‘डोनेट फॉर देश’ कैंपेन से कांग्रेस का जोश हाई, केवल 31 दिनों में इतने करोड़ रुपए कर चुकी है इक्कठा
‘डोनेट फॉर देश’ ये कांग्रेस का वो अभियान जिससे लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने क्राउडफंडिंग शुरू की. ये अभियान अब कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण बनता नजर आ रहा है.
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![‘डोनेट फॉर देश’ कैंपेन से कांग्रेस का जोश हाई, केवल 31 दिनों में इतने करोड़ रुपए कर चुकी है इक्कठा Donate For Desh](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/nwtak/images/story/202401/donate-for-desh-1024x576.png?size=948:533)
Donate For Desh: ‘डोनेट फॉर देश’ ये कांग्रेस का वो अभियान जिससे लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने क्राउडफंडिंग शुरू की. ये अभियान अब कांग्रेस के लिए उम्मीद की किरण बनता नजर आ रहा है. पार्टी अबतक 15 करोड़ की बड़ी रकम जमा की जा चुकी है, लेकिन ये अभी काफी नहीं है. जाहिर है आपके मन में सवाल होगा कि आखिर कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी होते हुए भी ऐसी क्या जरूरत आन पड़ी की, अब उसे चंदा मांगना पड़ रहा है.आइए आपको पूरा मामला बताते हैं और ये भी बताएंगे कि किस राज्य से कांग्रेस को सबसे ज्यादा चंदा मिला है.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन के मुताबिक, पार्टी ने अब तक पिछले एक महीने में 15 करोड़ का चंदा जमा कर लिया है. माकन ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी. उन्होंने लिखा- आज का दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि हमारे अभियान का 31वां दिन है. हमने तीन लाख से अधिक वैध लेनदेन के माध्यम से सफलतापूर्वक 15 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
Today marks a significant milestone for https://t.co/kdXpsYx6II as we celebrate our 31st day! 🎉
We’ve successfully gathered ₹15 crores through over 3 lakh valid transaction requests.
A special shoutout to @ProfCong for their remarkable contribution: 5000+ members… pic.twitter.com/jQbI88VXTX
— Ajay Maken (@ajaymaken) January 18, 2024
कांग्रेस की वेबसाइट donateinc.net के मुताबिक 19 जनवरी की सुबह तक कांग्रेस को 15 करोड़ 42 लाख 70 हजार 596 रुपये मिल चुके हैं. कांग्रेस को देशभर के कई राज्यों और केंद्र शासित राज्यों से चंदा मिला है. राज्यों की बात करें तो राजस्थान से पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा मिला है. इसके बाद तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और पंजाब है. बात यूपी की करें तो यहां से कांग्रेस को 19 जनवरी की सुबह तक के डेटा के मुताबिक 75 लाख 88 हजार 676 रुपये मिले हैं. वहीं उत्तराखंड से कांग्रेस को 12 लाख 32 हजार 422 रुपये मिले. कांग्रेस को मिले अब तक के कुल चंदे में से 12.4 फीसदी हिस्सा यूपी और 1.2 फीसदी उत्तराखंड से है. कांग्रेस को जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अब तक चंदा मिला है उसमें यूपी सातवें और उत्तराखंड 20वें नंबर पर है.
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कांग्रेस ने 16 दिसंबर 2023 को शुरू किया था ‘डोनेट फॉर देश’ कैंपेन
कांग्रेस पार्टी ने 16 दिसंबर 2023 को ‘डोनेट फॉर देश’ नाम से एक क्राउडफंडिंग कैंपेन शुरू किया था. पार्टी के नेताओं के मुताबिक इस कैंपेन का मकसद एक समृद्ध भारत बनाने के लिए कांग्रेस को आर्थिक रूप से मजबूती देना और लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के लिए संसाधन जुटाना है, ताकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को टक्कर देने की पूरी तैयारी की जा सके. कैंपेन के लॉन्च होने के दो दिन बाद यानी 18 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोगों से कैंपेन में भाग लेने यानी चंदा देने के लिए कहा था.
बता दें कि राजनीतिक दल दो तरीकों से वैध पैसे कमा सकते हैं. पहला, सीधे लोगों से पैसा मांग कर और दूसरा बड़े औद्योगिक घरानों से या आम जनता का अपनी मनपसंद पार्टी को डोनेट करके. पार्टी के खाते में पैसा डालकर या फिर पार्टी के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर भी पैसे दिए जा सकते हैं. वहीं कॉर्पोरेट घराने, इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए या इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भी पैसा दिया जाता है. कई बार पार्टी के नेताओं के बैंक खाते या पार्टी के फंड वाले खाते में पैसे दिए जाते हैं और ये पैसे जुटाने के साफ-सुथरे तरीके हैं.
वर्तमान में बीजेपी है सबसे धनवान पार्टी
साल 2021-22 तक के उपलब्ध डेटा के मुताबिक बीजेपी के सारे एसेट्स की वैल्यूएशन 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है. इसकी तुलना में कांग्रेस के पास सिर्फ 805 करोड़ रुपये की संपत्ति है. ऐसे में फंडिंग बढ़ाने के लिए कांग्रेस ने डोनेट फॉर देश कैंपेन शुरू किया है. वहीं ADR का डेटा कहता है कि, साल 2016-17 से साल 2021-22 के बीच राजनीतिक दलों ने सबसे ज्यादा कमाई इलेक्टोरल बॉन्ड से की है. इन सालों के दौरान 7 राष्ट्रीय पार्टियों सहित कुल 31 पार्टियों को 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग मिली. इनमें से 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड से मिला. यहां सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पार्टी बीजेपी बनकर उभरी, उसे इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 5 हजार 271 करोड़ रुपये मिले, जबकि कांग्रेस को इस तरह सिर्फ 952 करोड़ रुपये की फंडिंग आई.
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क्या कांग्रेस एक गरीब पार्टी बन गई है?
अब लोगों के मन के सवाल कि, क्या कांग्रेस एक गरीब पार्टी बन गई है? का सवाल जवाब भी दे देते हैं. इसके जवाब को कुछ इस तरह समझा जा सकता है कि, कांग्रेस के पास वोट तो कम हैं ही, साथ ही में नोट भी कम हैं. दरअसल जब से केंद्र में बीजेपी की सरकार आई है, तब से कॉर्पोरेट हाउसेज ने कांग्रेस से पूरी तरह से हाथ खींच लिए हैं. कोई खुलकर कांग्रेस को सपोर्ट नहीं करता, फंड नहीं देता. इसके पीछे एक बड़ी वजह है ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’. इसके जरिए जब भी पैसा दिया जाता है तो इसकी जानकारी सरकार के पास चली जाती है, जिससे लोग घबराते हैं. इसलिए अब क्राउडफंडिंग से ही कांग्रेस अपने दोनों मकसद पूरे करना चाहती है कि वोट भी मिले और नोट भी. कांग्रेस का ये कैंपेन शुरू करने के पीछे एक वजह ये भी है कि, पहचान गुप्त रखते हुए ज्यादा फंड इकठ्ठा किया जा सके.
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