नोएडा में कोरोना की एंट्री, अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश, डॉक्टर्स ने दी ये सलाह

न्यूज तक

दिल्ली-NCR के शहरों, जैसे नोएडा और गाजियाबाद में भी कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार को नोएडा में चल रही लहर में पहला कोविड मरीज (55) सामने आया.

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Noida Corona Case
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देश में एक बार फिर कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, जिससे शहरी क्षेत्रों में चिंता का माहौल है. दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा है. खास तौर पर, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगभग तीन साल में पहली बार कोरोना वायरस के नए मामले (23) दर्ज किए गए हैं. वहीं नोएडा और गाजियाबाद में भी कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं.

हल्के लक्षण, पर सतर्कता जरूरी

हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक कोरोना से संक्रमित ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं, और किसी भी मरीज की मौत की खबर नहीं आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि दक्षिण एशिया में कोविड मामलों में यह उछाल संभवतः JN.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन का एक उप-वैरिएंट) के प्रसार के कारण हो रहा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो यह वायरस काफी "सक्रिय" है, लेकिन इसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा "चिंताजनक वैरिएंट" के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.

दिल्ली में अस्पतालों को निर्देश

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि नवीनतम वैरिएंट "केवल एक सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसा है". बावजूद इसके, दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश दिया है. दिल्ली ने अस्पतालों को इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों को एकीकृत स्वास्थ्य डेटा प्लेटफॉर्म पर दैनिक रूप से अपलोड करने का निर्देश भी दिया है.

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NCR में भी पहुंचा कोरोना

दिल्ली-NCR के शहरों, जैसे नोएडा और गाजियाबाद में भी कोरोना वायरस के मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार को नोएडा में चल रही लहर में पहला कोविड मरीज (55) सामने आया. वहीं, गाजियाबाद में भी अब तक चार मामले सामने आ चुके हैं.

राज्यों का हाल: केरल, मुंबई और गुजरात

केरल में मई में सबसे ज्यादा 273 संक्रमित मिले हैं, जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. राज्य ने अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और खांसी के लक्षण वाले लोगों को चेहरे को ढकने की सलाह दी है. पड़ोसी कर्नाटक में भी कोविड के मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है, जहाँ 35 संक्रमित दर्ज किए गए हैं, जिनमें होसकोटे का नौ महीने का बच्चा भी शामिल है.

मई में अब तक मुंबई में 95 मामले सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र के कुल कोविड संक्रमणों में से सबसे अधिक हैं. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रही है, जहाँ केवल 16 मरीज भर्ती हुए हैं. BMC ने SARI लक्षणों वाले सभी रोगियों के लिए कोविड जांच की सलाह दी है. महाराष्ट्र के ठाणे में पिछले तीन दिनों में कोविड के 10 मामले सामने आए हैं.

गुजरात के अहमदाबाद में एक ही दिन में कोरोना के 20 केस दर्ज हुए हैं. अहमदाबाद नगर निगम के मुताबिक, शहर में मई महीने के दौरान कोरोना के 39 केस अब तक दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 8 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, लेकिन 31 मरीज अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं.

विशेषज्ञों की राय: घबराएं नहीं, समझदारी दिखाएं

अहमदाबाद के सीनियर फिजिशियन डॉ. प्रवीण गर्ग का कहना है कि "मौजूदा परिस्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है. किसी को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. कोरोना मरीजों की संख्या इतनी ज़्यादा भी नहीं है कि कोई अभी से डरे और बूस्टर डोज की जरूरत महसूस हो." उन्होंने सलाह दी कि जिनकी इम्युनिटी कम है, उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की जरूरत है, लेकिन हर किसी को मास्क पहनकर निकलने की जरूरत नहीं है.

डॉ. गर्ग ने यह भी बताया कि "अभी विश्व में JN-1 वेरिएंट से केस बढ़ने की खबर आ रही है, लेकिन भारत में अभी बहुत कम केस हैं. ऐसे में किस वेरिएंट से केस बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट नहीं है." हालांकि, JN.1 वेरिएंट से राहत की बात यह है कि इससे ज़्यादा मौतें नहीं हो रही हैं. लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतना जरूरी है.
 

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