Waqf Act को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सरकार को राहत नहीं? फैसले ने बढ़ा दी हलचल!
Supreme court on waqf bill: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई की. सीजेआई संजीव खन्ना ने सुनवाई टालते हुए कहा कि इस मामले पर अंतरिम आदेश पारित करने से पहले लंबी सुनवाई की आवश्यकता है.
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केंद्र सरकार को वक्फ कानून के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद थी, लेकिन कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया. याचिकाकर्ताओं को भी उम्मीद थी कि मुख्य न्यायाधीश खन्ना अपने रिटायरमेंट से पहले कोई बड़ा फैसला देंगे, लेकिन मुख्य न्यायाधीश खन्ना ने पिछली सुनवाई के फैसले को ही बरकरार रखा.
सरकार के तीन शर्तों पर मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के तीन हलफनामों को मान्यता दी, जिसमें कहा गया कि वक्फ संपत्ति के लिए कागजात नहीं मांगे जाएंगे, वक्फ बोर्ड या काउंसिल में गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे, और कलेक्टर की भूमिका में कोई बदलाव नहीं होगा. ये शर्तें यथावत रहेंगी.मामला अगली बेंच को सौंपा
मुख्य न्यायाधीश खन्ना, जो 13 मई को रिटायर हो रहे हैं, ने कहा कि उनके कार्यकाल में इस मामले का अंतिम फैसला संभव नहीं है. अब यह मामला जस्टिस गवई की बेंच में 15 मई को सुनवाई के लिए जाएगा. कोर्ट ने जल्द सुनवाई की सहमति जताई.
याचिकाएं खारिज करने की मांग ठुकराई
केंद्र सरकार ने 1332 पन्नों के हलफनामे में दावा किया कि वक्फ कानून संविधान के अनुरूप और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने वाला है. सरकार ने याचिकाओं को खारिज करने की मांग की, लेकिन जस्टिस खन्ना, जस्टिस संजय, और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने इसे नामंजूर कर दिया.
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याचिकाकर्ताओं की आंशिक जीत
याचिकाकर्ता चाहते थे कि कोर्ट वक्फ कानून पर स्टे दे, लेकिन कोर्ट ने इनकार किया. हालांकि, सरकार के तीन विवादित प्रावधानों पर स्व-नियंत्रण (सेल्फ स्टे) बरकरार रहा, जो याचिकाकर्ताओं के लिए आंशिक जीत है. यह स्टे तब तक लागू रहेगा, जब तक कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देता.
राजनीतिक प्रभाव और भविष्य
वक्फ कानून का मामला अब लंबे समय के लिए ठंडे बस्ते में चला गया है. बीजेपी और इंडिया गठबंधन इसे चुनावी मुद्दा बनाकर वोटरों को लुभाने की कोशिश कर सकते हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है, जहां मुस्लिम वोटरों का रुख अहम होगा. नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, और चिराग पासवान की राजनीति भी चर्चा में रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट की मंशा स्पष्ट
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वह याचिकाओं को रद्द नहीं करेगा और सुनवाई जारी रखेगा. सरकार के आंकड़ों पर कोर्ट ने भरोसा नहीं जताया और दोनों पक्षों से तथ्य व दस्तावेज पेश करने को कहा. कोर्ट का मानना है कि फैसला तथ्यों के आधार पर होगा.
मोदी सरकार के लिए झटका
केंद्र सरकार के लिए यह स्थिति हार के समान है, क्योंकि तीन मुख्य प्रावधानों पर स्व-नियंत्रण बरकरार है. ये प्रावधान वक्फ कानून की मूल भावना से जुड़े हैं, और इनके रुके रहने से सरकार की मंशा पर असर पड़ा है.
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