ऐसा क्या अपराध किया कि पत्नी, बेटे संग आजम खान को मिली सात साल की सजा और भेजे गए जेल?
समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा सुनाई गई है. रामपुर की एक अदालत ने फर्जी दस्तावेज मामले में ये सजा दी है.
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Uttar Pradesh News: समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रहे आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को 7 साल की सजा सुनाई गई है. रामपुर की एक अदालत ने फर्जी दस्तावेज मामले में ये सजा दी है. इस सजा ने आजम खान के पूरे परिवार की सियासत की कमर तोड़ दी है. आजम खान ने सजा पर बोलते हुए कहा कि “पूरे शहर को मालूम था कि क्या फैसला होना है, आज फैसला हुआ है, फैसले में और इंसाफ में फर्क होता है”. आइए आपको बताते हैं कि आजम खान और उनका परिवार किस मामले में फंसा.
आजम खान पर क्या है पूरा मामला
इस मामले में अभियोजन पक्ष के वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया कि MP-MLA अदालत के मजिस्ट्रेट शोभित बंसल ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को सात साल कैद की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. फैसले के बाद, तीनों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया और अदालत से ही जेल भेज दिया गया.
असल में रामपुर के विधायक आकाश सक्सेना ने साल 2019 में आजम खान और उनकी पत्नी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था. आरोप था की दोनों ने बेटे अब्दुला आजम को दो फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिलाने में मदद की थी. आरोप पत्र के मुताबिक रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी प्रमाण पत्र में उनकी जन्मतिथि एक जनवरी 1993 बताई गयी है. वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 और पैदाइश लखनऊ में बताई गई है.
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अब जबकि आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे को 7 साल की सजा मिल गई है, तो ये उनके सियासी भविष्य को चौपट करने वाली भी साबित हो सकती है. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) 1951 के प्रावधान कहते हैं कि जिस शख्स को दो साल या उससे अधिक की कैद होती है, वो सजा काटने के दौरान और उसके बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता. अब अगर आजम परिवार को उच्च अदालतों से राहत नहीं मिली, तो उनके लिए चुनावी राजनीति फिलहाल संभव नहीं नजर आती.