खराब सिग्नल, तेज रफ्तार, फिर दो ट्रेनों की टक्कर... 10 पॉइंट में समझिए रंगापानी रेल हादसे की क्या थी वजह 

अभिषेक

Kanchanjunga Express Accident: मालगाड़ी को TA-912 मेमो दिया गया था यानी चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था और 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था.

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Kanchanjunga Express Accident: पश्चिम बंगाल में सोमवार यानी बीते दिन एक बड़ा रेल हादसा हो गया. त्रिपुरा के अगरतला से सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस को बीते दिन एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी. ये घटना सोमवार सुबह 8.55 बजे हुई. इस हादसे में मालगाड़ी के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड सहित नौ लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं जिनका इलाज चल रहा है. इस दुर्घटना के पीछे की वजह लोको पायलट की चूक और खराब सिग्नल को जिम्मेदार बताया जा रहा है. आइए हम आपको बताते हैं कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे से जुड़े दस बड़े अपडेट्स-

1- कंचनजंगा एक्सप्रेस त्रिपुरा के अगरतला से सियालदाह जा रही थी. रंगापानी स्टेशन क्रॉस करने के बाद सुबह 8.55 बजे पीछे से आ रही एक मालगाड़ी ने ट्रेन को टक्कर मार दी. ये टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दो डिब्बे पटरी से उतर गए जबकि एक डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर अधर में लटक गया. 

2- इस हादसे की सूचना मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन सहित रेलवे, NDRF और SDRF की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों के लिए मौके पर पहुंचीं. लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से बचाव कार्य में मुश्किल हुई. 

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3- बंगाल के रानीपतरा रेलवे स्टेशन और चत्तर हाट जंक्शन के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम सोमवार सुबह 5.50 बजे से खराब था जिससे सिग्नलिंग में दिक्कत आ रही थी. इसी जगह मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को टक्कर मारी. 

4- ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम फेल होने की वजह से रंगापानी के स्टेशन मास्टर ने कंचनजंगा एक्सप्रेस को TA-912 नाम का एक लिखित नोट यानी मेमो जारी किया. सुबह 8.20 बजे कंचनजंगा एक्सप्रेस को ये मेमो जारी किया गया था. मालगाड़ी को सुबह 8.35 बजे ही मेमो जारी किया गया था. यह नोट सिग्नलिंग सिस्टम काम नहीं करने की स्थिति में लोको पायलट को सभी रेड सिग्नल क्रॉस करने की मंजूरी देता है. 

मालगाड़ी को TA-912 मेमो दिया गया था यानी चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था और 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था. इस नोट में कहा गया था कि, लोको पायलट को फाटकों पर नजर रखनी होगी. गेट बंद होने पर ही लोको पायलट ट्रेन को ले जा सकता है. अगर गेट खुला है तो उसे पहले ही ट्रेन रोकनी होगी.

5- रेलवे बोर्ड ने इस रेल दुर्घटना के लिए अपने शुरुआती बयान में मालगाड़ी के चालक को जिम्मेदार ठहराया था. रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने कहा था कि,मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की थी, जिस वजह से ये दुर्घटना हुई थी.

#WATCH दिल्ली: रेलवे बोर्ड अध्यक्ष एवं CEO जया वर्मा सिन्हा ने बताया, "आज सुबह यह हादसा हुआ है, कंचनजंगा एक्सप्रेस जो अगरतला से सियालदह जा रही थी उसे पीछे से मालगाड़ी ने सिग्नल को तोड़ते हुए टक्कर मारी है। ट्रेन के पीछे का गार्ड का डिब्बा, दो पार्सेल वैन और जनरल डिब्बे… pic.twitter.com/hBHNxANxKu

 

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 17, 2024

6- लोको पायलट संगठन ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि, चालक ने रेल सिग्नल का उल्लंघन किया. भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (IRLRO) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा कि, लोको पायलट की मौत हो जाने और सीआरएस जांच लंबित होने के बाद लोको पायलट को हादसे के लिए जिम्मेदार घोषित करना आपत्तिजनक है.

7- इस हादसे में नौ लोगों की मौत हुई है, जिनमें से अभी तक चार की पहचान नहीं हो सकी है. वही सभी घायलों के नामों की लिस्ट भी जारी कर दी गई है. 

8- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे के पीड़ितों के लिए घोषित राहत राशि बढ़ाने का ऐलान किया. इसके तहत मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये की राहत राशि, गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को पचास हजार रुपये की राहत राशि दी जाएगी.

9- कंचनजंगा ट्रेन हादसे के बाद बड़े पैमाने पर ट्रेनों के टाइमटेबल में बदलाव किया गया. हादसे के बाद प्रभावित रूट पर 19 ट्रेनों को डायवर्ट या रद्द कर दिया गया था.  

10- हादसे के बाद से ट्रैक को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. अब ट्रैक के सही करने के लिए स्लीपर बिछाने का काम किया जा रहा है. ट्रैक का काम पूरा होने के बाद ओएचई वायर जिससे ट्रेनों को बिजली की सप्लाई होती है उसकी मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा. 

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