शाह के करीबी की कंपनी से जुड़ा था नाम, कांग्रेस छोड़ BJP जाने वाले रोहन गुप्ता की कहानी
बीजेपी में शामिल होने के बाद रोहन गु्प्ता ने कहा 'मैंने अपने आत्मसम्मान के चलते कांग्रेस छोड़ी है, मुझे रोजाना वहां अपमानित किया जाता था.'
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Rohan Gupta Joins BJP: कांग्रेस से प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर रोहन गुप्ता बीते दिन यानी कि 11 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद रोहन गु्प्ता ने कहा 'मैंने अपने आत्मसम्मान के चलते कांग्रेस छोड़ी है, मुझे रोजाना वहां अपमानित किया जाता था.'
बीजेपी की सदस्यता लेने के बाद कांग्रेस पर हमला करते रोहन बोले कि 'कितने विरोधाभास हो सकते हैं? एक संचार प्रभारी हैं जिनके नाम में 'राम' है, उन्होंने हमें चुप रहने के लिए कहा था जब सनातन (धर्म) का अपमान किया जा रहा था... देश के नाम का उपयोग कर के एक गठबंधन बनाया गया था लेकिन ' इसमें देश विरोधी ताकतें शामिल थीं। ऐसी क्या मजबूरी है कि जिस केजरीवाल पर खालिस्तानियों से जुड़े होने का आरोप था, आज उनका समर्थन किया जा रहा है?'
लौटाया था लोकसभा टिकट
कांग्रेस ने रोहन गुप्ता को गुजरात की अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित किया था. उन्होंने पिता की तबीयत का हवाला देते हुए ये टिकट वापस कर दिया. आपको बता दें कि रोहन गुप्ता कांग्रेस के पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कांग्रेस आईटी सेल के प्रमुख रह चुके हैं.
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पिता के कहने पर लिया था ये फैसला
आगामी चुनाव ना लड़ने को लेकर रोहन गुप्ता ने दावा किया था कि उनके पिता को पैनिक अटैक आया था और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन उनके पिता ने आईसीयू मे शिफ्ट होने और इलाज कराने से मना कर दिया, क्योंकि वे चाहते थे रोहन चुनाव ला लडे़ं. इसलिए उनका कहना मानकर रोहन ने चुनाव ना लड़ने का फैसला लिया.
2022 में शाह के करीबी की कंपनी से जुड़ा था नाम
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जून 2022 में रोहन गुप्ता का एक विवाद में नाम शामिल हुआ. उसमें ये खुलासा हुआ कि उनकी पत्नी योगिता और भाई अर्पण सनबर्ड्स इंफ्राबिल्ड में हिस्सेदार थे, जो की अमित शाह के करीबी गुजरात राज्य सहकारी बैंक और अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अजय पटेल की थी.
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बता दें कि साल 2018 में अजय पटेल ने अमित पर की गई टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप लगाया गया कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में बड़ी मात्रा में पैसों का विमुद्रीकरण किया गया है. इस कंपनी में शाह भी डायरेक्टर थे.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने कहा कि रोहन के पिता का मानना था कि उनके बेटे के चुनाव लड़ने से इस मुद्दे को हवा मिल जाएगी और इसे फिर उछाला जाएगा.
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