छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहांके ने दिया कमलनाथ को सबसे बड़ा झटका, कांग्रेस छोड़ ज्वॉइन की बीजेपी
मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ और कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. खासतौर पर छिंदवाड़ा में कमलनाथ के करीबी नेता एक के बाद एक कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम रहे हैं.
ADVERTISEMENT

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ और कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. खासतौर पर छिंदवाड़ा में कमलनाथ के करीबी नेता एक के बाद एक कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. पिछले करीब 10 दिनों में 100 से अधिक छिंदवाड़ा के कांग्रेसी नेता बीजेपी का दामन थाम चुके हैं, अब एक बार फिर कांग्रेस और खास तौर पर कमलनाथ को बड़ा झटका छिंदवाड़ा मेयर विक्रम अहांके ने दिया है.
दरअसल पिछले दिनों अमरवाड़ा विधायक ने बीजेपी ज्वाॅइन की थी, अब नकुलनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले विक्रम अहांके ने भी लोकसभा चुनाव से पहले नाथ परिवार का साथ छोड़ दिया है. बता दें कि जब कमलनाथ की बीजेपी में जाने की खबरें थी तब विक्रम ने भी उन खबरों को सही बताया था, इसके अलावा विक्रम खुद नकुलनाथ का लोकसभा चुनाव का पर्चा भरवाने साथ पहुंचे थे.
नकुलनाथ के लिए आसान नहीं होगी राह
छिंदवाड़ा में जिस तरह से कांग्रेस में लगातार टूट देखने को मिल रही है, इससे साफ हो गया है कि इस बार का चुनाव न तो कमलनाथ और नकुलनाथ के लिए आसान है और न ही कांग्रेस के लिए, क्योंकि कमलनाथ को छिंदवाड़ा से कई बड़े झटके लग चुके हैं. दीपक सक्सेना ने भले ही बीजेपी ज्वाइन न की हो पर कांग्रेस से इस्तीफ दे दिया है.
आज भी छिंदवाड़ा मेयर विक्रम अहांके, सभापति प्रमोद शर्मा ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. भोपाल में सीएम मोहन यादव एवं वीडी शर्मा ने पार्टी ज्वाइन करने पर उनका स्वागत किया. बता दें की छिंदवाड़ा नगर निगम कांग्रेस के पास थी. अब पूरी तरह बीजेपी के कब्जे में आ गई है.
यह भी पढ़ें...
कांग्रेस के किले में बीजेपी की सेंधमारी
बता दें कि छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से इस बार कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले 4 दशक से यह सीट नाथ परिवार का गढ़ बनी हुई है. भाजपा ने यहां से विवेक साहू को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन, वर्तमान स्थिति देखी जाए तो कांग्रेस की स्थिति यहां काफी कमजोर हुई है. पहले इसी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली अमरवाड़ा विधानसभा से विधायक कमलेश शाह भाजपा में शामिल हो गए थे.
अब मेयर विक्रम अहांके ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है. इसका असर आगामी चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर पड़ना तय माना जा रहा है. क्योंकि आदिवासी समाज पर विक्रम का असर काफी है.