MP: एक साल पहले जिन 6 महिला न्यायाधीशों को किया था बर्खास्त, उनमें से 4 की हो गई बहाली, जानें क्या था विवाद

न्यूज तक डेस्क

MP: मध्यप्रदेश की 6 महिला न्यायाधीशों को एक साल पहले बर्खास्त किया गया था. उनके प्रोबेशन पीरियड में परफॉर्मेंस को संतोषजनक नहीं माना गया था, जिसके कारण ये बर्खास्तगी हुई थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इनमें से 4 महिला न्यायाधीशों की बहाली कर दी गई है.

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मध्यप्रदेश की 6 महिला न्यायाधीशों को एक साल पहले बर्खास्त किया गया था.

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उनके प्रोबेशन पीरियड में परफॉर्मेंस को संतोषजनक नहीं माना गया था.

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अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इनमें से 4 महिला न्यायाधीशों की बहाली कर दी गई है.

MP: मध्यप्रदेश की 6 महिला न्यायाधीशों को एक साल पहले बर्खास्त किया गया था. उनके प्रोबेशन पीरियड में परफॉर्मेंस को संतोषजनक नहीं माना गया था, जिसके कारण ये बर्खास्तगी हुई थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इनमें से 4 महिला न्यायाधीशों की बहाली कर दी गई है. लेकिन अन्य महिला न्यायाधीशों के मामले में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.

जिन महिला न्यायाधीशों की बहाली हुई है, उनके नाम हैं, रचना अतुलकर जोशी, प्रिया शर्मा, सोनाक्षी जोशी, ज्योति बरखड़े इनको बहाल कर दिया गया है. वहीं सरिता चौधरी और अदिति कुमार शर्मा को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी को बहाल न करने की टिप्पणियों के संबंध में हाईकोर्ट का हलफनामा सीलबंद लिफाफे के साथ रिकॉर्ड पर रखा गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि उसे अभी इसका अध्ययन करना है.

आपको बता दें कि जून 2023 में प्रदेश सरकार ने 6 महिला न्यायाधीशों को बर्खास्त किया था. मध्यप्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने हाईकोर्ट की सिफारिश पर 23 मई 2023 को आदेश जारी कर इन 6 न्यायाधीशों की सेवाएं समाप्त की थीं. यह आदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति और फुल कोर्ट मीटिंग के फैसले के आधार पर लिया गया था.

इस वजह से हुई थी इन महिला न्यायाधीशों की बर्खास्तगी

विधि-विधाई विभाग के सूत्रों के अनुसार महिला जजों का परफॉर्मेंस उनके प्रोबेशन पीरियड के दौरान संतोषजनक नहीं था. जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई की सिफारिश की थी. इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर चुनौती दी गई. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार और एमपी हाईकोर्ट को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था. लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 4 महिला न्यायाधीशों को बहाल करने के निर्देश जारी किए थे.

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