राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर उठाए सवाल, अब शुरू हुआ सर्वे, क्या कुछ बड़ा होगा?

रूपक प्रियदर्शी

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Agniveer Yojana: 4 जून को सिर्फ कांग्रेस या बीजेपी की हार या जीत का फैसला नहीं होगा. ये भी फैसला होगा कि सेना में 4 साल की भर्ती वाले अग्निवीर रहेंगे या जाएंगे. राहुल गांधी ने गारंटी दी हुई है कि इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो अग्निवीर योजना खत्म कर देंगे. हरियाणा की रैली में तो राहुल ने अब तक का सबसे बड़ा और कड़ा एलान कर दिया कि इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो अग्निवीर को कूड़ेदान में फेंक देंगे. 

अग्निवीर योजना को मोदी सरकार ने नाक का सवाल बना लिया है. अग्निवीर लाने हैं तो बस लाने हैं. असमंजस, अनिश्चितता के बीच 40 हजार अग्निवीर सेना का हिस्सा बन चुके हैं. नौसेना में 7385, वायुसेना में 4955 अग्निवीर ऑन ड्यूटी हैं. 

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अग्निवीर को लेकर सरकार करा रही सर्वे

2022 में लागू हुई अग्निवीर योजना का जितना विरोध हो रहा है सरकार उतनी ही मजबूती से अग्निवीर भर्ती करने में जुटी थी लेकिन चुनाव खत्म होते-होते सरकार ढीली पड़ने लगी है. अग्निवीर योजना का रिव्यू शुरू हो गया है. सरकार अग्निवीर योजना के फॉर्मेट में बदलाव की तैयारी में है. सेना अग्निवीरों, ट्रेनिंग स्टाफ, रेजीमेंट सेंटर्स और अग्नीविरों को ऑपरेट करने वाली यूनिट और सब-यूनिट के कमांडर्स  फीडबैक ले रही है. 

ऑफिशियल तो कुछ भी नहीं है लेकिन सर्वे कराकर सरकार ने सेना में भर्ती की प्रक्रिया पर योजना का असर समझना शुरू किया है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार से पूछवाया है कि आवेदकों ने अग्निवीर बनने के क्या कारण बताए? अग्निवीर फिट हैं या सेना के पुराने जवान? अग्निवीर और नॉन अग्निवीर जवानों में क्या कोई कॉम्पटीशन जैसा माहौल है? अग्निवीरों में क्या नेगेटिव है, क्या पॉजिटिव है? सेना में शामिल होकर देश सेवा का जज्बात भी सर्वे का एक सवाल है. एक सवाल ये भी कि क्या अग्निवीर अपने दूसरे साथियों को भी ज्वाइन करने के लिए रेकोमेंड करेंगे या नहीं.

अग्निवीर पर हंगामा क्यों?

अग्निवीर का सबसे बड़ा बवाल ही ये है कि साढ़े 17 साल से 21 साल की युवाओं की भर्ती सिर्फ 4 साल के लिए होती है. 4 साल बाद 100 में 75 अग्निवीर रिटायर होंगे. ड्यूटी पर रिटायरमेंट पर वन टाइम पेमेंट मिलेगी. सेना की ड्यूटी का रिस्क पूरा होगा लेकिन पेंशन के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं मिलने वाली. 

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चुनाव के बीच चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को हिदायत दी कि अग्निवीर पर मत बोलिए लेकिन राहुल गांधी कहां मानने वाले. नहीं झुके तो सरकार को झुकने के बारे में सोचना पड़ रहा है. रिव्यू के लिए अग्निवीर योजना पर सर्वे उसी दिशा में पहला कदम लगता है. 

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नौजवान, नौकरी, बेरोजगारी के सवालों पर राहुल गांधी ने PM मोदी को घेरा हुआ है. अग्निवीर के दर्द को राहुल ने अपना बना लिया. अग्निवीर खत्म कर देंगे, ऐसा बोलते-बोलते राहुल ने दक्षिण से उत्तर, पूरब से पश्चिम तक भारत नाप दिया. चुनाव के लिए जो गारंटी दी है उसमें भी अग्निवीर का खात्मा शामिल है. जो अग्निवीर का बवाल है वही राहुल गांधी का सवाल है.

हालांकि, जिस सर्वे को अग्निवीर के लिए बहुत बड़ा माना जा रहा है वो सरकार के इस यकीन का भी इशारा है कि वही सत्ता में वापस आएगी. पहले की तरह अग्निवीर में कुछ और थोड़े-बहुत बदलाव हो जाएं लेकिन मोदी सरकार के रहते अग्निवीर योजना कूड़ेदान में तो जाने से रही.

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