बीजेपी MP निशिकांत ने TMC नेता महुआ पर लगे आरोपों का प्रूफ भी दे दिया! जानें पूरा मामला

राजू झा

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Nishikant Dubey
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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. दुबे ने न केवल आरोप लगाए हैं बल्कि उनको साबित करने के लिए दस्तावेज भी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को दिए हैं. उन्हों ने स्पीकर को चिट्‌ठी लिखकर कहा है कि मुंबई के एक बिजनेसमैन के कहने पर महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में सवाल पूछे.

निशिकांत का आरोप है कि सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा ने बिजनेसमैन से पैसे और गिफ्ट भी लिए. बीजेपी सांसद का दावा है कि, वकील जय अनंत देहाद्राई ने उनको इस बाबत सबूत भी दिए हैं. क्या है ये पूरा मामला, आइए विस्तार से समझते हैं…

महुआ मोइत्रा पर क्या है आरोप

निशिकांत दुबे ने चिट्‌ठी में लिखा- ”महुआ मोइत्रा ने 2019 से 2023 के बीच संसद में कुल 61 में से करीब 50 ऐसे सवाल पूछे जो कि सुरक्षा से जुड़े थे. जब भी सदन चला तब महुआ और सौगत रॉय हमेशा सदन डिस्टर्ब करते रहे. इससे पीछे मकसद था कि सरकार के जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाने से रोका जा सके. अब सबूत आ गए हैं कि सवाल के बदले पैसे और उपहार लिए गए तो वे बेनकाब हो चुकी हैं. स्पीकर इस मामले में एक जांच कमेटी बनाएं. जब तक कमेटी की जांच पूरी नहीं होती, तब तक महुआ को लोकसभा की सदस्यता से सस्पेंड रखा जाए.”

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निशिकांत दुबे ने स्पीकर को भेजे पत्र के साथ शिकायत करने वाले का पत्र भी दिया है. इस पत्र में भी महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. निशिकांत दुबे ने स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा है कि यह विशेषाधिकार हनन, सदन की अवमानना और आईपीसी की धारा 120-ए के तहत आपराध है. उन्होंने जिस बिजनेसमैन से पैसे और गिफ्ट लेने के आरोप लगाए उसका नाम दर्शन हीरानंदानी है.

महुआ ने सोशल मीडिया पर दिया ये जवाब

इधर, महुआ मोइत्रा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ पहले से संसद में कई मामले लंबित हैं. उन पर पहले कार्यवाही की जाए, फिर उनके किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है. महुआ मोइत्रा ने एक्स (ट्विटर) पर निशिकांत दुबे को करारा जवाब दिया है. उन्होंने तंज कसते हुए लिखा-

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‘एक कॉलेज/विश्वविद्यालय खरीदने के लिए अपनी गलत कमाई और उपहारों का उपयोग कर रही हूं. ताकि ‘डिग्री दुबे’ एक असली डिग्री खरीद सकें’. लोकसभा स्पीकर कृपया झूठे हलफनामे के लिए उनके खिलाफ जांच पूरी करें. फिर मेरी जांच के लिए कमेटी गठित करें. ‘फर्जी डिग्रीवाला’ और अन्य के खिलाफ विशेषाधिकारों के उल्लंघन के मामले लंबित हैं. उनके खिलाफ कार्रवाई के तुरंत बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है. मैं अडानी कोल स्कैम को लेकर भी मुकदमा दर्ज होने का इंतजार कर रही हूं’.

अदाणी लिए चुनौती बन रहा हीरानंदानी समूह?

देश में रीयल एस्टेट के बड़े कारोबारियों में शुमार होने वाले निरंजन हीरानंदानी के बेटे हैं दर्शन हीरानंदानी. दर्शन हीरानंदानी जल्द ही हीरानंदानी ग्रुप के CEO बनने वाले हैं. हीरानंदानी समूह का ऊर्जा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बिजनेस है. हीरानंदानी समूह अदाणी समूह की कॉम्पिटीटर मानी जाती है. हीरानंदानी समूह ने इन्फ्रा और ऊर्जा के उस कॉन्ट्रैक्ट के लिए भी बोली लगाई थी, जो आखिरकार अदाणी समूह को मिला था. इसके अलावा, हीरानंदानी समूह ने वर्ष 2014 में धामरा पोर्ट के लिए भी बोली लगाई थी, जबकि यह कॉन्ट्रैक्ट भी अदाणी समूह को ही मिला था. जनवरी, 2023 में हीरानंदानी समूह के खिलाफ आयकर विभाग ने तलाशी अभियान चलाया था. उससे पहले वर्ष 2002 के मार्च माह में भी समूह के खिलाफ विदेशों में बेनामी निवेश की जांच की गई थी. उस समय भी हीरानंदानी समूह ने दावा किया था कि निवेश नियमों के अनुसार ही किया गया था.

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इसके बाद, अक्टूबर, 2021 में पैंडोरा पेपरों में भी समूह पर आरोप लगाया गया था कि, 6 करोड़ अमेरिकी डॉलर के ट्रस्ट का फायदा हीरानंदानी परिवार को मिला, क्योंकि ट्रस्ट का पैसा दर्शन हीरानंदानी का ही था. इससे पहले, नवंबर, 2017 में पैराडाइज पेपरों हीरानंदानी समूह पर PF फ्रॉड से जुड़े आरोप लगाया गए थे, और दावा किया गया था कि, समूह ने केस सामने आने से पहले ही विदेशी फर्म बना ली थी.]

दर्शन हीरानंदानी पर पहले इस वकील ने लगाए आरोप

एडवोकेट जय अनंत देहाद्री की चिट्ठी के मुताबिक- दर्शन हीरानंदानी पर साल 2021 में महुआ मोइत्रा को 2 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है. आरोप के मुताबिक, महुआ को यह रकम इंटरनेशनल मीडिया में अदाणी समूह और पीएम मोदी को निशाना बनाने के लिए दी गई थी. दर्शन हीरानंदानी के PA ने साल 2019 में महुआ मोइत्रा के आवास पर अदाणी समूह के ख़िलाफ़ एक डॉज़ियर भी पहुंचाया था.

आरोप है कि TMC सांसद ने PM और अदाणी समूह को टारगेट करने के लिए संसद में सवाल पूछे, जो हीरानंदानी समूह के हितों से जुड़े थे. एडवोकेट जय अनंत का यह भी आरोप है कि साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए हीरानंदानी ने ही महुआ मोइत्रा को 75 लाख रुपये की रकम दी थी. इसके अलावा, महुआ को आवंटित किए गए सरकारी आवास की मरम्मत का काम भी दर्शन हीरानंदानी ने ही करवाया, और महुआ को एक वक्त पर महंगे iPhone भी तोहफे में दिए. TMC सांसद पर एक गंभीर आरोप यह भी लगाया गया है कि उन्होंने अपने लोकसभा अकाउंट का पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिया, जिसकी बदौलत उन्होंने या तो संसद में पूछे जाने के लिए सवाल पोस्ट किए, या दर्शन के ही कहने पर महुआ ने उन सवालों को खुद पोस्ट किया.

अमित मालवीय ने भी किया ये ट्वीट

बीजेपी आईटी सेल के अमित मालवीय भी इस पूरे मामले में महुआ मोइत्रा को घेरते नजर आए. उन्होंने ट्विट कर कहा- ‘ममता बनर्जी की बिगड़ैल सांसद मोहुआ मोइत्रा ‘कैश फॉर क्वेरी’ घोटाले में फंस गई हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से अपनी संसद का लॉग इन क्रेडेंशियल एक कॉर्पोरेट समूह को दे दिया था. जिसने प्रतिद्वंद्वी बिजनेस ग्रुप के खिलाफ महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके कार्यालय का उपयोग किया था. यह सब नकदी और उपहारों के लिए.

इस मामले में पश्चिम बंगाल बीजेपी के महासचिव अग्निमित्र पॉल ने कहा है कि, निशिकांत दुबे के आरोप पर हम जानना चाहते हैं, क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से पैसे लिए हैं? इसकी जांच होनी चाहिए.’

क्या है ‘कैश फॉर क्वेरी’ जिसका निशिकांत कर रहे जिक्र

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ निशिकांत दुबे जिस कैश फॉर क्वेरी का जिक्र कर रहे हैं वो 2005 का है. दरअसल एक ऑनलाइन पोर्टल कोबरापोस्ट का स्टिंग ऑपरेशन एक निजी न्यूज चैनल पर प्रसारित हुआ था. स्टिंग में एक राज्यसभा और 10 लोकसभा सांसदों को एक्सपोज किया गया था. इसमें उन्हें पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने की बात कबूलते हुए दिखाया गया था. इनमें 6 भाजपा, 3 बसपा और एक-एक राजद और कांग्रेस के सांसद शामिल थे. उस वक्त प्रस्ताव लाकर सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था. बीजेपी ने इस प्रस्ताव का यह कहकर विरोध किया था कि निष्कासन कठोर सजा है, जबकि सर्वाधिक सांसद उसके ही थे.

 

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