MP Election Result 2023: पूर्व CM के बेटे ध्रुव नारायण सिंह के राजनीतिक भविष्य पर खतरा? अपनी सीट से पीछे चल रहे हैं
Madhya Pradesh Election Result Updates: कांग्रेस के आरिफ मसूद और भाजपा के ध्रुव नारायण सिंह के बीच कांटे की टक्कर है. भोपाल मध्य सीट पर शुरुआती रुझान आना शुरू हो गए हैं.
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Madhya Pradesh Election Result Updates: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजे आज जारी हो रहे हैं. भोपाल मध्य से भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री गोविंद नारायण सिंह के बेटे ध्रुव नारायण सिंह चुनावी मैदान में हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के आरिफ मसूद से है. भोपाल मध्य में अल्प संख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ध्रुव नारायण सिंह ने 2008 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसी सीट से जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस के आरिफ मसूद और भाजपा के ध्रुव नारायण सिंह के बीच कांटे की टक्कर है. भोपाल मध्य सीट के रुझानों ने चौंका दिया है.
भोपाल मध्य विधानसभा सीट पर कांग्रेस को बढ़त है. आरिफ मसूद ने ध्रुव नारायण सिंह को पछाड़ते हुए नजर आ रहे हैं. वे 3766 वोटों से आगे हैं.
भोपाल मध्य विधानसभा सीट, मध्य प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में से एक है और यह साल 2008 से अस्तित्व में है. इस सीट पर दो बार भारतीय जनता पार्टी और एक बार कांग्रेस को जीत मिली है. यहां पर 2 लाख 50 हजार के करीब मतदाता हैं. 2008 के चुनाव में बीजेपी के ध्रुव नारायण सिंह, 2013 में बीजेपी के सुरेन्द्रनाथ सिंह और 2018 में कांग्रेस के आरिफ मसूद लोगों के पसंदीदा उम्मीदवार थे.
भोपाल में कुल 7 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें नरेला, हुजूर, बैरसिया, गोविंदपुरा, भोपाल उत्तर, भोपाल मध्य और भोपाल दक्षिण-पश्चिम शामिल हैं. 2018 में कुल सात सीटों में से 4 सीटों पर भाजपा तो वहीं 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी. भोपाल की सातों विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 2 सीटों पर लीड पर है, वहीं बीजेपी को 5 सीटों पर बढ़त है.
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 17 नवंबर को वोटिंग हुई थी. 3 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जा रहे हैं. जिसके बाद साफ होगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनने जा रही है. क्या बीजेपी पांचवी बार सत्ता में वापसी करेगी, या फिर इस बार बाजी पलट जाएगी और कांग्रेस दोबारा सत्ता हासिल करेगी.
2018 में ऐसी थी स्थिति
2018 में कांग्रेस ने 114 सीटें हासिल की थी और बीजेपी ने 109 सीटें हासिल की थी. जिसके बाद कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हालांकि 2020 में सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद भाजपा ने सरकार बनाई थी और सीएम शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे.