Chhindwara Lok Sabha seat: बीजेपी और कांग्रेस के बीच यहां है कांटे की टक्कर, एग्जिट पोल से पहले बढ़ गईं कमलनाथ की धड़कनें
Chhindwara Lok Sabha seat Update: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद कांटे का मुकाबला है. इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को अपना उम्मीदवार बनाया था और बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था.
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Chhindwara Lok Sabha seat: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बेहद कांटे का मुकाबला है. इस सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को अपना उम्मीदवार बनाया था और बीजेपी ने विवेक बंटी साहू को उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था. स्थानीय पत्रकारों ने भी कहा है कि यहां पर बीजेपी या कांग्रेस दोनों के ही जीत की संभावना है, क्योंकि दोनों के बीच लड़ाई बहुत करीबी रही है.
स्थानीय पत्रकार बताते हैं कि यहां पर नकुलनाथ का पलड़ा चुनाव शुरू होने से पहले भारी बना हुआ था. पूर्व सीएम के बेटे और मौजूदा सांसद होने की वजह से नकुलनाथ का पलड़ा भारी था. यह देखते हुए बीजेपी ने यहां पर विशेष रणनीति बनाई. विधानसभा चुनाव के समय से ही छिंदवाड़ा सीट पर बीजेपी ने अपने सभी बड़े केंद्रीय नेताओं को उतारा और कई-कई दिन का यहां पर प्रवास भी कराया.
छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन, सीएम मोहन यादव से लेकर खुद अमित शाह तक कई बार छिंदवाड़ा के दौरे पर आए. इसकी वजह से बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू की हवा बहुत तेजी से ऊपर आ गई. यह देखते हुए कांग्रेस की तरफ से खुद पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने हाथों में चुनावी कमान ली और कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के लोगों से अपने संबंधों की याद दिलाई. जिसके बाद छिंदवाड़ा का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया. मतदान के दिन भी दोनों उम्मीदवारों को लेकर जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रिया रही.
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जो भी जीतेगा, बहुत क्लोज मार्जिन से जीतेगा
स्थानीय पत्रकारों ने दावा किया है कि चूंकि बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवारों के बीच क्लोज फाइट है, इसलिए जीत का अंतर बहुत बड़ा नहीं रहने वाला है. दोनों के ही बीच जीत का अंतर बेहद कम रहेगा और बहुत क्लोज मार्जिन से किसी भी उम्मीदवार की जीत होगी. यह तो स्थानीय पत्रकारों की राय है. अब देखना होगा कि शनिवार शाम को आने वाले एग्जिट पोल में किस पार्टी का पलड़ा भारी बताया जाता है.