इंदौर बावड़ी हादसे के मृतक दे गए जीवनदान, अंगदान से लोगों को मिल रही नई रोशनी

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

Indore Bawadi Incident: इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुआ दर्दनाक हादसा कौन भूल सकता है. इस दुर्घटना में 36 लोगों की जान चली गई थी. इसके ऊपर एक और जहां राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर मृतकों के परिवारों ने एक बेहतरीन मिसाल पेश की है. मृतकों के परिजनों ने उनकी त्वचा […]

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Indore Bawadi Incident: इंदौर के बेलेश्वर मंदिर में हुआ दर्दनाक हादसा कौन भूल सकता है. इस दुर्घटना में 36 लोगों की जान चली गई थी. इसके ऊपर एक और जहां राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी ओर मृतकों के परिवारों ने एक बेहतरीन मिसाल पेश की है. मृतकों के परिजनों ने उनकी त्वचा और नेत्र दान किए हैं, जिससे नए लोगों को जिंदगी मिल सकेगी.

गुरुवार को इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे से पूरे देश की रूह कांप गई थी. इसमें 50 से अधिक लोग बावड़ी में गिर गए थे. 24 घंटे से अधिक वक्त चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बावड़ी के अंदर से 18 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था, जिसमें से दो लोगो की इलाज के दौरान मौत हो गई थी और 36 लोगों के शव बावड़ी से निकाले गए थे. इन मृतकों में से कुछ परिवारों ने अंगदान किए हैं.

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6 लोगों को मिली नई रोशनी
अंगदान कराने वाले मुस्कान ग्रुप के फाउंडर जीतू बगानी ने बताया कि चूंकि त्वचा दान का पीरियड लंबा होता है, करीब ढाई साल तक उसे सुरक्षित रखी जा सकती है. तो वहीं नेत्र को 72 घंटे तक ही रखा जा सकता है. 6 लोगों को आंखे लग चुकी हैं. 12 डोनेट आंखों की कल्चर रिपोर्ट आना बाकी है, उसके बाद ही तय हो पाएगा यह आंखे यूज होगी या नहीं. 4 ऑपरेशन एमवाय अस्पताल में किए गए हैं और दो ऑपरेशन इंदौर के शंकरा आई बैंक चैरिटेबल हॉस्पिटल में किए गए हैं, जो पूर्ण रूप से सफल रहे हैं.

9 लोगों ने किए अंगदान
अभी तक 9 मृतकों के अंगदान से 6 जरूरतमंद लोगों को रोशनी मिल चुकी है. मुस्कान ग्रुप के फाउंडर जीतू बगानी ने बताया कि दक्षा पटेल, इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी, लक्ष्मी पटेल, मधु भम्मानी, जयंती बाई, भारती कुकरेजा और कनक पटेल का मरने के बाद नेत्र दान किया गया है. उन्होंने बताया कि इंद्र कुमार, भूमिका खानचंदानी और जयंती बाई के नेत्रों के साथ उनकी त्वचा भी दान की है.

अंगदान के लिए आगे आए कई लोग
जीतू बगानी ने कहा कि 18 नेत्रदान और 4 त्वचा दान कर इस दुख की घड़ी में भी जो गमगीन परिजनों ने कार्य किया वह सराहनीय है. जिसमें 7 महिलाओं और 2 पुरुषों ने अंगदान किया है. हालांकि इसके बाद और भी कई परिजन अंगदान के लिए आगे आए थे, लेकिन रेस्क्यू में हुई देरी के चलते शरीर फूलने और आंखे खराब हो गई थीं. कई लोगों के चेहरे पहचानने लायक नहीं बचे थे, इस वजह से अंगदान नहीं हो पाया. पिछले 15 सालों से नेत्रदान, त्वचा दान, देह दान के लिए इंदौर में मुस्कान ग्रुप काम कर रहा है. मुस्कान ग्रुप के फाउंडर ने कहा कि त्वचा दान से गंभीर रूप से जले हुए लोगों के लिए स्किन अमृत का काम करती है.

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