Lok Sabha Election: कौन हैं नरेंद्र पटेल, जिन्हें कांग्रेस ने अरुण यादव की जगह खंडवा से उतारा चुनावी मैदान में?
खंडवा लोकसभा सीट कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद आखिरकार अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिया है. पार्टी ने यहां से नरेंद्र पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. आइए जानते हैं कौन हैं नरेंद्र पटेल और कांग्रेस ने उन्हें ही क्यों अपना प्रत्याशी बनाया है.
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Khandwa Lok Sabha Seat: मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट खंडवा पर कांग्रेस ने लंबे मंथन के बाद आखिरकार अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इस सीट पर ऐसा माना जा रहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को पार्टी चुनावी मैदान में उतार सकती है, लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो अरूण यादव ने इस सीट से चुनाव लड़ने साफ तौर पर मना कर दिया था. यही कारण है कि अरुण की जगह पार्टी ने नरेंद्र पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. इस सीट पर कांग्रेस ने नरेंद्र पटेल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. आइये जानते हैं कौन हैं नरेंद्र पटेल जिन्हें पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है....
नरेंद्र पटेल 63 साल के हैं, और खरगोन जिले के रहने वाले हैं. उनकी पढ़ाई लिखाई की बात करें तो वे केवल 12वीं पास हैं. राजनीतिक पारी की बात की जाए तो लंबे समय से कांग्रेस में कई अहम पदों पर अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं. जिममें जिला युवा कांग्रेस महामंत्री, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष इनके पिता नगर पंचायत सनावत से पार्षद और सरपंच रहे हैं. नरेंद्र पटेल का परिवार राजनीति से जुड़ा रहा है. इनके चाचा बड़वाह विधानसभा सीट से 1993 में विधायक चुने गए थे. इसके साथ ही खरगोन लोकसभा सीट से 1999-2004 तक सांसद रहे हैं. पिछले चुनाव की बात की जाए तो इस सीट पर नंदकुमार चुनाव 2 लाख 73 हजार वोटों से चुनाव जीते थे.
क्या है खंडवा लोकसभा सीट का समीकरण?
खंडवा जिसकी पहचान किशोर कुमार के नाम से होती है. खंडवा लोकसभा सीट की बात करें तो यहां 20 लाख 90 हजार मतदाता हैं. जिसमें 4 जिलों की 8 विधानसभाएं आती हैं. जिसमें खंडवा जिले के 3 (खंडवा, पंधाना, मंधना) जबकि बुरहानपुर के बुरहानपुर और नेपानगर विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इसके अलावा खरगोन जिले के बड़वा और बीकनगांव विधानसभा क्षेत्र खंडवा संसदीय क्षेत्र में आते हैं. देवास जिले का बागरी विधानसभा क्षेत्र भी खंडवा संसदीय क्षेत्र में ही आता है. इन आठ विधानसभा क्षेत्रों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में 7 पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी तो वहीं कांग्रेस को 1 सीट से सतुष्ट होना पड़ा था.
कांग्रेस का गढ़ बीजेपी में तब्दील
अब तक खंडवा लोकसभा सीट पर कुल 19 चुनाव हुए हैं जिनमें 2 उपचुनाव भी शामिल हैं, जिसमें से 10 बार भारतीय जनता पार्टी तो वहीं 9 बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की है. जिस वक्त ये सीट अस्तित्व में आई उसके कई दशक तक यहां कांग्रेस का कब्जा रहा लेकिन समय के साथ साथ ये कब्जा भारतीय जनता पार्टी का होता चला गया.
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अरुण इसी सीट से जीतकर बने थे मंत्री
यह क्षेत्र वैसे तो कई दिग्गजों से भरा हुआ है लेकिन मध्य प्रदेश की कांग्रेस में बड़ी पहचान रखने वाले कांग्रेस नेता अरुण यादव इसी क्षेत्र के रहने वाले हैं. अरुण यादव खरगौन जिले के बोरवन गांव के रहने वाले हैं. 2007 में अरुण यादव ने खरगोन से चुनाव जीता था और 2009 में खंडवा लोकसभा से चुनाव जीता और केंद्र में मंत्री बने थे. इसके बाद 2014 में उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. ऐसा माना जा रहा था कि इस सीट पर इस बार कांग्रेस के टिकट पर एक बार फिर अरूण यादव चुनावी मैदान में नजर आएंगे लेकिन सूत्रों की माने तो उन्होंने खंडवा से चुनाव लड़ने से साफ तौर पर मना कर दिया था.