JDU नेता अशोक चौधरी की बेटी शांभवी को चिराग ने समस्तीपुर से उम्मीदवार बना खेला बड़ा दाव, समझिए 

रूपक प्रियदर्शी

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Bihar Lok Sabha Election: बीते दिन सोशल मीडिया पर बाप-बेटी का एक वीडियो वायरल हुआ. वो वीडियो किसी आम शख्स का नहीं बल्कि नीतीश कुमार की सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी का है. वीडियो में शांभवी दौड़कर आती हैं और पिता को गले लगा लेती हैं. फिर गले लगाए हुए ही रोने लगती हैं. फिर अशोक चौधरी बेटी से कह रहे हैं कि, रो क्यों रही हो. तुम्हारा जो सपना था वो अब पूरा हो रहा है. पिता और बेटी का ये इमोशनल वीडियो कल से ही सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. आइए आपको बताते हैं आखिर कौन हैं शांभवी चौधरी और क्या है इस वीडियो में. 

बात ये है कि, बीते दिन लोकजन शक्ति पार्टी(LJP) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी को समस्तीपुर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया. इसी बात से चौधरी परिवार में खुशी की लहर दौड़ी. शांभवी अभी 25 साल की हैं और अगर वो चुनाव जीत जाती है तो सबसे कम उम्र की लोकसभा सांसद भी बन सकती हैं. सिर्फ 9 महीने पहले सियासत में इंट्री करने वाली शांभवी अब लोकसभा सांसद बनने की रेस में हैं. इसके साथ ही चौधरी परिवार की तीसरी पीढ़ी की भी सियासत में इंट्री हो गई है. 

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अजब-गजब रही है चौधरी परिवार की सियासत 

अशोक चौधरी की राजनीति अजब और गजब है. पिता महावीर चौधरी बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हुआ करते थे. कांग्रेस सरकारों में मंत्री भी रहे. अशोक चौधरी एक वक्त में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष हुआ करते थे. बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष होते हुए उन्होंने पाला बदल लिया था. नीतीश कुमार के साथ जेडीयू में चले गए. अशोक चौधरी आजकल नीतीश सरकार के दिग्गज मंत्रियों में से हैं. ग्रामीण विकास कार्य विभाग संभालते हैं. 

जेडीयू में आने के बाद अशोक चौधरी पार्टी के टॉप नेता माने जाते हैं. बेटी को राजनीति में आना था, तो जेडीयू से भी टिकट दिलवा सकते थे लेकिन टिकट LJP से मिला. शांभवी जमुई से लड़ना चाहती थी लेकिन चिराग ने जमुई से अपने बहनोई अरुण भारती को उतारा और शांभवी को समस्तीपुर सीट दे दी. 

अब जानिए कौन हैं शांभवी चौधरी 

शांभवी चौधरी पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल की बहू हैं. उनके पति हैं शायन कुणाल जिनसे 2022 में शादी हुई थी. नीतीश कुमार भी शादी में शामिल हुए थे. बहुत पढ़ी-लिखी होकर भी शांभवी चौधरी राजनीति में आई. उन्होंने हाल में चिराग पासवान की पार्टी ज्वाइन की थी. अशोक चौधरी की तीन बेटियां हैं, जिसमें शांभवी सबसे बड़ी है. शांभवी और सायन कुणाल की शादी भी बिहार में चर्चित रही है. अशोक चौधरी दलित और आचार्य कुणाल अगड़ी जाति के है. शांभवी और सायन की पुरानी जान-पहचान को परिवारों ने खुशी-खुशी शादी के रिश्ते में बदला था. अशोक चौधरी ने भी अपने जमाने में लव मैरिज की थी. उनकी पत्नी नीता कायस्थ परिवार से हैं. 

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शांभवी चौधरी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स के बाद एमिटी यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में पीएचडी की है. फिलहाल वो पटना के बड़े स्कूल ज्ञान निकेतन की डायरेक्टर हैं जिसका स्थापना उनके ससुर आचार्य किशोर कुणाल ने की थी. किशोर कुणाल ने आईपीएस से वीआरएस लेकर सामाजिक-धार्मिक कामों में जुट गए. वीपी सिंह की सरकार में अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए वीएचपी और बाबरी एक्शन कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए ओएसडी हुआ करते थे. आजकल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष और पटना के चर्चित महावीर मन्दिर न्यास के सचिव हैं.  

चिराग ने शांभवी को टिकट दे चला बड़ा दाव

बीजेपी से अलायंस होने के बाद चिराग पासवान ने बड़ा दांव खेला है. एक चुनाव में दो-दो पॉलिटिकल लॉन्चिंग कर रहे हैं. समस्तीपुर से शांभवी चौधरी और जमुई से अरुण भारती दोनों राजनीति में नए हैं और इंट्री के साथ ही चिराग ने उन्हें लोकसभा का टिकट दे दिया. 

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वैसे समस्तीपुर पासवान परिवार की पारंपरिक सीट रही है. 2014 और 2019 में चिराग पासवान के चाचा और रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान यहां से चुनाव जीते थे. रामचंद्र पासवान के निधन के बाद उनके बेटे प्रिंस राज को LJP का टिकट मिला, तो वो भी जीते लेकिन 2021 में LJP पर वर्चस्व की लड़ाई में प्रिंस राज चिराग के खिलाफ जाने की गलती कर गए. चिराग ने चाचा पशुपति पारस के साथ चचेरे भाई प्रिंस राज को भी पार्टी से निकाल दिया था. चिराग ने बगावत करने वाली वीणा देवी को तो वैशाली से टिकट दे दिया लेकिन प्रिंस को माफ नहीं किया. परिवार के बाहर से उम्मीदवार लाकर साफ कर दिया है कि उनको घरवालों से ज्यादा भरोसा बाहर वालों पर है. 

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