैग अकाउंट से कट जायेगी. सरफराज खान कहते हैं हम अभी सर्विस एरिया और पेट्रोलिंग आदि की सुविधा उपलब्ध करवा रहे हैं. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर पांच प्रकार के वाहनों को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों की इंट्री हो सकेगी. जिन वाहनों का प्रवेश वर्जित किया गया है उसमें बाइक, ट्रैक्टर, ऑटो, भूसे से भरे वाहन जैसे हार्वेस्टर.
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे की यह है विशेषता
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे 1 लाख करोड़ रुपए की लागत से बना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिस पर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी खासा फोकस है. इस एक्सप्रेस-वे को ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि यह शहरों से काफी दूर से ग्रामीण और जंगल से भरे इलाकों से गुजरा है. घने जंगलों से गुजारने के दौरान इसे जंगल के ऊपर से गुजारा गया, ताकि जानवरों की आवाजाही बाधित ना हो. 8 लेन के बीचों बीच 20 मीटर की लेन में पौधे लगाए गये है, जो जल्दी पेड़ों का आकार लेंगे. इस एक्सप्रेस वे में जगह जगह कैमरे. सौर ऊर्जा आधारित लाइट्स लगाई गयी है.
प्रत्येक 50 किलोमीटर पर रेस्ट एंड सर्विस एरिया बनाया गया है. हर 100 किमी पर ट्रामा सेंटर एवं हेलीपेड बनाए गये है. ताकि आपातकाल में घायल यात्रियों का जीवन सुरक्षित किया जा सके. साथ ही एक्सप्रेस-वे मोटल भी पर बनाए गये हैं, ताकि यात्रियों को रात्रि विश्राम में दिक्कतें ना हों.
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यात्री गदगद- बोले एक्सप्रेस-वे शानदार
आज 20 सितंबर की सुबह 8 बजे जब दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेस वे के मध्यप्रदेश के हिस्से को आम लोगों के लिए खोला गया तो यात्री काफी उत्साहित थे. MPTAK से बातचीत के दौरान एक्सप्रेस वे में सफर कर आने वाले यात्रियों ने अपना अनुभव बताया. रतलाम निवासी यात्री विनोद जैन ने कहा कि आज हमने 72 किलोमीटर का सफर टोल चुकाकर किया है, लेकिन अनुभव बेहद रोमांचक रहा. पेट का पानी तक नहीं हिला ओर रास्ते में कोई असुविधा नहीं हुई. आनंद जैन नामक यात्री ने कहा कि आज रोमांचक अनुभव था. हमारे लिए गर्व का विषय है कि हमारे इलाके से यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे गुजर रहा है.
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क्यों है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे खास
-1386 किमी लंबा है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे.
-मध्यप्रदेश में 244 किलोमीटर बनकर तैयार.
-फिलहाल 210 किमी टोल के साथ खोला गया.
-सफर के लिए 2 से ढाई रुपये प्रति किलोमीटर की दर चुकाना होगी
-कुल लागत – 1 लाख करोड़ रुपये.
-MP के झाबुआ-रतलाम-मंदसौर जिले से गुजरेगा.
-फिलहाल 7 इंटरचेंज यानी इंट्री-एग्जिट पाइंट.
-दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जितना किलोमीटर सफर करेंगे उतना ही कटेगा टोल.
-मार्च 2024 तक दिल्ली से मुंबई तक शुरू होने की संभावना.