सर्जरी का लाइव स्ट्रीम बंद! मरीजों के वीडियो दिखाकर लाखों की कमाई से भड़का NMC, बना सख्त नियम
कुछ निजी अस्पताल मरीजों की सर्जरी को लाइव दिखाकर ब्रांडिंग और मुनाफाखोरी कर रहे थे, जिस पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद NMC ने रोक लगा दी है. अब बिना मरीज की स्पष्ट सहमति और सरकारी मंजूरी के कोई भी ऑपरेशन लाइव नहीं दिखाया जा सकेगा.
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26 जुलाई 2025 को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए मरीजों के प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए एक अहम फैसला लिया है. दरअसल कई प्राइवेट अस्पतालों पर यह इल्जाम लगाया जाता रहा है कि वो मरीजों के सर्जरी का लाइव दिखाते हैं. जिससे उनकी नीजता का हनन होने का खतरा है.
हाल ही में इसी मामले को लेकर एक याचिका भी दाखिल की गई, जिसमें प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर मरीजों को ‘मॉडल’ की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था. याचिका में कहा गया कि अस्पताल बिना मरीजों की पूरी जानकारी और सहमति के ऑपरेशन को लाइव दिखाते हैं. इस लाइव में डॉक्टर और कंपनियां अपने नाम और प्रोडक्ट का प्रचार भी करते हैं, लेकिन मरीज की सुरक्षा और निजता को नजरअंदाज कर दिया जाता है.
इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट नेशनल मेडिकल कमीशन नाम की एक कमेटी बनाकर जांच करवाई और फिर गाइडलाइंस तैयार कीं. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने इस मामले में कई कड़े नियम जारी किए हैं.
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क्या कहता है नया नियम
1. बिना इजाजत नहीं कर सकते लाइव स्ट्रीम: NMC के नए नियम के अनुसार अब कोई भी अस्पताल अगर मरीज के ऑपरेशन को लाइव दिखाना चाहता है, तो उसे सबसे पहले राज्य मेडिकल काउंसिल या संबंधित संस्थान से इजाजत लेनी होगी.
2. मरीज की सहमति जरूरी: जिस मरीज की सर्जरी का लाइव दिखाया जाना है उस मरीज को साफ-साफ समझाया जाएगा कि उसकी सर्जरी लाइव होने जा रही है. सिर्फ एक कागज पर साइन कराना काफी नहीं होगा. मरीज कभी भी अपनी मंजूरी वापस ले सकता है और उसकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी.
3. न ब्रांडिंग न प्रचार: नए नियम के अनुसार इन सर्जरी के लाइव के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले प्रोडक्ट की मार्केटिंग नहीं की जा सकेगी. अगर लाइव के दौरान दिखाए जाने वाले किसी भी मेडिकल डिवाइस कंपनी को निजी लाभ होता है, तो नियम के अनुसार उसे लाइव सर्जरी के दौरान नहीं दिखाया जाएगा.
4. ऑपरेशन के वक्त ध्यान सिर्फ मरीज पर: अब ऑपरेशन के दौरान सर्जन को दर्शकों से बात करने की इजाजत नहीं होगी. अगर जरूरी हो तो एक अलग कमेंटेटर पूरी प्रक्रिया को समझाएगा, ताकि सर्जन का ध्यान भंग न हो.
5. मरीज को पैसे का लालच नहीं: केवल सर्जरी को लाइव दिखाने के लिए किसी भी मरीज को कोई आर्थिक लालच नहीं दिया जाएगा. हालांकि, उसे बीमा का विकल्प जरूर मिलेगा ताकि अगर सर्जरी में कोई दिक्कत हो तो पूरा खर्च अस्पताल उठाए.
6. पूरी तैयारी के बाद ही लाइव: नए नियम के अनुसार ऑपरेशन थिएटर में जरूरी इंस्ट्रूमेंट के साथ एक्सपर्ट्स की टीम भी मौजूद रहेगी. अगर लाइव के लिए तकनीकी व्यवस्था सही नहीं मिली, तो रिकॉर्डेड वीडियो दिखाया जाएगा.
छात्रों के लिए क्या विकल्प?
कई लोगों का मानना है कि इस तरह के लाइव सर्जरीज के वीडियो मेडिकल छात्रों को सीखने में मदद करती है. लेकिन NMC का कहना है कि इसके बेहतर और सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं, जैसे रिकॉर्डेड सर्जरी वीडियो, कैडेवर ट्रेनिंग और सिमुलेशन लैब.
कुल मिलाकर, भारत में अब लाइव सर्जरी को लेकर एक मजबूत व्यवस्था बनाई गई है. इस नई व्यवस्था या इन नियमों का मकसद है कि लोग इलाज के नाम पर मरीजों का फायदा न उठाया और मेडिकल शिक्षा को सही दिशा में बढ़ाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और NMC के नए नियमों से अब उम्मीद की जा रही है कि मरीज की सुरक्षा और सम्मान सबसे ऊपर रहेगा, न कि अस्पताल और डॉक्टरों का प्रचार.
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