ED ने दोबारा भेजा समन पर विपश्यना में ही जाएंगे केजरीवाल, तो क्या अब गिरफ्तारी का है खतरा?

अभिषेक

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Arvind Kejriwal
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Arvind Kejriwal: दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाला मामले में इंफोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ED) ने अरविंद केजरीवाल को एकबार फिर से 21 दिसंबर को पेश होने का समन भेजा है. ED का यह दूसरा समन है. इससे पहले केजरीवाल को 2 नवंबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. उस वक्त केजरीवाल ने समन को राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया था और अपनी व्यस्तता बताकर ED के समक्ष पेश नहीं हुए थे. यह समन ऐसे समय में जारी हुआ है जब केजरीवाल अपने पहले से निर्धारित कार्यक्रमों में व्यस्त होंगे. केजरीवाल की तरफ से बोलते हुए पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह विपश्यना में तो जाएंगे. पिछले समन के बाद से ही चर्चा है कि क्या मनीष सिसोदिया, संजय सिंह की तरह केजरीवाल भी गिरफ्तार होंगे? क्या ED ऐसा कर सकती है?

इन सवालों के बरअक्स एक तथ्य यह भी है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद से जुड़े मामले में ED के 6 समन नजरअंदाज कर चुके हैं. क्या केजरीवाल के पास भी इतना ऑप्शन है? आखिर रास्ते क्या हैं?

सोमवार को ED ने दूसरा समन जारी किया तो मंगलवार को आम आदमी पार्टी(AAP) नेता राघव चड्डा ने कह दिया कि, ‘अरविंद केजरीवाल का विपश्यना में जाने का कार्यक्रम पहले से तय था और वो जाएंगे. हम कानूनी टीम से सलाह ले रहे हैं, उसके बाद ED को जवाब देंगे’.

इस बार भी केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं हुए तो क्या होगा?

ED अगर किसी व्यक्ति को कोई नोटिस जारी करती है और वो उसके सामने पेश नहीं होता है, तो धन शोधन निवारण ऐक्ट (PMLA) के मुताबिक ED किसी को भी अधिकतम तीन नोटिस जारी करती है. अगर इसके बाद भी वो व्यक्ति हाजिर नहीं होता है, तो ED कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करा सकती है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को वारंट में दी गई तारीख और समय पर कोर्ट में उपस्थित होना होगा. अगर इसके बाद भी कोई पेश नहीं होता तो ED दबिश देकर गिरफ्तार कर सकती है.

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केजरीवाल के सामने क्या हैं ऑप्शन?

अरविंद केजरीवाल ED के समन को कोर्ट में चैलेंज कर सकते हैं जिससे उनको कोर्ट का फैसला आने तक का समय मिल सकता है. वो गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी भी दे सकते हैं.

हेमंत सोरेन तो ED के 6 समन को कर चुके हैं दरकिनार

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले दिनों ED की छठी नोटिस को दरकिनार करते हुए उसके समक्ष पेश नहीं हुए. ED ने रांची के बड़गाई अंचल के अंतर्गत जमीन के खरीद-बिक्री में गड़बड़ी के मामले में सोरेन को 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर, 4 अक्टूबर और 12 दिसंबर को समन जारी किया था. जाहिर है कि इस मामले में ED अब कौन से विकल्प का इस्तेमाल करती है इसी पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. क्या ED कोर्ट जाकर ये मांग करेगी कि वो सोरेन से पूछताछ के लिए इजाजत दे? हेमंत सोरेन ने भी अपने ऊपर लगाए ED के सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि एजेंसी केंद्र सरकार के इशारों पर राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित होकर ऐसा कर रही है.

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