SBI ने सौंप दिया इलेक्ट्रोल बॉन्ड का अधूरा डाटा! सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाकर अब कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने SBI ने चुनावी बॉन्ड का जो डेटा इलेक्शन कमिशन को सौंपा है उसे अधूरा बताया है. दरअसल SBI ने चुनाव आयोग को बॉन्ड को खरीदने और भुनाने वालों का डेटा दिया है.
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Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स का डाटा बीते दिन चुनाव आयोग को सौंप दिया. फिर चुनाव आयोग ने SBI से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. चुनाव आयोग की ओर से अपनी वेबसाइट पर जो डाटा शेयर किया गया है, उसमें 12 अप्रैल 2019 के बाद से 1,000 रुपये से 1 करोड़ रुपये कीमत के चुनावी बॉन्ड (ये बॉन्ड अब समाप्त हो चुके हैं) की खरीद संबंधी जानकारी दी गई है. इसमें उन कंपनियों और व्यक्तियों का ब्योरा दिया गया है, जिन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे थे. साथ ही उन पार्टियों का भी विवरण है, जिन्हें ये चुनावी चंदा दिया गया था.
अब इस मामले में एक नया मोड या गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में SBI को फटकार लगाई है. SBI ने चुनावी बॉन्ड का जो डेटा इलेक्शन कमिशन को सौंपा है उसे SC ने अधूरा बताया है. दरअसल SBI ने चुनाव आयोग को बॉन्ड को खरीदने और भुनाने वालों का डेटा दिया है. इलेक्टोरल बॉन्ड के प्रत्येक खरीददार का एक 'यूनिक बॉन्ड नंबर' होता है जिसे SBI ने चुनाव आयोग को नहीं दिया है. इसी बात पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI को फटकार लगते हुए यूनिक बॉन्ड नंबर को भी आज शाम तक शेयर करने का आदेश जारी कर दिया है. इस मामले में अगली सुनवाई 18 मार्च यानी सोमवार को होनी है.
क्या है 'यूनिक बॉन्ड नंबर' का मामला, जिसके लिए SC ने SBI को सुना दिया?
इलेक्टोरल बॉन्ड SBI की 29 शाखाओं से खरीदें जाते है. कोई भी व्यक्ति इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद सकता है. फिर वो मनचाहे पार्टी के लिए इसे दान में दे सकता है. पार्टी को बॉन्ड खरीदने की डेट के समाप्त होने के 15 दिनों के भीतर उसे भुनाने होते है अन्यथा वो राशि पीएम केयर फंड में चली जाती है. जैसा की हमने आपको बताया कि, इलेक्टोरल बॉन्ड के प्रत्येक खरीददार का एक यूनिक बॉन्ड नंबर होता है. इसी यूनिक नंबर से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि, किस व्यक्ति ने किस पार्टी को चंदा दिया है. खरीददार के यूनिक कोड को भुनाने वाले के यूनिक बॉन्ड नंबर से मिलाने से पूरा डेटा साफ हो जाएगा.
किसे-कितना मिला चुनावी चंदा और किसने दिया?
इलेक्शन कमीशन की ओर से साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि चुनावी बांड के माध्यम से चुनावी चंदा हासिल करने वालों में भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल शामिल हैं. चुनावी बांड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दान देने वालों की लिस्ट में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांतालिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा और अन्य शामिल हैं.
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