इंदौर में बना देश का पहला बहुमंजिला कब्रिस्तान, जानें क्यों हो रही है इसकी चर्चा

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

MP News: इंदौर में देश का पहला बहुमंजिला कब्रिस्तान बनाया गया है. बढ़ती आबादी और जमीन की कमी को देखते हुए ये दूरगामी कदम उठाया गया है. इंदौर के कैथोलिक क्रिश्चियन समाज ने इस बहुमंजिला कब्रिस्तान का निर्माण कराया है. इस कब्रिस्तान में मल्टी लेयर हैं, जिसमें 4 शवों को एकसाथ दफनाया जाता है. इसके […]

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MP News: इंदौर में देश का पहला बहुमंजिला कब्रिस्तान बनाया गया है. बढ़ती आबादी और जमीन की कमी को देखते हुए ये दूरगामी कदम उठाया गया है. इंदौर के कैथोलिक क्रिश्चियन समाज ने इस बहुमंजिला कब्रिस्तान का निर्माण कराया है. इस कब्रिस्तान में मल्टी लेयर हैं, जिसमें 4 शवों को एकसाथ दफनाया जाता है. इसके अलावा भी इस मल्टीलेवल कब्रिस्तान में कई खास बातें हैं.

देश का पहला बहुमंजिला कब्रिस्तान इंदौर के कंचन बाग में स्थित है. खास बात यह है कि इसमें 15 फीट गहरी, 4.5 फीट चौड़ी और 6.5 फीट लंबी 64 कब्रें बनाई गई हैं. इन कब्रों में कुल 5 लेयर बनाई गई हैं. सबसे नीचे जगह खाली छोड़ी गई है और उसके बाद एक के बाद 4 शवों को एक साथ इसमें दफनाया जा सकता है.

इंदौर में बना पक्की कब्रों वाला कब्रिस्तान
इंदौर में लगातार कब्रिस्तान में शव को दफनाने की जगह कम पड़ती जा रही है. इसी को देखते हुए इंदौर के कैथोलिक क्रिश्चियन समाज में एक अनूठी पहल की है. इंदौर के कंचन बाग स्थित क्रिश्चियन कब्रिस्तान में 64 पक्की कब्रें बनाई गई हैं. रेड चर्च के फादर बिशप चाको ने बताया कि हमारा सोच यही थी कि शहर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है और सीमित कब्रिस्तान क्रिश्चियन समाज को उपलब्ध हैं. जब समाज में किसी का स्वर्गवास हो जाता है तो उसका दफनाने की प्रक्रिया की जाती है तो भविष्य में ऐसी नौबत न आए कि शव दफनाने की जगह शहर में खत्म हो जाए.

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ऐसा है मल्टी लेवल कब्रिस्तान
इंदौर शहर में करीब हजारों ईसाई समाज की आबादी निवास करती है और इंदौर में उनके केवल दो ही कब्रिस्तान हैं. पहला इंदौर के जूनि इंदौर क्षेत्र में और दूसरा कंचन बाग में. शव को दफनाने के पूर्व एयरटाइट सील किया जाता है, उसमें से किसी तरह की गैस या स्मेल बाहर आने की संभावना न के बराबर है. यदि फिर भी ऐसी स्थिति बनती है तो उसको आगे ठीक किया जाएगा. इसके निर्माण के लिए कंस्ट्रक्शन के पहले इंजीनियर से सलाह-मशवरा कर उसका निर्माण किया गया है. मल्टी लेवल कब्रिस्तान से 10 सालों के बाद शव के अवशेषों को बाहर निकालकर गड्ढे में दफना दिया जाएगा और मल्टी कब्रिस्तान से शव खाली हो जाता है. जिसके स्थान पर अन्य शव को दफनाया जाएगा.

ऐसे आया मल्टी लेवल कब्रिस्तान का आइडिया?
शव दफनाने की समस्या को लेकर दूरगामी सोच रखते हुए कैथोलिक समाज के मन में मल्टी लेवल कब्रिस्तान बनाने का विचार आया. रेड चर्च के फादर बिशप चाको का कहना है कि जो जगह उपलब्ध है उसी का सही उपयोग कर उसे वापस उपयोग में लाया जा सके, इसलिए एक प्रयोग किया गया है. जहां कंचन बाग स्थित कब्रिस्तान में मल्टी लेवल कब्र बनाए गए हैं. इतना गहरा बनाए गए है कि एक के बाद एक ऊपर नीचे शव को दफना दिया जा सके. उन्होंने कहा कि पहले एक ही कब्र में एक शव को दफनाया जाता था, इसलिए जगह कम होने की संभावना थी, इसलिए कैथोलिक क्रिश्चियन समाज में नया प्रयोग कर मल्टी शव कब्रिस्तान का निर्माण कराया है.

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