BJP-JDS ने राज्यसभा चुनाव में दूसरा उम्मीदरवार उतार फंसाया पेच पर DK कह रहे- मैं हूं न!

रूपक प्रियदर्शी

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NewsTak
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Rajya Sabha Election: 27 फरवरी को होने वाला राज्यसभा का चुनाव बीजेपी के तिकड़म की वजह से कई राज्यों में फंस गया है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी वहीं हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस की जीत रोकने के लिए बीजेपी ने जाल बिछाया हुआ है. बीजेपी के इस खेल के बाद कांग्रेस के लिए जीती हुई सीट पर भी मुश्किल खड़ी हो गई है. कर्नाटक में 4 सीटों पर राज्यसभा चुनाव है. नंबर गेम के हिसाब से कांग्रेस की 3 और एक सीट पर बीजेपी-जेडीएस अलायंस की जीत पक्की लग रही थी, लेकिन चार सीटों के लिए होने वाले चुनाव में बीजेपी-जेडीएस ने पांचवां उम्मीदवार खड़ा करके अब वोटिंग की नौबत ला दी है.

तेलंगाना, हिमाचल और कर्नाटक-इन तीनों राज्यों में बीजेपी को हराकर कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है. कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें कर्नाटक से जीतने का चांस है,लेकिन अब उसपर संकट नजर आ रहा है. कर्नाटक में बीजेपी कोई खेल कर सकती है, शायद इसी की आशंका के चलते कांग्रेस हाईकमान ने सोनिया गांधी के लिए कर्नाटक की बजाय राजस्थान चुना जहां कांग्रेस की सरकार भी नहीं है.

ये है कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव का गणित

224 विधायकों वाले कर्नाटक में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 45 वोटों की जरूरत है. कांग्रेस के पास 135 विधायकों के वोट है. अजय माकन, नासिर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. पार्टी में क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो तीनों जीतकर राज्यसभा सांसद बन जाएंगे. वैसे आपको बता दें कि, अजय माकन कांग्रेस के कोषाध्यक्ष हैं. नासिर हुसैन खरगे की टीम के माने जाते हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के 66 और जेडीएस के 19 विधायक मिलाकर उनके नंबर 85 होते है. सिंपल मैथेमेटिक्स से बीजेपी से नारायणसा बांगडे जीत जाएंगे लेकिन सारा नंबर गड़बड़ हो रहा है जेडीएस के कुपेंद्र रेड्डी को उम्मीदवार बनाने से. रेड्डी को जिताने के लिए बीजेपी-जेडीएस को 5 वोटों की कमी है. कांग्रेस में टूट हो जाएगी, इसी उम्मीद में बीजेपी-जेडीएस ने अपना दूसरा उम्मीदवार उतारा है.

राज्यसभा सीटें जीत के लिए जरूरी कांग्रेस बीजेपी-जेडीएस बीजेपी को कमी
4 45 45×3=135 66+19=85 5

अब डीके शिव कुमार ने संभाला मोर्चा

कांग्रेस में चुनाव का सारा मैनेजमेंट कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार के जिम्मे होता है. पांचवां उम्मीदवार लाकर बीजेपी ने डीके को चैलेंज किया है. वैसे डीके का कहना हैं कि, कोई क्रॉस वोटिंग नहीं होगी. कांग्रेस के तीन उम्मीदवार जीतेंगे. डीके ने उल्टा बीजेपी-जेडीएस को टेंशन देते हुए दावा किया हैं कि, उनके विधायक अपने अंतरात्मा की आवाज पर कांग्रेस को वोट करेंगे.

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कर्नाटक में पिछले साल के मई में कांग्रेस सरकार बनने के बाद से ही दल-बदल और उठापटक की बातें चलती आ रही है. रोज कोई न कोई बयान देता है कि, ‘उस पार्टी के विधायक संपर्क में हैं या वो पार्टी टूटने वाली है.’

राज्यसभा चुनाव में कौन देता है वोट और कैसे होता है चुनाव

राज्यसभा चुनाव में विधायक वोटर होते है. जिसके जितने विधायक होते हैं उस कैलकुलेशन के हिसाब से चुनाव में उम्मीदवार उतारे जाते है. चुनाव फंसने के लिए बहुमत के लायक नंबर नहीं होने पर भी एकाध एक्स्ट्रा उम्मीदवार उतारा जाता है. चुनाव में विधायकों को पार्टी ‘व्हिप’ जारी करती है. मतलब जिसको वोट देने के लिए पार्टी हाईकमान ने कहा है उसको वोट डालना ही है. ऐसा नहीं करने पर सदस्यता खतरे में पड़ जाती है. राज्यसभा चुनाव में अक्सर जो गड़बड़ी होती है वो ‘क्रॉस वोटिंग’ से होती है. क्रॉस वोटिंग मतलब पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर विरोधी पार्टी के उम्मीदवार को वोट डालना. दूसरा तरीका ये है कि, वोट न डालकर वोटिंग से गैरहाजिर हो जाना. क्रॉस वोटिंग और वोटिंग से गैरहाजिरी- यही दो हथियार है जिसके जरिए बीजेपी ने हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में हराने का प्लानिंग की है.

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