ED ने प्रॉपर्टी अटैच की तो फिर चर्चा में आया नेशनल हेराल्ड केस, क्या है ये?
नेशनल हेराल्ड अखबार को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 सितंबर 1938 में शुरू किया था. इस अखबार को आजादी की लड़ाई में एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
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National Herald: केन्द्रीय एजेंसी इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेशनल हेराल्ड केस में बड़ी कार्रवाई की है. दरअसल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन 2008 में बंद हो गया. ED ने नेशनल हेराल्ड और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में अब करीब 752 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और इक्विटी हिस्सेदारी जब्त की है. कांग्रेस ने चुनावों के दौरान हुए इस एक्शन को बदले की कार्रवाई बताया है. आपको बता दें कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड(AJL) के पास नेशनल हेराल्ड का स्वामित्व था. इसे 2010 में यंग इंडियन (YI) नाम की कंपनी को बेच दिया गया था. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप हैं. आइए इसे समझते हैं.
ED has issued an order to provisionally attach properties worth Rs. 751.9 Crore in a money-laundering case investigated under the PMLA, 2002. Investigation revealed that M/s. Associated Journals Ltd. (AJL) is in possession of proceeds of crime in the form of immovable properties…
— ED (@dir_ed) November 21, 2023
क्या है नेशनल हेराल्ड?
नेशनल हेराल्ड अखबार को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 सितंबर 1938 में शुरू किया था. इस अखबार को आजादी की लड़ाई में एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया. 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश सरकार ने इसपर बैन लगा दिया था. 2008 में वित्तीय परेशानी बताते हुए इस अखबार का प्रकाशन बंद कर दिया गया.
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अब केस के बारे में जानिए
नेशनल हेराल्ड अखबार का स्वामित्व एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड(AJL) के पास था. AJL भी 1937 में बनाई गई थी और इसे भी पंडित नेहरू का ही ब्रेन चाइल्ड समझा जाता था. वैसे यह नेहरू की निजी संपत्ति कभी नहीं रहा, बल्कि बाद के दिनों में इसके हजार से अधिक शेयर हेल्डर हुए. AJL के पास देश के कई शहरों में करोड़ों रुपये की संपत्तियां थीं. AJL पर कांग्रेस पार्टी की 90.21 करोड़ रुपए की देनदारी थी. अखबार के बंद होने के बाद कांग्रेस ने यंग इंडियन(YI) नाम से एक नई कंपनी बनाई जिसमे सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है. पार्टी ने AJL पर कांग्रेस की देनदारियों को गैर वसूली योग्य मानते हुए AJL को 50 लाख रुपए में यंग इंडियन लिमिटेड को बेच दिया.
यहीं पर तब 2012 में भारतीय जनता पार्टी (अब तृणमूल कांग्रेस के साथ) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हेर-फेर का आरोप लगाया. ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते अगस्त 2014 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया. केस में सोनिया गांधी, राहुल सहित कई कांग्रेसी नेताओं को आरोपी बनाया गया था. ED ने इस मामले में अगस्त 2022 में सोनिया गांधी, राहुल, मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई नेताओं से पूछताछ की थी और हेराल्ड हाउस की बिल्डिंग में स्थित यंग इंडियन के ऑफिस को सील कर दिया था.
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बीजेपी की पांच राज्यों में हार से ध्यान भटकाने का हथकंडा है कार्रवाई: कांग्रेस
कांग्रेस ने ED की कार्रवाई को ‘प्रतिशोध का तुच्छ हथकंडा’ करार दिया और ED को भाजपा का ‘गठबंधन साझेदार’ बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘ED द्वारा AJL की संपत्तियां कुर्क किये जाने की खबरें पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार से ध्यान हटाने के लिए उनकी हताशा को दिखाती हैं, भाजपा का कोई भी गठबंधन सहयोगी- CBI, ED या आयकर विभाग भाजपा की हार को नहीं रोक सकता’.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एजेअल की संपत्तियों की कुर्की किए जाने की ख़बरें चल रहे विधानसभा चुनावों में सभी राज्यों में निश्चित हार से ध्यान हटाने की उनकी हताशा को दिखाती हैं।
पीएमएलए के तहत कार्रवाई केवल निश्चित दिख रहे अपराध के संकेत या किसी मुख्य अपराध के बाद हो सकती है।… pic.twitter.com/82pNwVxrJZ
— Congress (@INCIndia) November 21, 2023
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