फिलिस्तीन पर इजरायल के कब्जे को खत्म करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव से भारत ने किया किनारा, समझिए क्यों?
Palestinian-Israel: इजरायल के खिलाफ पेश हुए इस प्रस्ताव पर कई देशों ने मतदान से दूरी बनाई. मतदान से दूर रहने वालों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख देश शामिल थे.

Palestinian-Israel: संयुक्त राष्ट्र महासभा(UNGA) में बीते दिन एक महत्वपूर्ण मामले पर वोटिंग हुई. यह मामला था फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजरायल के अवैध कब्जे का. प्रस्ताव ये था कि, इजरायल 12 महीनों में फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर गैरकानूनी कब्जे को समाप्त कर दे. इसी को लेकर UNGA में एक प्रस्ताव रखा गया और वोटिंग हुई. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, 193 सदस्यीय UNGA में इस प्रस्ताव के पक्ष में 124 वोट पड़े, विपक्ष में 14 वोट पड़े और 43 वोट(देश) अनुपस्थित रहे. दिलचस्प बात तो ये है कि, भारत भी अनुपस्थित रहने वाले देशों में से एक रहा. आइए आपको बताते हैं भारत ने आखिर ऐसए क्यों किया और क्या है ये पूरा मामला?
पहले जानिए प्रस्ताव में क्या था?
UNGA में पेश हुआ प्रस्ताव फिलिस्तीन के क्षेत्रों पर इजरायल के कब्जे को लेकर था. प्रस्ताव का शीर्षक 'पूर्वी यरुशलम सहित कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में इजरायल की नीतियों से उत्पन्न होने वाले कानूनी परिणामों पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सलाहकार राय' था. इस प्रस्ताव में इजरायल से 'बिना किसी देरी के फिलिस्तीनी क्षेत्रों से अपनी गैरकानूनी उपस्थिति को समाप्त करने' किया गया था. संयुक्त राष्ट्र में फिलीस्तीनी प्रतिनिधि ने इजरायल पर तत्काल कार्रवाई का आह्वान करते हुए कहा, 'जब अंतरराष्ट्रीय कानून का बार-बार उल्लंघन किया जाता है, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय अपनी नजरें नहीं हटा सकता.'
वहीं संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उन्होंने इस प्रस्ताव को 'इजरायल की वैधता को कमजोर करने के लिए बनाया गया एक और राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम बताया. इसके साथ ही अमेरिका ने भी इस प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, यह प्रस्ताव शांति में योगदान नहीं देगा, बल्कि क्षेत्र में तनाव बढ़ाएगा.'
भारत ने मतदान में क्यों नहीं लिया भाग?
इजरायल के खिलाफ पेश हुए इस प्रस्ताव पर कई देशों ने मतदान से दूरी बनाई. मतदान से दूर रहने वालों में भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इटली, नेपाल, यूक्रेन और यूनाइटेड किंगडम जैसे प्रमुख देश शामिल थे. इसके साथ ही प्रस्ताव का विरोध करने वालों में इजरायल और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं. अमेरिका ने लगातार इजरायल की नीतियों का समर्थन किया है. इसमें सबसे दिलचस्प नाम भारत का रहा. भारत एक तरफ तो स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन करता है वहीं दूसरी तरफ इजरायल के साथ भी उसके अच्छे संबंध है. यही वजह है कि, भारत ने इस प्रस्ताव पर कोई स्टैन्ड नहीं लिया और वोटिंग में अनुपस्थित रहा.
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क्या है UNGA?
संयुक्त राष्ट्र महासभा, संयुक्त राष्ट्र के 6 अंगों में से एक हैं. इसमें संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राष्ट्रों का समान प्रतिनिधित्व है. यह सभा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर राष्ट्रों से सिफारिशें करती है. UNGA राजनीतिक, आर्थिक, मानवीय, सामाजिक और कानूनी सभी मामलों पर चर्चा करती है और उचित कार्रवाई करती है. हालांकि इसके आदेश सदस्य देशों पर बाध्यकारी नहीं होते है.